कानपुर देहात: जिले में 11 साल से अपनी ही ज़मीन पाने के लिए रिटायर्ड शिक्षक अधिकारियों की चौखटों के चक्कर लगा रहे हैं. आरोप है कि 11 साल से दबंगई से बीएसपी नेता कुलदीप संखवार जमीन पर कब्जा किए हुए हैं. रिटायर्ड अध्यापक एसके शुक्ला डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत कर चुके हैं.
पूरा मामला कानपुर देहात के भोगनीपुर कोतवाली क्षेत्र के पुखरायां कस्बे का है. जहां पर बसपा की तरफ से घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए प्रत्याशी की घोषणा के तुरंत बाद से ही पार्टी के अंदर गुटबाजी शुरू हो गई है. इस गुटबाजी का परिणाम यह हुआ है कि घोषित प्रत्याशी के क्षेत्र में रहने वाले और बसपा के चित्रकूट मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी जितेंद्र संखवार को पार्टी से निकाल दिया गया है.
बसपा की कानपुर देहात जिला इकाई के अध्यक्ष आनंद कुरील की तरफ से पत्र जारी करके यह बताया गया कि जितेंद्र संखवार को पार्टी में अनुशासनहीनता के लिए बाहर किया गया है. अब बात सामने आ रही है कि बसपा के घाटमपुर उपचुनाव के प्रत्याशी कुलदीप संखवार ने दिल्ली में मायावती से मिलने के बाद जितेंद्र संखवार की शिकायत की थी, उसके बाद ही जितेंद्र को पार्टी से हटा दिया गया है.
कई बार बसपा से निकाला जा चुका
बसपा प्रमुख मायावती को कुलदीप संखवार के विषय में यह जानकारी नहीं दी गई है कि उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सात बार पार्टी से निकाला जा चुका है. कहा जा रहा है कि पार्टी के बड़े पदाधिकारी अब इस बात को छुपाने में लगे हैं. वैसे पार्टी प्रत्याशी कुलदीप संखवार ने स्वयं ही यह बात कही है कि उन्हें कई बार बसपा से निकाला जा चुका है.
दूसरे गुट का आरोप है कि कुलदीप संखवार को इतनी बार पार्टी से निकालने की सबसे बड़ी वजह यह है कि वह हमेशा अपनी विरोधी पार्टियों के प्रत्याशियों को चुनाव के दौरान जिताने की कोशिश में रहते आए हैं. बसपा की इस गुटबाजी को लेकर सोशल मीडिया पर भी जमकर आरोप-प्रत्यारोप किए जा रहे हैं. इसी के चलते अब कानपुर में बीएसपी ने घाटमपुर विधानसभा से उपचुनाव में कुलदीप संखवार को प्रत्याशी बना दिया है, जिनके ऊपर 11 साल से रिटायर्ड अध्यापक एसके शुक्ला की जमीन कब्जाने का आरोप है. जिले के उच्चाधिकरी इस मामले पर मौन नजर आ रहे है. बुजुर्ग शिक्षक ने मीडिया से न्याय की गुहार लगाई है.