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कानपुर देहात: एक ऐसी महिला जिसने महिला सशक्तिकरण को दी नई पहचान, जानिए उसकी जिंदगी के अनछुए पहलू - kanchan mishra social worker in kanpur dehat

कानपुर देहात जनपद के कस्बा अकबरपुर में रहने वाली समाज सेविका कंचन ने बड़े ही हिम्मत और लगन के साथ जनपद का नाम रोशन किया है. अपनी लगन और मेहनत के दम पर कंचन ने लोगों की मदद करके जनपद का नाम प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश के कई क्षेत्रों में रोशन किया है.

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समाज सेवा में कंचन मिश्रा महिलाओं के लिए बनीं मिसाल
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Published : Mar 5, 2020, 9:31 AM IST

कानपुर देहात: जिले के कस्बा अकबरपुर की रहने वाली कंचन मिश्रा बेहद चर्चा का विषय बनी हुई हैं. जिले की रहने वाली कंचन मिश्रा की उड़ान यही नहीं बल्कि अब देश के अलग-अलग राज्यों में भी देखने को मिल रही है. कंचन सरकार की तमाम योजनाओं पर नि:शुल्क सेवा भाव से काम करना व महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की जानकारी देने का काम करती हैं.

कंचन मिश्रा ने महिलाओं को शिक्षा के प्रति किया जागरूक.

महिलाओं को शिक्षा और समाज के प्रति किया जागरुक
इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षित महिलाओं, बुजुर्ग महिलाओं, बच्चियों को गांव-गांव जाकर शिक्षा के प्रति और समाज के प्रति जागरूक कर रही हैं. जिसको देखते हुए सरकार ने इनको सम्मानित किया है. इन्हें यूएस सम्मान व राज्य के अलग अलग हिस्सों में इनके अच्छे कामों को लेकर नवाजा गया है. कंचन ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए एक मिसाल बन गई हैं.

समाज सेवा से मिली लोकप्रियता
कंचन मिश्रा ने एक संगठन के प्रदेश संयोजक के पद पर रहकर सामाजिक सेवा का काम शुरू किया था. इनकी कर्तव्यनिष्ठा और नेक इरादों के चलते इन्हें जल्द ही लोकप्रियता मिली और धीरे-धीरे इनकी पहचान एक अच्छी समाज सेविका के रूप में निखर कर आई.

हाउस वाइफ से समाजसेविका तक इनके कार्य और लगनशीलता को देखते हुए कई NGO और कई संगठनों ने इनको महत्वपूर्ण पद भी दिए. प्रधानमंत्री के स्वच्छता मिशन से लेकर तमाम केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर समाज में जागरूकता लाने का काम व परिवारिक न्यायलय में मिली सदस्यता के साथ पति-पत्नी के बीच समझौते का कार्य भी करती हैं.

समाज सेवा का कार्य इन्होंने वर्ष 2013 से अखिल भारतीय दुर्गा परिषद ( महिला संगठन ) में रह कर शुरू किया. इस संगठन में राजनैतिक गतिविधियों के बढ़ने की वजह से इस संगठन को छोड़ कर 11 मई वर्ष 2015 में अपने स्वयं का संघठन (SOCIETY FOR EQUITABLE VOLUNTARY ACTIVITY, SEVA) के नाम से रजिस्टर्ड करवाया. संसाधनों का अभाव होते हुए भी लोगों को नि:शुल्क और निश्वार्थ भाव से जनता की सेवा कर रही हैं.

इसे भी पढ़ें:-महिला दिवस विशेष: कमजोरी को ताकत बना, सीमा दे रहीं महिलाओं को नई पहचान

कंचन 25 सदस्यीय टीम के साथ लोगों की सेवा का कार्य कर रही हैं. वहीं अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तरफ से इन्हें कानपुर जोन का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है. कंचन का कारवां यहीं नहीं खत्म हुआ. इन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करके 2 अक्टूबर को जनपद की तहसील अकबरपुर क्षेत्र का एक गांव बनारपुर अलीपुर को गोद लिया है और इस गांव को जनपद का सर्वश्रेष्ठ गांव भी बनाने का संकल्प भी लिया है.

गांव में 9 किशोरियों को व दस युवाओं को जोड़कर गांव के उच्चतम विकास के लिए अपनी मुहीम के साथ जोड़ा है. इनकी लग्नशीलता और नेक इरादों के चलते क्षेत्र और जनपद के लोग इनके साथ भारी संख्या में जुड़ रहे है. कंचन की मुहीम को देखते हुए खासकर महिलाओं में काफी उत्साह और प्रेरणा नजर आ रही है.

कानपुर देहात: जिले के कस्बा अकबरपुर की रहने वाली कंचन मिश्रा बेहद चर्चा का विषय बनी हुई हैं. जिले की रहने वाली कंचन मिश्रा की उड़ान यही नहीं बल्कि अब देश के अलग-अलग राज्यों में भी देखने को मिल रही है. कंचन सरकार की तमाम योजनाओं पर नि:शुल्क सेवा भाव से काम करना व महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की जानकारी देने का काम करती हैं.

कंचन मिश्रा ने महिलाओं को शिक्षा के प्रति किया जागरूक.

महिलाओं को शिक्षा और समाज के प्रति किया जागरुक
इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षित महिलाओं, बुजुर्ग महिलाओं, बच्चियों को गांव-गांव जाकर शिक्षा के प्रति और समाज के प्रति जागरूक कर रही हैं. जिसको देखते हुए सरकार ने इनको सम्मानित किया है. इन्हें यूएस सम्मान व राज्य के अलग अलग हिस्सों में इनके अच्छे कामों को लेकर नवाजा गया है. कंचन ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए एक मिसाल बन गई हैं.

समाज सेवा से मिली लोकप्रियता
कंचन मिश्रा ने एक संगठन के प्रदेश संयोजक के पद पर रहकर सामाजिक सेवा का काम शुरू किया था. इनकी कर्तव्यनिष्ठा और नेक इरादों के चलते इन्हें जल्द ही लोकप्रियता मिली और धीरे-धीरे इनकी पहचान एक अच्छी समाज सेविका के रूप में निखर कर आई.

हाउस वाइफ से समाजसेविका तक इनके कार्य और लगनशीलता को देखते हुए कई NGO और कई संगठनों ने इनको महत्वपूर्ण पद भी दिए. प्रधानमंत्री के स्वच्छता मिशन से लेकर तमाम केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर समाज में जागरूकता लाने का काम व परिवारिक न्यायलय में मिली सदस्यता के साथ पति-पत्नी के बीच समझौते का कार्य भी करती हैं.

समाज सेवा का कार्य इन्होंने वर्ष 2013 से अखिल भारतीय दुर्गा परिषद ( महिला संगठन ) में रह कर शुरू किया. इस संगठन में राजनैतिक गतिविधियों के बढ़ने की वजह से इस संगठन को छोड़ कर 11 मई वर्ष 2015 में अपने स्वयं का संघठन (SOCIETY FOR EQUITABLE VOLUNTARY ACTIVITY, SEVA) के नाम से रजिस्टर्ड करवाया. संसाधनों का अभाव होते हुए भी लोगों को नि:शुल्क और निश्वार्थ भाव से जनता की सेवा कर रही हैं.

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कंचन 25 सदस्यीय टीम के साथ लोगों की सेवा का कार्य कर रही हैं. वहीं अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तरफ से इन्हें कानपुर जोन का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है. कंचन का कारवां यहीं नहीं खत्म हुआ. इन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करके 2 अक्टूबर को जनपद की तहसील अकबरपुर क्षेत्र का एक गांव बनारपुर अलीपुर को गोद लिया है और इस गांव को जनपद का सर्वश्रेष्ठ गांव भी बनाने का संकल्प भी लिया है.

गांव में 9 किशोरियों को व दस युवाओं को जोड़कर गांव के उच्चतम विकास के लिए अपनी मुहीम के साथ जोड़ा है. इनकी लग्नशीलता और नेक इरादों के चलते क्षेत्र और जनपद के लोग इनके साथ भारी संख्या में जुड़ रहे है. कंचन की मुहीम को देखते हुए खासकर महिलाओं में काफी उत्साह और प्रेरणा नजर आ रही है.

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