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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से एक हफ्ते में मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी की परीक्षा में एक सवाल को डिलीट किए जाने के मामले में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को 19 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का कहा है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Feb 15, 2020, 10:19 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी की परीक्षा में एक सवाल को विशेषज्ञों की समिति द्वारा सही किए जाने के बावजूद डिलीट किए जाने के मामले में आयोग से 1 सप्ताह में जवाब तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि प्रश्न संख्या 37 जिसे कि विशेषज्ञ समिति ने सही माना था, उसे डिलीट क्यों किया गया? अजय कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी ने दिया.

याची के अधिवक्ता सीमान्त सिंह के मुताबिक आयोग ने सहायक प्रोफेसर हिन्दी के 166 पदों का विज्ञापन जारी किया था. इसकी लिखित परीक्षा 5 जनवरी 2019 को आयोजित हुई तथा संशोधित उत्तर कुंजी 30 अप्रैल 2019 को जारी की गई. याची अजय कुमार सिंह ने आंसर की में दिए गए पांच प्रश्नों के सही जवाब को लेकर आपत्ति करते हुए याचिका दाखिल की.

हाईकोर्ट ने इन प्रश्नों को बीएचयू के विशेषज्ञ प्रोफेसरों की कमेटी द्वारा जांच कर सुझाव देने का निर्देश दिया. बीएचयू की एक्सपर्ट कमेटी ने याची के सभी पांच प्रश्नों के जवाबों को सही पाया. हाईकोर्ट ने आयोग को एक्सपर्ट कमेटी की राय के आधार पर नए सिरे से परिणाम जारी करने का निर्देश दिया. आयोग ने फिर से परिणाम जारी कर दिया तथा 13 जनवरी 2020 को साक्षात्कार के बाद अंतिम परिणाम भी जारी कर दिया. याची का चयन नहीं हो सका.

उसने दोबारा याचिका दाखिल कर कहा कि प्रश्न संख्या 37 को आयोग ने पहली आंसर की में डिलीट कर दिया था, जबकि बीएचयू की एक्सपर्ट कमेटी के अनुसार याची का जवाब सही था. इसके बाद संशोधित परिणाम जारी करने पर भी उन्होंने उस प्रश्न को शामिल नहीं किया. यदि उस प्रश्न को शामिल किया जाता तो याची को 4.70 अंक का लाभ मिलता और उसका चयन हो जाता. कोर्ट ने इस संबंध में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को 19 फरवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा है.

ये भी पढ़ें: प्रयागराज: यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर, स्टूडेंट्स करें बात

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी की परीक्षा में एक सवाल को विशेषज्ञों की समिति द्वारा सही किए जाने के बावजूद डिलीट किए जाने के मामले में आयोग से 1 सप्ताह में जवाब तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि प्रश्न संख्या 37 जिसे कि विशेषज्ञ समिति ने सही माना था, उसे डिलीट क्यों किया गया? अजय कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी ने दिया.

याची के अधिवक्ता सीमान्त सिंह के मुताबिक आयोग ने सहायक प्रोफेसर हिन्दी के 166 पदों का विज्ञापन जारी किया था. इसकी लिखित परीक्षा 5 जनवरी 2019 को आयोजित हुई तथा संशोधित उत्तर कुंजी 30 अप्रैल 2019 को जारी की गई. याची अजय कुमार सिंह ने आंसर की में दिए गए पांच प्रश्नों के सही जवाब को लेकर आपत्ति करते हुए याचिका दाखिल की.

हाईकोर्ट ने इन प्रश्नों को बीएचयू के विशेषज्ञ प्रोफेसरों की कमेटी द्वारा जांच कर सुझाव देने का निर्देश दिया. बीएचयू की एक्सपर्ट कमेटी ने याची के सभी पांच प्रश्नों के जवाबों को सही पाया. हाईकोर्ट ने आयोग को एक्सपर्ट कमेटी की राय के आधार पर नए सिरे से परिणाम जारी करने का निर्देश दिया. आयोग ने फिर से परिणाम जारी कर दिया तथा 13 जनवरी 2020 को साक्षात्कार के बाद अंतिम परिणाम भी जारी कर दिया. याची का चयन नहीं हो सका.

उसने दोबारा याचिका दाखिल कर कहा कि प्रश्न संख्या 37 को आयोग ने पहली आंसर की में डिलीट कर दिया था, जबकि बीएचयू की एक्सपर्ट कमेटी के अनुसार याची का जवाब सही था. इसके बाद संशोधित परिणाम जारी करने पर भी उन्होंने उस प्रश्न को शामिल नहीं किया. यदि उस प्रश्न को शामिल किया जाता तो याची को 4.70 अंक का लाभ मिलता और उसका चयन हो जाता. कोर्ट ने इस संबंध में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को 19 फरवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा है.

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