कानपुर देहातः देश के बहुचर्चित हत्याकांड बेहमई कांड मामले की सुनवाई अब आठ मार्च को होगी. इस हत्याकांड के 40 साल हो गए हैं. न्याय के इंतजार में बैठे बेहमई गांव के पीड़ित ग्रामवासियों को इस खबर से थोड़ी आस बंधी होगी.
22 ठाकुरों की हुई थी हत्या
जनपद राजपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बेहमई गांव में 14 फरवरी 1981 को फूलन देवी ने अपने साथियों के साथ मिलकर 22 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. फूलन को शक था कि सजातीय डाकू लालाराम को गांव के लोग संरक्षण दे रहे हैं. वहीं फूलन देवी की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई है. वादी राजाराम सिंह का भी बीमारी के चलते निधन हो चुका है. घटना में मारे गए लोगों के परिजन न्याय के लिए चालीस साल से न्यायालय के चक्कर लगा रहे हैं.
आठ मार्च को होगी सुनवाई
चर्चित हत्याकांड मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद जब फैसले की उम्मीद लगाई तो कोर्ट की पत्रावली में मूल केस डायरी नहीं मिली थी. फिर केस डायरी की जांच के लिए प्रदेश के डीजीपी ने तीन सदस्यीय टीम गठित की थी. टीम को जांच में आज तक कुछ भी सुराग नहीं मिला. जांच टीम ने कोर्ट से और आंतरिक जांच कराने का अनुरोध कर रिपोर्ट सौपी थी. जिला शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल ने बताया कि कोर्ट में अवकाश होने से सुनवाई टल गई है. अब आठ मार्च की तारीख न्यायालय ने तय की हैं.