कानपुर देहातः केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि अध्यादेश के खिलाफ गुरुवार को जिले में किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया और नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया. किसान यूनियन ने 25 सितंबर को किसान अध्यादेश के खिलाफ भारत बंद का एलान किया था. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने नए अध्यादेश को काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग की.
भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में हजारों की संख्या में किसानों ने जिला मुख्यालय से लेकर नेशनल हाईवे तक जुलूस निकाला. इस दौरान किसानों ने जमकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं किसानों के प्रदर्शन को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का भी समर्थन मिला. प्रदर्शन के दौरान प्रशासन भी मुस्तैद दिखा. आलाधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे. वहीं किसानों ने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी प्रशासन को सौंपकर कृषि अध्यादेश को वापस लेने की मांग की.
किसानों ने पहले तो माती स्थित कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देते हुए कृषि अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन किया, इसके बाद भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में जिला मुख्यालय से नबीपुर तक जुलूस निकाला. इस दौरान किसानों ने नबीपुर गांव के पास झांसी नेशनल हाईवे को जाम कर दिया. किसानों के इस प्रदर्शन को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का भी समर्थन मिला.
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने केन्द्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि अध्यादेशों को किसान विरोधी और काला कानून बताया. इस दौरान किसानों ने इसे केन्द्र सरकार से वापस लेने की मांग की. वहीं चेतावनी दी कि अगर यह अध्यादेश सरकार वापस नहीं लेती तो प्रदर्शन भी जारी रहेगा.
इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष विपिन तिवारी ने कहा कि जो किसानों से संबंधित बिल पारित किए गए हैं वे किसान विरोधी हैं. इन बिलों के पास हो जाने के बाद किसान भुखमरी की कगार में आ जाएगा. किसान बंधुआ मजदूर की तरह हो जाएगा, जिसके चलते राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेश पर इन बिलों के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है.
वहीं किसानों के विशाल प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखाई दिया. इस दौरान अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार, एसडीएम अकबरपुर आनन्द कुमार, सीओ संदीप सिंह मौके पर डटे रहे. इस दौरान प्रदर्शन स्थल पर भारी पुलिस की तैनाती की गई थी.