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कानपुर देहात: किसानों को यूरिया के लिए करनी पड़ रही है मशक्कत

यूपी के जनपद कानपुर देहात में संदलपुर ब्लॉक के जैतापुर पीसीएफ केंद्र में विगत एक माह से यूरिया खाद नहीं है. इससे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि पीसीएफ केंद्र सहित प्रभारी कार्यालय पर ताला लटका हुआ है. इस दौरान खाद लेने आने वाले किसानों को बैरंग लौटना पड़ रहा है.

पीसीएफ केंद्र प्रभारी के कार्यालय में लगा ताला
पीसीएफ केंद्र प्रभारी के कार्यालय में लगा ताला
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Published : Sep 12, 2020, 6:42 PM IST

कानपुर देहातः जिले में शासन द्वारा लगातार किसानों के हित के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है. दरअसल संदलपुर ब्लॉक के अन्तर्गत 57 ग्राम पंचायतें आती हैं. यहां के किसान फसलों के लिए जैतापुर पीसीएफ केंद्र से खाद की खरीदारी करते हैं, लेकिन विगत एक माह से पीसीएफ केंद्र में यूरिया खाद नहीं है. इसके चलते किसान मुसीबतों का सामना कर रहे हैं. पीसीएफ केंद्र सहित प्रभारी कार्यालय में ताला लटक रहा है. इस दौरान खाद लेने के लिए आने वाले किसानों को बैरंग लौटना पड़ रहा है. वहीं फसलों को बचाने के लिए किसानों को बाजार की तरफ रुख करना पड़ रहा है.

दरअसल संदलपुर ब्लाॅक के अन्तर्गत आने वाले गांव जैतापुर पीसीएफ केंद्र पर किसान निर्भर हैं. किसानों ने बताया कि केंद्र में बीते 9 अगस्त को 22.5 मैट्रिक टन यूरिया खाद आई थी. जिसके बाद से खाद नहीं आई. जबकि किसानों को धान, बाजरा की फसल के लिए यूरिया की आवश्यकता है. किसानों ने बताया कि यूरिया खाद न मिलने से उनकी बाजरा की फसल बेकार हो रही है. बताया कि 266 रुपये में मिलने वाली यूरिया 330 रुपये में मजबूरन बाजारों से खरीदनी पड़ रही है.

वहीं किसानों के मुताबिक जरूरत के समय केंद्र में खाद न आने से मंहगे दामों में खाद खरीदनी पड़ रही हैं. मनकापुर के किसान थीरज ने बताया कि केंद्र में कई दिनों से ताला लटक रहा है. इससे यहां जानकारी देने वाला भी कोई नहीं है. जैतापुर पीसीएफ केंद्र प्रभारी राधेश्याम ने बताया कि जिला निबंधक सहकारी समिति पीसीएफ केंद्र पर यूरिया खाद न भेजकर सहकारी समितियों में खाद भेज रहे हैं. उनके केंद्र पर एक माह पहले 22.5 मैट्रिक टन खाद आई थी. तब से खाद नहीं आ रही हैं. इससे किसान परेशान हैं.

कानपुर देहातः जिले में शासन द्वारा लगातार किसानों के हित के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे इतर है. दरअसल संदलपुर ब्लॉक के अन्तर्गत 57 ग्राम पंचायतें आती हैं. यहां के किसान फसलों के लिए जैतापुर पीसीएफ केंद्र से खाद की खरीदारी करते हैं, लेकिन विगत एक माह से पीसीएफ केंद्र में यूरिया खाद नहीं है. इसके चलते किसान मुसीबतों का सामना कर रहे हैं. पीसीएफ केंद्र सहित प्रभारी कार्यालय में ताला लटक रहा है. इस दौरान खाद लेने के लिए आने वाले किसानों को बैरंग लौटना पड़ रहा है. वहीं फसलों को बचाने के लिए किसानों को बाजार की तरफ रुख करना पड़ रहा है.

दरअसल संदलपुर ब्लाॅक के अन्तर्गत आने वाले गांव जैतापुर पीसीएफ केंद्र पर किसान निर्भर हैं. किसानों ने बताया कि केंद्र में बीते 9 अगस्त को 22.5 मैट्रिक टन यूरिया खाद आई थी. जिसके बाद से खाद नहीं आई. जबकि किसानों को धान, बाजरा की फसल के लिए यूरिया की आवश्यकता है. किसानों ने बताया कि यूरिया खाद न मिलने से उनकी बाजरा की फसल बेकार हो रही है. बताया कि 266 रुपये में मिलने वाली यूरिया 330 रुपये में मजबूरन बाजारों से खरीदनी पड़ रही है.

वहीं किसानों के मुताबिक जरूरत के समय केंद्र में खाद न आने से मंहगे दामों में खाद खरीदनी पड़ रही हैं. मनकापुर के किसान थीरज ने बताया कि केंद्र में कई दिनों से ताला लटक रहा है. इससे यहां जानकारी देने वाला भी कोई नहीं है. जैतापुर पीसीएफ केंद्र प्रभारी राधेश्याम ने बताया कि जिला निबंधक सहकारी समिति पीसीएफ केंद्र पर यूरिया खाद न भेजकर सहकारी समितियों में खाद भेज रहे हैं. उनके केंद्र पर एक माह पहले 22.5 मैट्रिक टन खाद आई थी. तब से खाद नहीं आ रही हैं. इससे किसान परेशान हैं.

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