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इस दरगाह में रखा है मोहम्मद साहब के कदम रखने से पिघला पत्थर

कानपुर देहात के अकबरपुर स्थित एक ऐसी दरगाह है, जहां सबकी मुरादें पूरी होती हैं. इस दरगाह बारा तकिया की बड़ी दरगाह के नाम से भी जानी जाती है. मान्यता है कि इस दरगाह में पैगम्बर साहब के कदम के निशान पत्थर पर मौजूद है.

कानपुर देहात में इस दरगाह पर पूरी होती है मन की मुराद.
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Published : Jul 13, 2019, 10:14 PM IST

Updated : Jul 14, 2019, 12:05 PM IST

कानपुर देहात: कानपुर देहात के अकबरपुर स्थित NH-2 बारा गांव में एक दरगाह है. इस दरगाह में हजरत मोहम्मद साहब सल्लैह ताला अलैहे वसल्लम पैगम्बर मोहम्मद साहब की कदम नाशिर है. आज भी कई पीढ़ियां गुजर जाने के बाद जिस पत्थर पर उनके कदम पड़े वहां उस पिघले हुए पत्थर पर उनके कदम का निशान मौजूद है.

इस दरगाह पर पूरी होती है मन की मुराद.


इसको लेकर हजरते बुजगो की दरगाह बनी हुई है. यह मन्नतों वाली दरगाह मानी जाती है. यह दरगाह बारा तकिया की बड़ी दरगाह के नाम से भी जानी जाती है. कहते हैं कि यहां जो भी मुरादें मांगी जाती है वह पूरी होती हैं. मोहम्मद साहब के कदमों के निशान वाला पत्थर और यहां की खासियत को लेकर दूर-दराज के लोग अपनी मुरादें लेकर यहां आते हैं.


जब ईटीवी भारत की टीम ने यहां के गद्दी नाशिर मोहम्मद हाशिब रजा कादरी से बात की तो उन्होंने बताया कि मोहम्मद साहब सल्लैह ताला अलैहे वसल्लम पैगम्बर मोहम्मद साहब यहां जब रहते थे, तो उनके कदम एक पत्थर पर पड़े. इसके बाद वह पत्थर पिघल गया और उस पर आज भी उनके कदमों के निशान मौजूद हैं.


उन्होंने बताया कि 2001 में यहां गैस टैंकर ब्लास्ट हुआ था, लेकिन जो जांच करने टीम आई थी उनका कहना था कि इतना बड़ा ब्लास्ट जिसके चलते पांच किमी. तक कुछ नहीं बचना चाहिए था, लेकिन मोहम्मद साहब की देन से यहां कुछ नहीं हुआ.

कानपुर देहात: कानपुर देहात के अकबरपुर स्थित NH-2 बारा गांव में एक दरगाह है. इस दरगाह में हजरत मोहम्मद साहब सल्लैह ताला अलैहे वसल्लम पैगम्बर मोहम्मद साहब की कदम नाशिर है. आज भी कई पीढ़ियां गुजर जाने के बाद जिस पत्थर पर उनके कदम पड़े वहां उस पिघले हुए पत्थर पर उनके कदम का निशान मौजूद है.

इस दरगाह पर पूरी होती है मन की मुराद.


इसको लेकर हजरते बुजगो की दरगाह बनी हुई है. यह मन्नतों वाली दरगाह मानी जाती है. यह दरगाह बारा तकिया की बड़ी दरगाह के नाम से भी जानी जाती है. कहते हैं कि यहां जो भी मुरादें मांगी जाती है वह पूरी होती हैं. मोहम्मद साहब के कदमों के निशान वाला पत्थर और यहां की खासियत को लेकर दूर-दराज के लोग अपनी मुरादें लेकर यहां आते हैं.


जब ईटीवी भारत की टीम ने यहां के गद्दी नाशिर मोहम्मद हाशिब रजा कादरी से बात की तो उन्होंने बताया कि मोहम्मद साहब सल्लैह ताला अलैहे वसल्लम पैगम्बर मोहम्मद साहब यहां जब रहते थे, तो उनके कदम एक पत्थर पर पड़े. इसके बाद वह पत्थर पिघल गया और उस पर आज भी उनके कदमों के निशान मौजूद हैं.


उन्होंने बताया कि 2001 में यहां गैस टैंकर ब्लास्ट हुआ था, लेकिन जो जांच करने टीम आई थी उनका कहना था कि इतना बड़ा ब्लास्ट जिसके चलते पांच किमी. तक कुछ नहीं बचना चाहिए था, लेकिन मोहम्मद साहब की देन से यहां कुछ नहीं हुआ.

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नोट- E tv bharat एब व L U - smart से up-cnd-mohmmad sahab-2019-visual+wt+bite-7205968 नाम की 1 फाइल भेजी जा चुकी है


एंकर-पड़ते है कदम उनके.. तो पथ्थर भी पिघल जाते है...अल्फाजों को बयां कर पाना..मेरे शब्द लड़खड़ाते है..कारनामे है उनके इतने हम बात कर रहे है हजरत मोहम्मद साहब सल्लैह ताला अलैहे वसल्लम पैगम्बर मोहम्मद साहब की जिनके कदम नाशिर हुए कानपुर देहात के अकबरपुर स्थित NH2 बारा गांव में जो आज भी कई पीढियां गुजर जाने के बाद जिस पथ्थर पड़े उनके कदम वो पिघला हुआ पथ्थर पर उनके कदमो के निशान मौजूद है....हर बला हर कष्ट रहते है इस गांव से दूर क्योंकि मोहम्मद साहब के कर्मो से होते है यहा बड़े बड़े चमत्कार.....देखे etv भारत पर स्पेशल रिपोर्ट....


Body:वी0ओ0-कानपुर देहात में आज भी कई पीढियां गुजर जाने के बाद जहा पड़े थे मोहम्मद साहब के कदम वो पथ्थर पिघल गया था वो आज भी बारा गांव में मौजूद है जिसको लेकर हजरते बुजगो की दरगाह बनी हुई है और यहा काफी मन्नतो वाली दरगाह मानी जाती है इस दरगाह का नाम बारा तकिया की बड़ी दरगाह के नाम से जाना जाता है कहते है कि हर इबादत इख़्तियार होती है जो भी मांगी जाए दिल से यहाँ हर मुराद पूरी होती है मोहम्मद साहब के कदमो के निशान वाला पथ्थर और यहा की खाशियत को लेकर यहा पर दूर दराज के लोग अपनी मुरादे लेकर आते है और अपनी खाली झोली को महम्मद साहेब की रहमो करम से भरकर जाते है......


Conclusion:वी0ओ0-तो वही पर जब etv भारत की टीम ने यहा के गद्दी नाशिर मोहम्मद हाशिब रजा कादरी से बात की तो उन्होंने बताया कि मोहम्मद साहब सल्लैह ताला अलैहे वसल्लम पैगम्बर मोहम्मद साहब यहा जब रहते थे तो उनके कदम एक पथ्थर पर पड़े वो पथ्थर वैसे ही पिघल गया और उस पर आज भी उनके कदमो के निशान मौजूद है और उन्होने बताया कि 2001 में यहाँ गैस टेंकर ब्लास्ट हुआ था लेकिन जो जांच करने टीम आई थी उनका कहना था कि इतना बड़ा ब्लास्ट जिसके चलते 5 किलोमीटर तक कुछ नही बचना चाहिए था लेकिन मोहम्मद साहब की देन से यहा कुछ नही हुआ और हिन्दू मुस्लिम भाइयो ने देखा कि एक घोड़े पर सवार मोहम्मद साहब ने उस टैंकर को अपने बाजुओं पर उठाकर हाव की और रुख कर दिया जिसके टुकड़े भले ही गांव के अंदर गिरे हो लेकिन इतने बड़े ब्लास्ट के बाद भी गांव में होई हताहत नही हुई जिसको लेकर यहा के लोग मोहम्मद साहब का सबसे बड़ा करिश्मा माना जाता है और मोहम्मद साहब के नक्से पाए हुजूर की हर जो जियारत की जाती है.....

वाईट- मोहम्मद हाशिब रजा कादरी (गद्दी नाशिर बड़ी तकिया मजार)

mob-9616567545

Date- 13-7-2019

Center - Kanpur dehat

Reporter - Himanshu sharma
Last Updated : Jul 14, 2019, 12:05 PM IST
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