कानपुर देहात: कानपुर देहात के अकबरपुर स्थित NH-2 बारा गांव में एक दरगाह है. इस दरगाह में हजरत मोहम्मद साहब सल्लैह ताला अलैहे वसल्लम पैगम्बर मोहम्मद साहब की कदम नाशिर है. आज भी कई पीढ़ियां गुजर जाने के बाद जिस पत्थर पर उनके कदम पड़े वहां उस पिघले हुए पत्थर पर उनके कदम का निशान मौजूद है.
इसको लेकर हजरते बुजगो की दरगाह बनी हुई है. यह मन्नतों वाली दरगाह मानी जाती है. यह दरगाह बारा तकिया की बड़ी दरगाह के नाम से भी जानी जाती है. कहते हैं कि यहां जो भी मुरादें मांगी जाती है वह पूरी होती हैं. मोहम्मद साहब के कदमों के निशान वाला पत्थर और यहां की खासियत को लेकर दूर-दराज के लोग अपनी मुरादें लेकर यहां आते हैं.
जब ईटीवी भारत की टीम ने यहां के गद्दी नाशिर मोहम्मद हाशिब रजा कादरी से बात की तो उन्होंने बताया कि मोहम्मद साहब सल्लैह ताला अलैहे वसल्लम पैगम्बर मोहम्मद साहब यहां जब रहते थे, तो उनके कदम एक पत्थर पर पड़े. इसके बाद वह पत्थर पिघल गया और उस पर आज भी उनके कदमों के निशान मौजूद हैं.
उन्होंने बताया कि 2001 में यहां गैस टैंकर ब्लास्ट हुआ था, लेकिन जो जांच करने टीम आई थी उनका कहना था कि इतना बड़ा ब्लास्ट जिसके चलते पांच किमी. तक कुछ नहीं बचना चाहिए था, लेकिन मोहम्मद साहब की देन से यहां कुछ नहीं हुआ.