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रेडियो ठीक करने वाला कैसे बना कुख्यात अपराधी? जानिए...विकास दुबे का इतिहास

उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है. इसके जानने वालों ने बताया कि यह बचपन से ही वह आपराधिक किस्म का था. यह चार साल तक रेडियो बनाने की दुकान भी चलाया था. पढ़ें रेडियो से एनकाउंटर तक की पूरी कहानी..

विकास दुबे
विकास दुबे.
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Published : Jul 10, 2020, 10:00 AM IST

कानपुर देहातः कुख्यात अपराधी विकास दुबे के बारे में कुछ अहम जानकारियां निकल कर सामने आई हैं, जिसे आप सुनेंगे तो हैरत में पड़ जायेंगे. दरअसल, विकास दुबे इंटर तक की पढ़ाई के बाद रेडियो ठीक करने की एक दुकान खोला था, जिसके कुछ दिनों बाद यह बड़ा अपराधी बन गया. वहीं यह छात्र जीवन में तमंचा लेकर कॉलेज जाता था. आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन में पकड़े जाने के बाद उसके सगे-संबंधियों ने राहत की सांस ली थी. सगे संबंधियों का कहना था कि पुलिस अब उन्हें परेशान नहीं करेगी. हालांकि, पुलिस ने विकास दुबे को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है.

चाचा ने दी अहम जानकारी
जनपद कानपुर देहात के रसूलाबाद में रहने वाले विकास के सगे चाचा ने विकास दुबे के बारे में कुछ अहम जानकारी दी है. गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर के पास गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही कानपुर देहात में चाचा प्रेम किशोर ने कहा कि उनके यहां कई बार एसटीएफ और पुलिस टीम ने दबिश दी थी. उन्होंने पुलिस को बताया था कि संतोष शुक्ला हत्याकांड के बाद विकास से संबंध खत्म कर लिए थे.

हाईस्कूल के दौरान प्रिंसिपल पर किया था हमला
उन्होंने बताया कि विकास दुबे शुरू से ही आपराधिक मानसिकता का रहा है. वह हाईस्कूल में पढ़ने के दौरान कॉलेज में तमंचा लेकर जाता था. प्रिंसिपल और क्लास टीचर ने उसकी पिटाई कर दी, तो उन्हें रास्ते में घेरकर हमला कर दिया था. विकास दुबे ने जनपद कानपुर देहात की विधानसभा रसूलाबाद में रहने वाले चाचा प्रेम किशोर के यहां रहकर इंटर तक पढ़ाई की है. उसके साथ पढ़ने वाले कुछ साथियों ने बताया कि विकास शुरू से ही खूंखार रहा है.

हाईस्कूल से तमंचा लेकर जाता था कॉलेज
वर्ष 1984 में हाईस्कूल की पढ़ाई वह राजा दरियावचंद्र इंटर कॉलेज में कर रहा था. कॉलेज में वह अक्सर तमंचा लेकर पहुंचता था. छात्रों के बीच दबदबा कायम करना चाहता था. वह अन्य छात्रों की तरह शिक्षकों से भी खौफ नहीं खाता था. इसकी जानकारी तत्कालीन प्रधानाचार्य को हुई तो उन्होंने उप प्रधानाचार्य और उसके कक्षाध्यापक को लेकर उससे तमंचा छीन लिया था. उसकी पिटाई भी कर दी थी. इससे नाराज विकास ने दूसरे दिन कॉलेज जाते समय रास्ते में रोक कर शिक्षकों से मारपीट की थी. हालांकि तब छात्र होने की वजह से उस पर रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी. वह छात्रों के साथ छोटी-छोटी बातों पर मारपीट करता था.

रसूलाबाद में खोला था रेडियो रिपेयरिंग की दुकान
विकास दुबे कानपुर देहात के रसूलाबाद में रेडियो ठीक करने की दुकान चला चुका है. इंटर के बाद कस्बे में ही उसने रेडियो ठीक करने की दुकान खोली थी. चार साल तक उसने दुकान में रेडियो की मरम्मत कर खर्च चलाया. लेकिन सिर्फ इतना काम करता था कि उसका जेब खर्च निकल आए. इसके बाद उसका चाल-चलन संदिग्ध हुआ, तो चाचा प्रेम किशोर ने घर से जाने को कहा. फिर वह पैतृक गांव बिकरू चला गया.

संतोष शुक्ला की हत्या के बाद बढ़ा हौसला
बताया जाता है कि गांव आने के बाद वह खुलकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा. वर्ष 2001 में शिवली कोतवाली के अंदर दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर चर्चा में आ गया. इस घटना में अदालत से दोषमुक्त होने पर उसका हौसला और बढ़ गया.

चचेरी बहन ने पुलिस की पूछताछ के बारे में बताने से किया मना
विकास दुबे की चचेरी बहन को रसूलाबाद से एटीएफ ने पूछताछ के लिए पांच जुलाई को हिरासत में लिया था. विकास की चचेरी बहन शैलजा अपने मायके रसूलाबाद स्थित घर में थी. एसटीएफ ने घर में दबिश देकर उसे हिरासत में लिया. टीम जैसे ही उसे लेकर चली कि उसके दस वर्षीय बेटे राघव ने भी मां के साथ चलने की जिद की थी. इस पर टीम उसे भी साथ ले गई थी. पूछताछ के बाद बुधवार देर शाम पुलिस दोनों को घर छोड़ गई. उसकी बहन ने पुलिस टीम की तरफ से की गई पूछताछ के बारे में बताने से इंकार किया.

कानपुर देहातः कुख्यात अपराधी विकास दुबे के बारे में कुछ अहम जानकारियां निकल कर सामने आई हैं, जिसे आप सुनेंगे तो हैरत में पड़ जायेंगे. दरअसल, विकास दुबे इंटर तक की पढ़ाई के बाद रेडियो ठीक करने की एक दुकान खोला था, जिसके कुछ दिनों बाद यह बड़ा अपराधी बन गया. वहीं यह छात्र जीवन में तमंचा लेकर कॉलेज जाता था. आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन में पकड़े जाने के बाद उसके सगे-संबंधियों ने राहत की सांस ली थी. सगे संबंधियों का कहना था कि पुलिस अब उन्हें परेशान नहीं करेगी. हालांकि, पुलिस ने विकास दुबे को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है.

चाचा ने दी अहम जानकारी
जनपद कानपुर देहात के रसूलाबाद में रहने वाले विकास के सगे चाचा ने विकास दुबे के बारे में कुछ अहम जानकारी दी है. गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर के पास गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही कानपुर देहात में चाचा प्रेम किशोर ने कहा कि उनके यहां कई बार एसटीएफ और पुलिस टीम ने दबिश दी थी. उन्होंने पुलिस को बताया था कि संतोष शुक्ला हत्याकांड के बाद विकास से संबंध खत्म कर लिए थे.

हाईस्कूल के दौरान प्रिंसिपल पर किया था हमला
उन्होंने बताया कि विकास दुबे शुरू से ही आपराधिक मानसिकता का रहा है. वह हाईस्कूल में पढ़ने के दौरान कॉलेज में तमंचा लेकर जाता था. प्रिंसिपल और क्लास टीचर ने उसकी पिटाई कर दी, तो उन्हें रास्ते में घेरकर हमला कर दिया था. विकास दुबे ने जनपद कानपुर देहात की विधानसभा रसूलाबाद में रहने वाले चाचा प्रेम किशोर के यहां रहकर इंटर तक पढ़ाई की है. उसके साथ पढ़ने वाले कुछ साथियों ने बताया कि विकास शुरू से ही खूंखार रहा है.

हाईस्कूल से तमंचा लेकर जाता था कॉलेज
वर्ष 1984 में हाईस्कूल की पढ़ाई वह राजा दरियावचंद्र इंटर कॉलेज में कर रहा था. कॉलेज में वह अक्सर तमंचा लेकर पहुंचता था. छात्रों के बीच दबदबा कायम करना चाहता था. वह अन्य छात्रों की तरह शिक्षकों से भी खौफ नहीं खाता था. इसकी जानकारी तत्कालीन प्रधानाचार्य को हुई तो उन्होंने उप प्रधानाचार्य और उसके कक्षाध्यापक को लेकर उससे तमंचा छीन लिया था. उसकी पिटाई भी कर दी थी. इससे नाराज विकास ने दूसरे दिन कॉलेज जाते समय रास्ते में रोक कर शिक्षकों से मारपीट की थी. हालांकि तब छात्र होने की वजह से उस पर रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी. वह छात्रों के साथ छोटी-छोटी बातों पर मारपीट करता था.

रसूलाबाद में खोला था रेडियो रिपेयरिंग की दुकान
विकास दुबे कानपुर देहात के रसूलाबाद में रेडियो ठीक करने की दुकान चला चुका है. इंटर के बाद कस्बे में ही उसने रेडियो ठीक करने की दुकान खोली थी. चार साल तक उसने दुकान में रेडियो की मरम्मत कर खर्च चलाया. लेकिन सिर्फ इतना काम करता था कि उसका जेब खर्च निकल आए. इसके बाद उसका चाल-चलन संदिग्ध हुआ, तो चाचा प्रेम किशोर ने घर से जाने को कहा. फिर वह पैतृक गांव बिकरू चला गया.

संतोष शुक्ला की हत्या के बाद बढ़ा हौसला
बताया जाता है कि गांव आने के बाद वह खुलकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा. वर्ष 2001 में शिवली कोतवाली के अंदर दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर चर्चा में आ गया. इस घटना में अदालत से दोषमुक्त होने पर उसका हौसला और बढ़ गया.

चचेरी बहन ने पुलिस की पूछताछ के बारे में बताने से किया मना
विकास दुबे की चचेरी बहन को रसूलाबाद से एटीएफ ने पूछताछ के लिए पांच जुलाई को हिरासत में लिया था. विकास की चचेरी बहन शैलजा अपने मायके रसूलाबाद स्थित घर में थी. एसटीएफ ने घर में दबिश देकर उसे हिरासत में लिया. टीम जैसे ही उसे लेकर चली कि उसके दस वर्षीय बेटे राघव ने भी मां के साथ चलने की जिद की थी. इस पर टीम उसे भी साथ ले गई थी. पूछताछ के बाद बुधवार देर शाम पुलिस दोनों को घर छोड़ गई. उसकी बहन ने पुलिस टीम की तरफ से की गई पूछताछ के बारे में बताने से इंकार किया.

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