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कानपुर देहात: जर्जर हालत में बारा पुलिस चौकी, जोखिम में है पुलिसकर्मियों की जान

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात स्थित अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र की बारा पुलिस चौकी खंडहर में तब्दील हो चुकी है. पुलिस चौकी में तैनात पुलिसकर्मी 24 घंटे खंडहर बनी इमारत के नीचे बैठकर काम करने को मजबूर हैं.

जर्जर इमारत में चल रही बारा पुलिस चौकी.
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Published : Nov 10, 2019, 5:54 PM IST

कानपुर देहात: जिले की अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र की बारा पुलिस चौकी की हालत खस्ता हाल है. हालांकि भले ही यूपी पुलिस को हाईटेक पुलिस का दर्जा मिला हो, लेकिन यहां पर तैनात पुलिसकर्मी 24 घंटे खंडहर बनी इमारत के नीचे बैठकर काम करने के लिए मजबूर हैं, जिसके चलते इन पुलिसकर्मियों की जान लगातार जोखिम में है.

जर्जर इमारत में बारा पुलिस चौकी.

जर्जर इमारत में संचालित की जा रही पुलिस चौकी

  • मामला अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र की बारा पुलिस चौकी का है.
  • यह चौकी जिला मुख्यालय से महज 7 किमी. की दूरी पर बनी हुई है.
  • बारा पुलिस चौकी की बिल्डिंग रोडवेज के अंडर में आती है.
  • यह बिल्डिंग किसी भी वक्त एक बड़े हादसे का शिकार हो सकती है, क्योंकि यह खंडहर में तब्दील हो चुकी है.
  • इस बिल्डिंग के नीचे 24 घंटे पुलिस के जवान काम करने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ें- तीस हजारी के बाद एफआईआर को लेकर कानपुर में वकीलों ने किया बवाल

वहीं क्षेत्रीय ग्रामीणों की मानें तो 24 घंटे बारा चौकी की पुलिस यहां के लोगों की दिन-रात हिफाजत करती है लेकिन उनका कहना है कि पुलिस की हिफाजत कौन करेगा, जो कि जर्जर भवन में काम करने के लिए मजबूर है.

वहीं जब इस पूरे मामले में कानपुर देहात के पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों से ईटीवी भारत की टीम ने बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया.

कानपुर देहात: जिले की अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र की बारा पुलिस चौकी की हालत खस्ता हाल है. हालांकि भले ही यूपी पुलिस को हाईटेक पुलिस का दर्जा मिला हो, लेकिन यहां पर तैनात पुलिसकर्मी 24 घंटे खंडहर बनी इमारत के नीचे बैठकर काम करने के लिए मजबूर हैं, जिसके चलते इन पुलिसकर्मियों की जान लगातार जोखिम में है.

जर्जर इमारत में बारा पुलिस चौकी.

जर्जर इमारत में संचालित की जा रही पुलिस चौकी

  • मामला अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र की बारा पुलिस चौकी का है.
  • यह चौकी जिला मुख्यालय से महज 7 किमी. की दूरी पर बनी हुई है.
  • बारा पुलिस चौकी की बिल्डिंग रोडवेज के अंडर में आती है.
  • यह बिल्डिंग किसी भी वक्त एक बड़े हादसे का शिकार हो सकती है, क्योंकि यह खंडहर में तब्दील हो चुकी है.
  • इस बिल्डिंग के नीचे 24 घंटे पुलिस के जवान काम करने को मजबूर हैं.

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वहीं क्षेत्रीय ग्रामीणों की मानें तो 24 घंटे बारा चौकी की पुलिस यहां के लोगों की दिन-रात हिफाजत करती है लेकिन उनका कहना है कि पुलिस की हिफाजत कौन करेगा, जो कि जर्जर भवन में काम करने के लिए मजबूर है.

वहीं जब इस पूरे मामले में कानपुर देहात के पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों से ईटीवी भारत की टीम ने बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया.

Intro:एंकर_उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर देहात में मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर बनी पुलिस चौकी मौत को दावत दे रही है...हालांकि भले ही उत्तर प्रदेश पुलिस को हाईटेक पुलिस का दर्जा मिला हो..लेकिन यहां पर तैनात पुलिसकर्मी 24 घंटे खंडहर जर्जर इमारत के नीचे बैठकर काम करने के लिए मजबूर है... अब अहम सवाल यह उठता है आखिरकार इन पुलिसकर्मियों की जान को जोखिम में डालकर कानपुर देहात के पुलिस के अधिकारी क्यों काम करा रहे हैं....


Body:वी0ओ0_यह तस्वीर है अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र बारा चौकी की हालांकि यह चौकी मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर बनी हुई है... और यह बिल्डिंग रोडवेज की अंडर में आती है...अब अहम सवाल यह उठता है..की जो बिल्डिंग किसी भी वक्त एक बड़े हादसे का शिकार हो सकती है... उस बिल्डिंग के नीचे 24 घंटे पुलिस विभाग के जवान क्यों काम कर रहे हैं.. आखिरकार क्यों नहीं दिख रहा है जिले के अधिकारियों को अपने जवानों का दर्द..जोकि अनुशासन वाला विभाग कहा जाने वाला पुलिस विभाग के जवान अपने अफसर के खिलाफ कुछ बोलेंगे तो इनके खिलाफ कार्यवाही हो जाएगी.... आखिर कब तक कानपुर देहात की हाईटेक पुलिस 24 घंटे मौत के मुंह में बैठकर काम करने के लिए मजबूर रहेगी...


Conclusion:वी0ओ0_तो वही पर क्षेत्री ग्रामीणों की माने तो 24 घंटे 12 चौकी की पुलिस यहां के लोगों की दिन-रात हिफाजत करती है..और उनकी हिफाजत कौन करेगा...जोकि जर्जर खंडहर गिरने वाली बिल्डिंग के नीचे काम करने के लिए मजबूर हैं..मौत के साए के नीचे काम करना यह कैसा लगता है.. यह तो इस चौकी में तैनात जवान ही जानते होंगे... जब इस पूरे मामले में कानपुर देहात के पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों से ईटीवी भारत की टीम ने बात करनी चाही तो कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया जवाब कुछ ऐसा था की जिस परिसर में यह चौकी बनी हुई है वह बिल्डिंग रोडवेज विवाह की है भले ही यह चौकी की महक उत्तर प्रदेश रोडवेज के अंडर में आती हो लेकिन यह जवान तो यूपी पुलिस के हैं आखिरकार इनकी जान जोखिम में डालकर जिले के अधिकारी क्यों करा रहे हैं काम...

वाईट_आलम नूरी (स्थानीय)

Date- 8_11_2019

Center - Kanpur dehat

Reporter - Himanshu sharma


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