कानपुर देहात: यूपी के जनपद कानपुर देहात का रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र (Rasulabad Assembly Constituency) जिले का सबसे अहम रहा है. डेरापुर विधानसभा (Derapur Assembly Seat) सीट के बाद नए परिसीमन में 2012 में रसूलाबाद विधानसभा (Rasulabad Assembly Seat) सीट घोषित की गई. यहां पर 2012 के चुनाव में सपा और बसपा में चुनाव घमासान हुआ.
इसमें सपा से शिवकुमार बेरिया ने 66,940 वोट पाकर बसपा की महिला प्रत्याशी निर्मला संखवार को 16,835 मतों से शिकस्त दी थी. इसके बाद प्रदेश में सपा की सरकार बनते ही उन्हें रेशम व वस्त्र उद्योग का मंत्रालय सौंपकर कैबिनेट मंत्री बना दिया गया. वहीं, 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लहर में निर्मला संखवार ने भाजपा का दामन थामकर चुनाव जीत लिया. विधानसभा डेरापुर में अनुसूचित जाति एवं जनजाति मतदाताओं की संख्या अधिक रही है. फिलहाल विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सपा से कई दिग्गज दावेदारीं की चर्चा है. वहीं पर वर्तमान में भाजपा से निर्मला संखवार विधायक (MLA Nirmala Sankhwar) है.
रसूलाबाद विधानसभा इस सीट पर प्रत्याशियों में हमेशा रोमांचक मुकाबला रहा है. रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग की संख्या अधिक है. फिर भी इस सीट पर सपा और भाजपा बारी-बारी से जीती हैं, जबकि पूर्व में विधानसभा डेरापुर थी तो सपा, बसपा और भाजपा बारी-बारी से जीतीं थीं. वहीं, डेरापुर सीट से जनता दल से भगवानदीन कुशवाहा ने 5 बार विधायक बनकर इतिहास रचा था, जो तीन बार लगातार विधायक बने. इसके बाद दो बार फिर चुने गए, जबकि एक बार कांग्रेस ने भी जीत दर्ज की है. 2007 के चुनाव में बसपा से महेश त्रिवेदी ने जीत का परचम लहराया था और उन्हें मंत्री पद भी सौंपा गया था. वहीं, 2002 में सपा से कमलेश पाठक विधायक बने. इसके पहले 1996 में भाजपा से जीत हासिल करने वाले देवेंद्र सिंह उर्फ भोले को स्वास्थ्य राज्यमंत्री बनाया गया था, जो वर्तमान में जनपद की अकबरपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद भी हैं.
1980 में कांग्रेस के रामपाल ने भी जीत दर्ज की थी. सपा और भाजपा के बीच जंग का मैदान बन गया था. विधानसभा चुनाव 2002 में दो दिग्गजों ने चुनाव लड़ा था. समाजवादी पार्टी से कमलेश पाठक और भाजपा से देवेंद्र सिंह भोले. यह चुनाव प्रचार के दौरान जंग का मैदान बन गया था. इसमें दोनों तरफ से झींझक क्षेत्र में गोलियां चलीं थीं. इसके बाद जातिगत मतदाताओं ने एकजुट होकर कमलेश पाठक को विधायक चुना. इसके पूर्व 1996 में देवेंद्र सिंह उर्फ भोले ने भाजपा से जीत दर्ज की थी. इसके पूर्व सपा से आरडी पाल और देवेंद्र सिंह भोले विधायक बने.
रसूलाबाद विधानसभा की प्रमुख समस्याएं
जिले की यह सबसे बड़ी विधानसभा सीट होने के चलते गांव की संख्या ज्यादा है. पिछड़े गांवों की संख्या ज्यादा है. गांवों में जर्जर संपर्क मार्ग और बिजली की समस्याएं प्रमुख है. इस विधानसभा क्षेत्र का अधिकतर हिस्सा वीआईपी लोकसभा कन्नौज में आता है. इस सीट पर दिग्गज नेताओं की निगाहें रहती हैं. इसलिए इस सीट पर आगामी विधानसभा चुनाव 2022 जोरदार होने का अनुमान है. इस क्षेत्र में आंकड़ों के मुताबिक, रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र में 2017 चुनाव के अनुसार कुल मतदाताओं की संख्या 27,1763 है. इसमें पुरुष मतदाता 16,0340 और महिला मतदाता 1,11,423 हैं. अब जानते है
इस क्षेत्र से किस दल का कौन विधायक बना
2017 के चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद इस बार इस सीट पर दावेदारी के कई चेहरे सामने आने की उम्मीद है. हालांकि, सपा के कई दावेदार क्षेत्र में मतदाताओं के संपर्क में भी अभी से जुटे हैं. फिलहाल अभी किसी भी राजनीतिक दल का अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है. अभी तक इन प्रत्याशियों ने रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की है.
2012 में शिवकुमार बेरिया, सपा
2007 में महेश त्रिवेदी, बसपा
2002 में मकलेश पाठक, सपा
1996 में देवेंद्र सिंह उर्फ भोले, भाजपा
1993 में आरडी पाल, सपा
1991 में देवेंद्र सिंह उर्फ भोले, भाजपा
1989 में भगवानदीन कुशवाहा, जनता दल
1985 में भगवानदीन कुशवाहा, जनता दल
1980 में रामपाल, कांग्रेस
1977 में भगवानदीन कुशवाहा, जनता दल
1974 में भगवानदीन कुशवाहा, जनता दल
कानपुर देहात की रसूलाबाद विधानसभा सीट की संख्या 205 है. 2012 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 84 हजार 141 है. महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 25 हजार 759 है. सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक सिर्फ एक बार ही विधानसभा चुनाव 2012 में हुआ था. इसमें समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली थी. 2017 में समाजवादी पार्टी के लिए स्थितियां माकूल नहीं थीं, क्योंकि पार्टी के भीतर चुनाव से पहले ही दो फाड़ हो चुके थे. इससे जनता में नकारात्मक संदेश गया था. इसका सीधा फायदा अन्य दलों को मिला. समाजवादी पार्टी के शिवकुमार बेरिया ने बीएसपी की निर्मला संखवार को हराया था और बीजेपी की कमल रानी तीसरे स्थान पर रहीं थीं, जबकि कांग्रेस के ओम प्रकाश चौथे स्थान पर रहे थे.
रसूलाबाद विधानसभा सीट के 2012 के नतीजे
सपा से शिवकुमार बेरिया ने जीत दर्ज की थी, जिन्हें कुल 66940 वोट प्राप्त हुए थे. इनका वोटिंग परसेंटेज 39.46 था. दूसरे नंबर पर बीएसपी से निर्मला संखवार थीं, जिन्हें 50105 वोट प्राप्त हुए थे, जिनका वोटिंग परसेंटेज 29.53 था. तीसरे नंबर पर बीजेपी की कमल रानी थीं. जिन्हें 24974 वोट मिले थे. इनका वोटिंग परसेंटेज 14.72 था. ओम प्रकाश कांग्रेस से चुनाव लड़े थे, जो चौथे नबंर पर थे, जिनको महज 13068 वोट मिले थे और इनका वोटिंग परसेंटेज 07.70 था.
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2017 के रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र का चुनाव
भाजपा की निर्मला संखवार ने 33394 वोटो से चुनाव में जीत दर्ज की थी. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा की अरुणा कोरी को हरा दिया था. सपा की अरुणा कोरी को महज 54996 मत मिले थे, लेकिन इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले 2021 में गणना के अनुसार रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन अधिकारी द्वारा बताया गया कि मतदाताओं की कुल संख्या 316121 है. इसमें पुरुषों की संख्या 170704 और महिला मतदाताओं की संख्या 145397 है. इसमें थर्डजेंडर मतदाता 20 हैं. अंतिम मतदाओं की सूची 2022 की 5 जनवरी को जारी होगी, जिससे ये पता चल पाएगा कि कुल कितने मतदाता इस बार रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र में है.