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कानपुर देहात के इस गांव में बाणासुर ने स्थापित किया था शिवमंदिर मंदिर

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक ऐसा प्राचीन शिव मंदिर है जिसकी स्थापना दैत्यराज बाली के पुत्र बाणासुर ने कराई थी. जिसे बाणेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.

बाणेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर
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Published : Aug 10, 2019, 2:23 PM IST

कानपुर देहात: जनपद में प्राचीनकाल का एक ऐसा शिव मंदिर मौजूद है, जिसकी लोगों में खासी मान्यता है. जिसे बाणेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.बाणेश्वर महादेव मंदिर में विशाल शिवलिंग की स्थापना दैत्य राज बाली के पुत्र बाणासुर ने कराई थी.

कानपुर देहात का बाणेश्वर महादेव मंदिर
महाशिवरात्रि पर होता है मेले का आयोजन-

महाशिवरात्रि के अवसर पर इस देवालय पर पंद्रह दिवसीय मेले का प्रति वर्ष आयोजन होता है. इस अवसर पर जालौन ,बांदा ,हमीरपुर तथा कानपुर देहात के पैदल तीर्थ यात्री जो पहले कानपुर जाकर गंगा जल भर कर अपनी- अपनी कांवड़ के साथ जलाभिषेक के लिए लोधेश्वर महादेव जिला बाराबंकी जाते हैं. वापस आकर बाणेश्वर महादेव का जलाभिषेक करते हैं.

बाणासुर ने किया था शिवलिंग की स्थापना-

बाणासुर की पुत्री ऊषा ने दासी चित्रलेखा के जरिये भगवान श्री कृष्ण के पौत्र अनुरुद्ध का अपरहण करा लिया था. इस पर श्री कृष्ण व बाणासुर के बीच युद्ध हुआ था तो नगर नष्ट हो गया. इसके बाद में राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय ने नगर को फिर से बसाकर बाणापुरा जन्मेजय नाम दिया. बेटी ऊषा की भक्ति को देखते हुए बाणासुर ने कैलाश पर्वत जाकर बाबा शिव को भक्ति से मनाकर अपनी भुजाओं पर लादकर कानपुर देहात के बनिपारा जिनाई गांव में स्थापित किया.

कैसे पहुंचे बाणेश्वर महादेव मंदिर-

झींझक रेलवे स्टेशन से उतर कर रोड द्वारा मिंडा का कुंआ से होकर बाणेश्वर महादेव मंदिर पहुंच सकते है. रसूलाबाद कस्बे से इस मंदिर की दूरी 20 किलोमीटर है. बिल्हौर रेलवे स्टेशन से उतर कर रसूलाबाद होकर इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है.

सिठऊपुरवा (श्रोणितपुर) दैत्यराज वाणासुर की राजधानी थी. दैत्यराज बलि के पुत्र वाणासुर ने मंदिर में विशाल शिवलिंग की स्थापना की थी. श्रीकृष्ण वाणासुर युद्ध के बाद स्थल ध्वस्त हो गया था.परीक्षित के पुत्र जन्मेजय ने इसका जीर्णोद्धार कराकर वाणपुरा जन्मेजय नाम रखा था, जो अपभ्रंश रूप में बनीपारा जिनई हो गया.
-प्रो. लक्ष्मीकांत त्रिपाठी,इतिहास लेखक

कानपुर देहात: जनपद में प्राचीनकाल का एक ऐसा शिव मंदिर मौजूद है, जिसकी लोगों में खासी मान्यता है. जिसे बाणेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.बाणेश्वर महादेव मंदिर में विशाल शिवलिंग की स्थापना दैत्य राज बाली के पुत्र बाणासुर ने कराई थी.

कानपुर देहात का बाणेश्वर महादेव मंदिर
महाशिवरात्रि पर होता है मेले का आयोजन-

महाशिवरात्रि के अवसर पर इस देवालय पर पंद्रह दिवसीय मेले का प्रति वर्ष आयोजन होता है. इस अवसर पर जालौन ,बांदा ,हमीरपुर तथा कानपुर देहात के पैदल तीर्थ यात्री जो पहले कानपुर जाकर गंगा जल भर कर अपनी- अपनी कांवड़ के साथ जलाभिषेक के लिए लोधेश्वर महादेव जिला बाराबंकी जाते हैं. वापस आकर बाणेश्वर महादेव का जलाभिषेक करते हैं.

बाणासुर ने किया था शिवलिंग की स्थापना-

बाणासुर की पुत्री ऊषा ने दासी चित्रलेखा के जरिये भगवान श्री कृष्ण के पौत्र अनुरुद्ध का अपरहण करा लिया था. इस पर श्री कृष्ण व बाणासुर के बीच युद्ध हुआ था तो नगर नष्ट हो गया. इसके बाद में राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय ने नगर को फिर से बसाकर बाणापुरा जन्मेजय नाम दिया. बेटी ऊषा की भक्ति को देखते हुए बाणासुर ने कैलाश पर्वत जाकर बाबा शिव को भक्ति से मनाकर अपनी भुजाओं पर लादकर कानपुर देहात के बनिपारा जिनाई गांव में स्थापित किया.

कैसे पहुंचे बाणेश्वर महादेव मंदिर-

झींझक रेलवे स्टेशन से उतर कर रोड द्वारा मिंडा का कुंआ से होकर बाणेश्वर महादेव मंदिर पहुंच सकते है. रसूलाबाद कस्बे से इस मंदिर की दूरी 20 किलोमीटर है. बिल्हौर रेलवे स्टेशन से उतर कर रसूलाबाद होकर इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है.

सिठऊपुरवा (श्रोणितपुर) दैत्यराज वाणासुर की राजधानी थी. दैत्यराज बलि के पुत्र वाणासुर ने मंदिर में विशाल शिवलिंग की स्थापना की थी. श्रीकृष्ण वाणासुर युद्ध के बाद स्थल ध्वस्त हो गया था.परीक्षित के पुत्र जन्मेजय ने इसका जीर्णोद्धार कराकर वाणपुरा जन्मेजय नाम रखा था, जो अपभ्रंश रूप में बनीपारा जिनई हो गया.
-प्रो. लक्ष्मीकांत त्रिपाठी,इतिहास लेखक

Intro:नोट- E tv bharat एब व L U - smart से up-kan_shiv_visual+bite+wt+ptc_7205968 नाम की 1 फाइल भेजी जा चुकी है ।

एंकर-उत्तर के जनपद कानपुर देहात में मौजूद है....एक ऐसा अद्भुद प्राचीन काल का बाबा शिव का मंदिर....जो इतिहास में खाश भूमिका रखता है... जिसे बाणेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है....बाणेश्वर महादेव मंदिर में विशाल शिवलिंग की स्थापना दैत्य राज बाली के पुत्र बाणासुर ने कराई थी.... जिसे अपनी भुजाओं पर लादकर कैलाश पर्वत से जनपद के कानपुर देहात के गांव बनिपारा जिनाई गांव में लाकर स्थापित किया था.......


Body:वी0ओ0-पौराणिक तथ्यों के अनुसार बड़ेश्वर महादेव का मंदिर डेरापुर तहसील के बनीपारा जिनाई गांव में है.... इतिहासकारो के अनुसार बाणेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग की स्थापना दैत्य राज्य बाली के पुत्र बाणासुर ने कराई थी...इसका जिक्र इतिहास लेखक पण्डित लक्ष्मीकांत त्रिपाठी व प्रो अरोणा ने अपनी पुस्तक में किया है....यहा विशाल शिवलिंग एवं अन्य पतिमाये है...जोकि एतिहासिकता को प्रमाणित करती है....जिसको लेकर देश के कौन कौन के भक्त आते है.....


Conclusion:वी0ओ0-तो वही पर इस मंदिर के महन्त से बात की तो उन्होंने बताया की....बाणासुर की पुत्री ऊषा ने दासी चित्रलेखा के जरिये भगवान श्री कृष्ण के पौत्र अनुरुद्ध का अपरहण करा लिया था । इस पर श्री कृष्ण व बाणासुर के बीच युद्ध हुआ था...तो नगर नष्ट हो गया...इसके बाद में राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने नगर को फिर से बसाकर बाणापुरा जनमेजय नाम दिया बेटी ऊसा की भक्ति को देखते हुए बाणासुर ने कैलाश पर्वत जाकर बाबा शिव को भक्ति से मनाकर अपनी भुजाओं पर लादकर कानपुर देहात के बनिपारा जिनाई गांव में स्थापित किया.....

वाईट-साधुपुरी गौस्वामी ( मंदिर के महन्त)

mob-9616567545

Date- 7-8-2019

Center - Kanpur dehat

Reporter - Himanshu sharma
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