फर्रुखाबाद: बरेली के फरीदपुर थाना क्षेत्र में अधूरे रामगंगा पुल पर गूगल मैप के गाड़ी दौड़ाने से 3 युवकों की मौत हो गई थी. हादसे के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और प्रशासन सक्रिय हो गया. बदायूं डीएम ने 4 पीडब्ल्यूडी इंजीनियर समेत पांच लोगों पर केस दर्ज कराया था.
वहीं अब पीडब्ल्यूडी की तरफ से पुल पर मिट्टी डालकर अवरोध बना दिए गए हैं. तीनों जिंदगियां को छीनेने वाले इस हादसे के लिए गूगल मैप जिम्मेदार है या प्रशासन? इस सवाल का जवाब अभी किसी के पास नहीं है. लेकिन, उन 3 युवकों से जुड़े लोग जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई के लिए कह रहे हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर उतरकर तीनों युवकों के परिवार वालों के दर्द को जाना. हादसे में जान गंवाने वालों में 2 युवक फर्रुखाबाद और एक मैनपुरी का रहने वाला था. टीम सबसे पहले फर्रुखाबाद में कौशल के घर पहुंची. जहां कौशल के परिजन मां, पत्नी और बहन बैठी थीं.
शादी के 6 साल बाद हुआ बेटा: 45 दिन के बेटे को गोद में थामे पत्नी शानू रो-रो कर बस यही कहती रही कि शादी के 6 साल बाद हमारा बेटा हुआ. अब उसको कैसे संभालूंगी. कौशल की मां लता देवी का कहना है कि परिवार का इकलौता सहारा चला गया. उसी के सहारे परिवार चल रहा था. बहू और हम बेसहारा हो गए हैं. अब हम लोगों को कौन सहारा देगा.
गूगल को ठहराया जिम्मेदार: इसके बाद ईटीवी भारत की टीम विवेक के घर पहुंची. विवेक की पत्नी पूजा ने प्रशासन और गूगल को जिम्मेदार ठहराया. पूजा ने बताया कि मैं उन्हीं लोगों को जिम्मेदार मानती हूं जिन्होंने अधूरा पुल छोड़ दिया और मौत के रास्ते पर गाड़ी जाने दी. कोई तो ऐसा इंडिकेशन देते जिससे पता लगता कि आगे रास्ता नहीं है. गूगल मैप की गलती और प्रशासन के पुल की वजह से हम लोग बर्बाद हो गए. हमारे छोटे-छोटे दो बच्चे हैं. हम इनको कहां ले जाएं.
सरकार से नौकरी और मुआवजे की मांग: कौशल की पत्नी शानू और विवेक की पत्नी पूजा ने सरकार को दोषी बताया है. साथ ही सरकार से सरकारी नौकरी और मुआवजा देने की मांग की है. इस मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करने की मांग की है.
गूगल मैप ने दिखाया मौत का रास्ता: विवेक के पिता हरेंद्र बताते हैं कि तीनों दिल्ली से गूगल मैप से के सहारे आगे बढ़ रहे थे. जब वह फरीदपुर में रामगंगा के पास पहुंचे तो वहां पर ना तो कोई डायवर्जन दिखाया गया और ना ही कोई रुकावट का कोई साधन था. जैसे हाईवे पर सड़क बनी है, वैसे ही वह पुल के लिए रास्ता बना था. इस घटना में जिला मैनपुरी के ग्राम बौद्धनगर निवासी अमित की भी मौत हुई है.
क्या है परिवार वालों की कहानी: परिवार वालों ने बताया कि तीनों दोस्त गुड़गांव से गूगल मैप पर रास्ते को देखकर आ रहे थे. गूगल मैप पर निर्माणधीनपुल का रास्ता साफ दिखाया जा रहा था. जबकि पुल के एक तरफ का एप्रोच रोड बना हुआ नहीं था. लगभग 20 फीट ऊपर से गाड़ी गिरी तो तीनों की मौत हो गई. अगर प्रशासन और पीडब्ल्यूडी ने पुल के रास्ते को ठीक से बंद किया होता तो शायद यह दुर्घटना नहीं होती. तीनों भतीजी की शादी में शामिल होने आ रहे थे.
विधायक बोले, सीएम योगी से करेंगे बात: मामले में अमृतपुर क्षेत्र के भाजपा विधायक सुशील शाक्य ने ईटीवी भारत को बताया कि इस घटना में मुख्य रूप से पीडब्ल्यूडी के अधिकारी व गूगल मैप जिम्मेदार हैं. इन पर कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी दी जाए. इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर व्यक्तिगत रूप से बात भी करेंगे और यह सहायता दिलवाने पूरा प्रयास करेंगे.
बता दें कि हादसे के बाद पीडब्ल्यूडी ने पुल को अवरोध लगाकर बंद कर दिया है. साथ ही अब गूगल ने भी अपने मैप से इस रास्ते हटा दिया है. बदायूं डीएम के निर्देश पर दो अवर अभियंता, दो सहायक अभियंताओं और गूगल मैप के क्षेत्रीय प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. चारों नामजद अभियंताओं पर कार्रवाई के लिए शासन को लिखा गया है.
फिलहाल पीडब्ल्यूडी ने जहां से पुल शुरू होता है वहां दीवार बनाने के साथ बेरिकेडिंग लगा दी गई है. रोड बंद होने के साइन भी बनाए गए हैं. हादसे के बाद गूगल ने भी मैप अपडेट करते हुए रास्ते को हटा दिया है. फिलहाल पूरे मामले पर जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है.
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