कानपुर देहात: कन्नौज में लेखपालों और अधिवक्ताओं के बीच हुए विवाद में अधिवक्ताओं पर लिखे मुकदमे और गिरफ्तारी को लेकर मुद्दा काफी चर्चाओं में बना हुआ है. इसके चलते कानपुर देहात के वकीलों ने सारे काम बंद करते हुए हड़ताल शुरू कर दी है.अधिवक्ता जिला न्यायालय के बाहर धरने पर बैठ गए. वकीलों ने लेखपालों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रशासन का समर्थन करने पर विरोध जताया है.
वकीलों के पक्ष में आए पूर्व सांसद-
- मंगलवार को कानपुर देहात में जिला न्यायालय के वकील हड़ताल पर चले गए.
- वकीलों के पक्ष में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अकबरपुर लोकसभा से पूर्व सांसद राजाराम पाल भी मैदान में उतर आए.
- वकील न्यायालय परिसर में ही धरने पर बैठ गए.
- अधिवक्ताओं की मांग है कि जो फर्जी मुकदमे अधिवक्ताओं पर लिखे गए हैं, उन मुकदमों को वापस लिया जाए.
- कानपुर देहात के वकीलों ने जिला बार एसोसिएशन के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन भी सौंपा.
- जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि कन्नौज की घटना को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं.
- वकीलों का कहना है कि जिला प्रशासन ने लेखपालों के बजाय वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की है.
क्या है पूरा मामला
20 सितम्बर को कन्नौज जिले में अधिवक्ताओं और लेखपाल के बीच विवाद हो गया था. इसके बाद लेखपालों और अधिवक्ताओं के बीच मारपीट हुई थी. अधिवक्ताओं ने लेखपालों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. वहीं लेखपालों ने भी अधिवक्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की थी. दोनों के बीच हुए विवाद को शांत कराने को लेकर उत्तर प्रदेश बार एसोसिएशन के दो पदाधिकारियों ने कन्नौज पहुंचकर वार्ता की थी, लेकिन लेखपालों ने हड़ताल शुरू कर दी. इसके बाद यह विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है.