कानपुर देहात: बिकरू कांड में कुख्यात बदमाश विकास दुबे को मुखबिरी करने के आरोप में एसआई केके शर्मा जेल में बंद हैं. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुमार शर्मा ने एसआई केके शर्मा को निर्दोष बताते हुए डकैती स्पेशल कोर्ट में उनकी पैरवी की. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि कानपुर पुलिस के पास अभी तक कोई ऐसा सबूत नहीं है, जिससे साबित हो कि एसआई केके शर्मा ने विकास दुबे को पुलिस की दबिश की जानकारी दी थी. उनका कहना है कि केके शर्मा निर्दोष होने के बाद भी जेल में है.
2 जुलाई को हुआ था शूटआउट
बता दें कि बीती 2 जुलाई को पुलिस बदमाश विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए दबिश देने गई थी. इस दौरान बदमाशों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था. इस मुठभेड़ में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. मामले में चौबेपुर थाने के एसओ समेत कई पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी. इसके बाद हलका इंचार्ज केके शर्मा पर आरोपी विकास को पहले ही दबिश की जानकारी देने के आरोप लगे. इस पर कार्रवाई करते हुए केके शर्मा को जेल भेज दिया गया. केके शर्मा ने न्यायालय में इंसाफ की गुहार लगाई. फिलहाल चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और एसआई केके शर्मा, विकास दुबे से सांठगांठ के आरोप में जेल में हैं.
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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अशोक कुमार शर्मा ने कानपुर देहात के स्पेशल डकैती कोर्ट में केके शर्मा की बेगुनाही को लेकर बहस की. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि केके शर्मा को सिर्फ शक के आधार पर जेल में रखा गया है. जबकि इस पूरे मामले में विनय तिवारी की भूमिका संदिग्ध है. केके शर्मा को चार घंटे पहले ही चेकिंग करने भेज दिया गया था. इस पूरे कांड में विनय तिवारी खुद शामिल है तो केके शर्मा का कोई रोल ही नहीं है. अभी तक पुलिस ने न्यायालय में कोई सबूत पेश नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अभी न्यायालय ने जमानत देने से मना कर दिया है, लेकिन केके शर्मा जल्द को जल्द ही न्यायालय से जमानत मिल जाएगी.