कानपुर देहात: जिला न्यायालय द्वारा थाना भोगनीपुर के अंतर्गत हुए एक गांव में नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में 12 साल चली सुनवाई के बाद नाबालिग किशोरी को न्याय मिला है. कोर्ट ने उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी युवक को 12 साल की सजा सुनाते हुए 20 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है, जिसके बाद पीड़ित नाबालिग व उसके परिजन खुश नजर आए. उन्हें 12 साल बाद अब न्याय मिला है.
साल 2010 में एक नाबालिग किशोरी देर किसी काम से बाहर गई थी. इसी बीच पहले से घात लगाए बैठे पास के गांव का रहने वाला आरोपी जितेंद्र जबरिया उसे उठा ले गया था. जब नाबालिग किशोरी काफी देर तक घर नहीं पहुंची तो घबराए परिजनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी. बाद में मामले की जानकारी क्षेत्रीय पुलिस को दी गयी. एक तरफ पुलिस भी नाबालिग किशोरी की तलाश कर रही थी, तो वहीं पर तलाश के दौरान नाबालिग किशोरी के पिता को बेसुध हालत में उसकी बेटी जितेंद्र के घर के पास मिली थी. इसके बाद नाबालिग के पिता ने जितेंद्र समेत तीन पर अपहरण और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन जांच के दौरान पुलिस ने दो नाम हटाते हुए पूरे मामले में जितेंद्र को ही दोषी माना था और आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था.
इसे भी पढ़ेंः महिलाओं को अन्याय के खिलाफ उठानी होगी आवाजः न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल
वहीं, पर नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में सुनवाई कानपुर देहात के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पॉस्को एक्ट शैलेंद्र कुमार वर्मा (Sessions Judge POSCO Act Shailendra Kumar Verma) की कोर्ट में चल रहा था, जिसमें सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ता को सुनने के बाद कोर्ट ने जितेंद्र को आरोपी माना है और पुलिस द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र और सबूतों को पर्याप्त मानते हुए आरोपी को 12 साल की सजा के साथ-साथ 20 हजार का आर्थिक दंड जुर्माना भी लगाया है. इसके साथ ही साथ निर्देश दिया कि अगर आरोपी निश्चित समय तक अर्थदंड जमा नहीं करता है तो उसे 1 वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप