कन्नौज : तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के शास्त्रीनगर मोहल्ला की रहने वाली एक महिला अपने परिजनों और अन्य महिलाओं के साथ एक फिर अपने ही वकील के खिलाफ कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठी है. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि करीब साढ़े तीन माह पहले न्यायालय परिसर में मुकदमा की फाइल वापस मांगने पर अधिवक्ता ने चेम्बर में उसके पिता व भाई के साथ मारपीट की थी. मारपीट करने बावजूद अधिवक्ता ने फर्जी तरीके मुकदमा दर्ज करवाकर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनवा ली है.
महिला ने कहा है कि करीब साढें तीन माह बीतने के बाद भी पुलिस ने न तो मुकदमा निरस्त किया है न ही फर्जी मेडिकल रिपोर्ट की जांच की गई है. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि 13, 17 और 18 दिसंबर को कार्रवाई की मांग को लेकर उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र दिया था. लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की है. पीड़िता ने अधिवक्ता का मेडिकल परीक्षण कराए जाने, फर्जी मुकदमा निरस्त किए जाने और मामले की सही जांच कराकर न्याय दिलाए जाने की मांग की है.
क्या है पूरा मामला
तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के शास्त्री नगर मोहल्ला निवासी ममता की शादी विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के उस्मानपुर गांव निवासी मुकेश के साथ शादी हुई थी. करीब डेढ़ साल से ममता का पति मुकेश सिंह और ससुरालीजनों के साथ दहेज एक्ट का मुकदमा जिला न्यायालय में चल रहा है. मामले की पैरवी करने के लिए महिला ने रणधीर माथुर को वकील नियुक्त किया था. लेकिन मामले में अधिवक्ता द्वारा लापरवाही बरतने व समझौता का दवाब बनाने की बात कहने पर पीड़िता ने केस फाइल वापस मांगी.
आरोप लगाया है कि 31 अक्टूबर 2021 को पीड़िता के पिता और भाई केस की फाइल लेने के लिए अधिवक्ता के चेंबर में पहुंचे. फाइल मांगने से नाराज अधिवक्ता ने पिता-पुत्र के साथ मारपीट शुरू कर दी. मारपीट करने के दौरान पुत्र ने 10 सेकेंड का वीडियो भी बना लिया. बताया जा रहा है कि अधिवक्ता ने भी मेडिकल रिपोर्ट बनवा ली है. आरोप लगाया है कि अधिकारियों से कई बार न्याय की गुहार लगाने के बावजूद कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है.
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न्याय की मांग को लेकर पीड़िता कई बार अपने वकील के खिलाफ कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ चुकी है. कार्रवाई न होने से नाराज बुधवार को एक बार फिर पीड़िता परिजनों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर पहुंची. न्याय की मांग करते हुए पीड़िता एक बार फिर अपने वकील के खिलाफ धरने पर बैठ गई है. पीड़िता ने बताया 13, 17 और 18 दिसंबर को रणधीर माथुर का दोबारा मेडिकल परीक्षण कराए जाने को लेकर शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की थी.
तब अधिकारियों ने तीन दिन का समय मांगा था. लेकिन समय बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. पीड़िता ने डीएम को शिकायती पत्र देकर अधिवक्ता का दोबारा मेडिकल परीक्षण कराए जाने, पिता और भाई पर दर्ज कराए गए मुकदमा को निरस्तर करने व मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है. न्याय न मिलने तक धरने पर बैठे रहने की चेतावनी दी है.