कन्नौज: कोरोना वायरस के संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए घोषित लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित रोज कमाने खाने वाले हुए हैं. इस लॉकडाउन ने कई लोगों से उनकी रोजी रोटी छीन ली है. ऐसा ही कुछ आजकल कन्नौज जनपद में देखने को मिल रहा है, जहां लोग अपना पुस्तैनी व्यवसाय छोड़कर सब्जी या फलों की रेड़ी लगाकर परिवार का भरण पोषण करने की जुगत में हैं.
![ockdown in kannauj](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-knj-01-sirdonot-have-to-do-anythingfor-the-stomach-rut-10131_24042020033556_2404f_1587679556_138.jpg)
पुस्तैनी काम छोड़ कर रहे है यह कार्य
कन्नौज की मिठाई वाली गली मिठाइयों के लिए बहुत मशहूर है. जनपद में बहुत सी छोटी और बड़ी मिठाई की दुकानें हैं, जिनके सहारे बहुत लोग अपना जीवन यापन कर रहे थे. मिठाई व्यवसायी अंग गुप्ता ने बताया कि उनके यहां कई पीढ़ियों से मिठाई का कारोबार होता आ रहा है, लेकिन लॉकडाउन में काम पूरी तरह से ठप है. ऐसे में हम लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इसलिए अब सब्जी और फल की ठेली लगाकर दो वक्त की रोटी का जुगत करना पड़ रहा है.
![ockdown in kannauj](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-knj-01-sirdonot-have-to-do-anythingfor-the-stomach-rut-10131_24042020033556_2404f_1587679556_913.jpg)
आर्थिक तंगी से जूझ रहे रोज कमाने खाने वाले
रोहित ने बताया कि वह चाट और पानी के बतासे की उनकी दुकान शहर में चलाते हैं. लॉकडाउन में दुकान बंद हुई तो आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए मजबूरी में हमें फल और सब्जी की ठेली लगाकर गुजर बसर करना पड़ रहा है.
लॉकडाउन खत्म होने की उम्मीद पर बैठे हैं मजदूर
यही नहीं कुछ लोग दिहाड़ी मजदूरी कर कस्बो में अपना जीवन यापन कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उन्हें रोजगार मिलना बंद हो गया है. यही वजह है कि उन्हें अपना और परिवार का भरण-पोषण सब्जियां बेंचकर करना पड़ रहा है. इन सभी लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही लॉकडाउन खत्म होगा और वह अपने पुराने काम की ओर लौटेंगे.