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UP विधानसभा चुनाव 2022 : मुश्किल है...कन्नौज की सदर सीट पर सपा को हराना - demographic report of kannauj

यूपी विधासभा चुनाव 2022 का आगाज हो चुका है. सभी राजनीतिक पार्टिंयां आगामी चुनाव की जोरदार तैयारी में लगीं हैं. इस चुनावी माहौल में कन्नौज की सदर विधानसभा सीट के क्या हैं समीकरण, पूरी खबर पढ़िए..

कन्नौज की सदर सीट के चुनावी समीकरण
कन्नौज की सदर सीट के चुनावी समीकरण
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Published : Sep 16, 2021, 4:40 PM IST

कन्नौज : गंगा नदी के तट पर बसे कन्नौज जिले की पहचान इत्रनगरी और स्वादिष्ट गट्टे के लिए देश भर प्रसिद्ध है. इस जिले की राजनीतिक समीकरण को समाजवादी पार्टी(सपा) का गढ़ कहा जाता है. जिले में कन्नौज तीन विधानसभा सीटें हैं. जिसमें कन्नौज सदर विधासभा सीट (विधानसभा संख्या 198) भी शामिल है. आगामी विधानसभा चुनाव में कन्नौज जनपद से 12 लाख 40 हजार 503 मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनेंगे. जिले में पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 65.91 है, जबकि 63.06 प्रतिशत महिला मतदाता हैं. इसके अलावा थर्ड जेंडर मतदाताओं का प्रतिशत 64.58 है.

विधानसभा चुनाव में कन्नौज की सदर सीट 198 पर लगातार वर्ष 2002, 2007, 2012 व 2017 में सपा का कब्जा रहा है. आंकड़ो पर नजर डालें तो इस सीट पर सपा को छोड़कर किसी भी राजनीतिक दल की दावेदारी नजर नहीं आ रही है. हालांकि यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में सदर सीट पर बीजेपी(BJP) और बीएसपी(BSP) भी अपनी जमीन तलाश रही हैं. सदर सीट पर परचम लहराने के लिए बीजेपी और बसपा जोर अजमाइस में लगी हैं. बता दें, कि कन्नौज जिले की सपा के लिए सुरक्षित कही जाने वाली विधानसभा संख्या 198 पर बीएसपी का एक बार भी खाता नहीं खुला है. आगामी चुनाव में सदर सीट किसकी झोली में जाएगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

कन्नौज जिले की सदर सीट के चुनावी समीकरण
कन्नौज जिले की सदर सीट के चुनावी समीकरण


सदर सीट 198 के राजनीतिक समीकरण

कन्नौज जिले की सदर विधासभा 198 सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 4 लाख 18 हजार 117 है. जिसमें 2 लाख 24 हजार 876 पुरुष मतदाता हैं. जबकि महिला मतदाता 1 लाख 93 हजार 231 है, इसके अलावा 10 थर्ड जेंडर मतदाता है. कन्नौज की सदर सीट को सपा का सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है. पिछले चार विधानसभा चुनावों में हर बार सपा के प्रत्याशी को ही इस सीट पर जीत मिली है. सदर सीट पर पहली बार 1977 में जनता पार्टी से बिहारी लाल ने अपने प्रतिद्वंदी इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रत्याशी रामबक्श को हराया था.

कन्नौज जिले की सदर सीट के चुनावी समीकरण
कन्नौज जिले की सदर सीट के चुनावी समीकरण

1977 की हार के बाद वर्ष 1980 में रामबक्श ने एक बार फिर इंडियन नेशनल कांग्रेस से चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. वर्ष 1989 में सदर सीट पर जनता दल से कल्याण सिंह दोहरे ने चुनाव लड़ा. जिसमें उन्हें जनता का समर्थन मिला और वह विधायक चुने गए. इसके बाद वर्ष 1991 से 1996 तक भाजपा से बनवारी लाल दोहरे विधायक रहे.

कन्नौज जिले की सदर सीट के चुनावी समीकरण
कन्नौज जिले की सदर सीट के चुनावी समीकरण

वर्ष 2002 में इस सीट पर समाजवादी पार्टी से कल्याण सिंह दोहरे ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. विधानसभा चुनाव 2002 में कल्याण सिंह दोहरे की जीत के बाद लगातार 3 बार विधानसभा चुनाव 2007, 2012 व 2017 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सदर सीट पर जीतते आए हैं. वर्ष 2007 से 2017 सपा के अनिल दोहरे इस सीट पर विधायक हैं.



कन्नौज जिले की राजनीतिक पृष्ठभूमि
विधानसभा चुनाव 2012 में कन्नौज की सदर सीट पर सपा प्रत्याशी अनिल दोहरे विधायक चुने गए थे. उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी बनवारी लाल दोहरे को मात दी थी. 2012 के चुनाव में बीजेपी ने तिर्वा व छिबरामऊ विधानसभा सीट पर सेंध लगाते हुए सपा प्रत्याशियों को मात देकर अपना परचम लहराया था. इसमें तिर्वा से कैलाश राजपूत व छिबरामऊ से अर्चना पांडेय विधायक चुनीं गईं थीं. इसी क्रम में 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तिर्वा व छिबरामऊ की सीट पर कब्जा जमाकर सपा को चुनौती दी है.

इसे पढ़ें- Assembly election 2022 : जानिए 2012 में अस्तित्व में आई अमृतपुर विधानसभा सीट के चुनावी समीकरण

कन्नौज : गंगा नदी के तट पर बसे कन्नौज जिले की पहचान इत्रनगरी और स्वादिष्ट गट्टे के लिए देश भर प्रसिद्ध है. इस जिले की राजनीतिक समीकरण को समाजवादी पार्टी(सपा) का गढ़ कहा जाता है. जिले में कन्नौज तीन विधानसभा सीटें हैं. जिसमें कन्नौज सदर विधासभा सीट (विधानसभा संख्या 198) भी शामिल है. आगामी विधानसभा चुनाव में कन्नौज जनपद से 12 लाख 40 हजार 503 मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनेंगे. जिले में पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 65.91 है, जबकि 63.06 प्रतिशत महिला मतदाता हैं. इसके अलावा थर्ड जेंडर मतदाताओं का प्रतिशत 64.58 है.

विधानसभा चुनाव में कन्नौज की सदर सीट 198 पर लगातार वर्ष 2002, 2007, 2012 व 2017 में सपा का कब्जा रहा है. आंकड़ो पर नजर डालें तो इस सीट पर सपा को छोड़कर किसी भी राजनीतिक दल की दावेदारी नजर नहीं आ रही है. हालांकि यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में सदर सीट पर बीजेपी(BJP) और बीएसपी(BSP) भी अपनी जमीन तलाश रही हैं. सदर सीट पर परचम लहराने के लिए बीजेपी और बसपा जोर अजमाइस में लगी हैं. बता दें, कि कन्नौज जिले की सपा के लिए सुरक्षित कही जाने वाली विधानसभा संख्या 198 पर बीएसपी का एक बार भी खाता नहीं खुला है. आगामी चुनाव में सदर सीट किसकी झोली में जाएगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

कन्नौज जिले की सदर सीट के चुनावी समीकरण
कन्नौज जिले की सदर सीट के चुनावी समीकरण


सदर सीट 198 के राजनीतिक समीकरण

कन्नौज जिले की सदर विधासभा 198 सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 4 लाख 18 हजार 117 है. जिसमें 2 लाख 24 हजार 876 पुरुष मतदाता हैं. जबकि महिला मतदाता 1 लाख 93 हजार 231 है, इसके अलावा 10 थर्ड जेंडर मतदाता है. कन्नौज की सदर सीट को सपा का सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है. पिछले चार विधानसभा चुनावों में हर बार सपा के प्रत्याशी को ही इस सीट पर जीत मिली है. सदर सीट पर पहली बार 1977 में जनता पार्टी से बिहारी लाल ने अपने प्रतिद्वंदी इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रत्याशी रामबक्श को हराया था.

कन्नौज जिले की सदर सीट के चुनावी समीकरण
कन्नौज जिले की सदर सीट के चुनावी समीकरण

1977 की हार के बाद वर्ष 1980 में रामबक्श ने एक बार फिर इंडियन नेशनल कांग्रेस से चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. वर्ष 1989 में सदर सीट पर जनता दल से कल्याण सिंह दोहरे ने चुनाव लड़ा. जिसमें उन्हें जनता का समर्थन मिला और वह विधायक चुने गए. इसके बाद वर्ष 1991 से 1996 तक भाजपा से बनवारी लाल दोहरे विधायक रहे.

कन्नौज जिले की सदर सीट के चुनावी समीकरण
कन्नौज जिले की सदर सीट के चुनावी समीकरण

वर्ष 2002 में इस सीट पर समाजवादी पार्टी से कल्याण सिंह दोहरे ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. विधानसभा चुनाव 2002 में कल्याण सिंह दोहरे की जीत के बाद लगातार 3 बार विधानसभा चुनाव 2007, 2012 व 2017 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सदर सीट पर जीतते आए हैं. वर्ष 2007 से 2017 सपा के अनिल दोहरे इस सीट पर विधायक हैं.



कन्नौज जिले की राजनीतिक पृष्ठभूमि
विधानसभा चुनाव 2012 में कन्नौज की सदर सीट पर सपा प्रत्याशी अनिल दोहरे विधायक चुने गए थे. उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी बनवारी लाल दोहरे को मात दी थी. 2012 के चुनाव में बीजेपी ने तिर्वा व छिबरामऊ विधानसभा सीट पर सेंध लगाते हुए सपा प्रत्याशियों को मात देकर अपना परचम लहराया था. इसमें तिर्वा से कैलाश राजपूत व छिबरामऊ से अर्चना पांडेय विधायक चुनीं गईं थीं. इसी क्रम में 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तिर्वा व छिबरामऊ की सीट पर कब्जा जमाकर सपा को चुनौती दी है.

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