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सपा सबसे अचूक हथियार PDA को सशक्त करने में जुटी, बीजेपी ने कहा-यह परिवार डॉमिनेंस अथॉरिटी - SAMAJWADI PARTY

समाजवादी पार्टी पिछला-दलित-अल्पसंख्यक (PDA) चर्चा कार्यक्रम पूरे प्रदेश में किया शुरू, हर विधानसभा में होंगे कार्यक्रम, भाजपा ने किया पलटवार

प्रदेश कार्यालय में मीटिंग करते अखिलेश यादव.
प्रदेश कार्यालय में मीटिंग करते अखिलेश यादव. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 14 hours ago

लखनऊः एक बार फिर समाजवादी पार्टी अपने सबसे अचूक हथियार 'पिछला-दलित-अल्पसंख्यक (PDA) को और सशक्त करने में जुट गई है. यूपी की सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी ने पीडीए चर्चा कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है. इस कार्यक्रम की शुरुआत 26 दिसंबर से शुरू हुई है जो कि अगले महीने 25 जनवरी तक चलेंगी. इस कार्यक्रम की मदद से एक बार फिर समाजवादी पार्टी संविधान को बचाने और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विचारों को पूरे प्रदेश में लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करेगी.

25 जनवरी तक हर विधानसभा में होगी चर्चाः समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने मंगलवार को बयान जारी कर सूचित किया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशानुसार 26 दिसम्बर से 25 जनवरी 2025 तक उत्तर प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में सेक्टरवार पीडीए चर्चा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसका उद्देश्य आंबेडकर के विचारों को जन जन तक पहुंचाने का है और साथी ही संविधान को बचाने का है. राजेंद्र चौधरी ने यह भी बताया कि पीडीए चर्चा कार्यक्रम में पार्टी के सभी जनप्रतिनिधि, संगठन के सभी बड़ी पदाधिकारी और अन्य विंग के भी पदाधिकारी सक्रिय रूप से जुड़ेंगे. क्योंकि 2027 विधानसभा की तैयारियों में अभी से जुटने का आदेश है. इसलिए इन चर्चाओं के माध्यम से मतदाताओं को भी जागरूक किया जायेगा. इसके साथ ही सामाजिक न्याय, आरक्षण, बेरोजगारी, महंगाई, जाति जनगणन जैसे मुद्दों पर भी लोगों से चर्चा होगी.

पीडीए को सामन्तशाही लोगों ने बांटने की रची साजिशः राजेन्द्र चौधरी ने कहा, "समाजवादी पार्टी की इस सफलता से परेशान होकर ‘सामन्तशाही’ प्रवृत्ति के लोगों ने आंबेडकर का अपमान करके पीडीए समाज को आपस में बांटने का प्रयास करने की साजिश रची. ऐसे में पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और पीड़ित व्यक्तियों तक अंबेडकर के विचारों को पहुंचाने, उन्हें एकजुट करने और उन्हें उनके अधिकारों से अवगत कराने की जरूरत है."

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे. (Video Credit; ETV Bharat)
नई पॉलिटिकल रणनीति अपनाएगी सपाः समाजवादी पार्टी आने वाले समय में कुछ नई पॉलिटिकल रणनीति अपनाते हुए नजर आएगी. पीडीए में शामिल जातियों के महापुरुषों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अंबेडकर और संविधान के मुद्दे को बनाए रखना चाहेगी. अभी हाल ही में पासी समाज को ध्यान में रखते हुए सपा ने प्रदेश कार्यालय में महाराजा बिजली पासी की जयंती मनाई थी. ऐसे ही अन्य महापुरुष को जोड़ते हुए पीडीए के हर वर्ग तक समाजवादी पार्टी पहुंचना चाहती है. इसको देखते हुए सपा आगे भी विधानसभावार महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि कार्यक्रमों का आयोजन करेगी. इसी क्रम में सभी जातियों के महापुरुषों के बारे में लिखित समग्री भी एकत्रित की जा रही है.'पीडीए' सपा की परिवार डेवलपमेंट पार्टीः बीजेपी प्रवक्ता आनंद दुबे कहते है कि समाजवादी पार्टी पीडीए के लिए नहीं अपनी पीढ़ियों के लिए काम करती है. बाबा साहब के मानने वालो पर सबसे ज्यादा अत्याचार सपा सरकार ने अपने कार्यकाल में किया है. आजम खान ने बाबा साहब को भू माफिया तक कह दिया था और अखिलेश यादव भी मंच से ताली बजाते थे. वोट बैंक की राजनीति करने वाली सपा को उत्तर प्रदेश की जनता अब समझ चुकी है. चुनाव में भी सपा पीडीए से उम्मीदवारों को नहीं बल्कि अपनी परिवार को टिकट देती है. इसलिए यह अब परिवार डेवलपमेंट अथोरिटी के साथ परिवार डॉमिनेंस अथॉरिटी बन गई है.

इसे भी पढ़ें-पीडीए महापंचायत : सपा प्रदेश अध्यक्ष बोले, समाज को बांटने और काटने का काम कर रही भाजपा

लखनऊः एक बार फिर समाजवादी पार्टी अपने सबसे अचूक हथियार 'पिछला-दलित-अल्पसंख्यक (PDA) को और सशक्त करने में जुट गई है. यूपी की सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी ने पीडीए चर्चा कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है. इस कार्यक्रम की शुरुआत 26 दिसंबर से शुरू हुई है जो कि अगले महीने 25 जनवरी तक चलेंगी. इस कार्यक्रम की मदद से एक बार फिर समाजवादी पार्टी संविधान को बचाने और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विचारों को पूरे प्रदेश में लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करेगी.

25 जनवरी तक हर विधानसभा में होगी चर्चाः समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने मंगलवार को बयान जारी कर सूचित किया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशानुसार 26 दिसम्बर से 25 जनवरी 2025 तक उत्तर प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में सेक्टरवार पीडीए चर्चा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसका उद्देश्य आंबेडकर के विचारों को जन जन तक पहुंचाने का है और साथी ही संविधान को बचाने का है. राजेंद्र चौधरी ने यह भी बताया कि पीडीए चर्चा कार्यक्रम में पार्टी के सभी जनप्रतिनिधि, संगठन के सभी बड़ी पदाधिकारी और अन्य विंग के भी पदाधिकारी सक्रिय रूप से जुड़ेंगे. क्योंकि 2027 विधानसभा की तैयारियों में अभी से जुटने का आदेश है. इसलिए इन चर्चाओं के माध्यम से मतदाताओं को भी जागरूक किया जायेगा. इसके साथ ही सामाजिक न्याय, आरक्षण, बेरोजगारी, महंगाई, जाति जनगणन जैसे मुद्दों पर भी लोगों से चर्चा होगी.

पीडीए को सामन्तशाही लोगों ने बांटने की रची साजिशः राजेन्द्र चौधरी ने कहा, "समाजवादी पार्टी की इस सफलता से परेशान होकर ‘सामन्तशाही’ प्रवृत्ति के लोगों ने आंबेडकर का अपमान करके पीडीए समाज को आपस में बांटने का प्रयास करने की साजिश रची. ऐसे में पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और पीड़ित व्यक्तियों तक अंबेडकर के विचारों को पहुंचाने, उन्हें एकजुट करने और उन्हें उनके अधिकारों से अवगत कराने की जरूरत है."

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे. (Video Credit; ETV Bharat)
नई पॉलिटिकल रणनीति अपनाएगी सपाः समाजवादी पार्टी आने वाले समय में कुछ नई पॉलिटिकल रणनीति अपनाते हुए नजर आएगी. पीडीए में शामिल जातियों के महापुरुषों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अंबेडकर और संविधान के मुद्दे को बनाए रखना चाहेगी. अभी हाल ही में पासी समाज को ध्यान में रखते हुए सपा ने प्रदेश कार्यालय में महाराजा बिजली पासी की जयंती मनाई थी. ऐसे ही अन्य महापुरुष को जोड़ते हुए पीडीए के हर वर्ग तक समाजवादी पार्टी पहुंचना चाहती है. इसको देखते हुए सपा आगे भी विधानसभावार महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि कार्यक्रमों का आयोजन करेगी. इसी क्रम में सभी जातियों के महापुरुषों के बारे में लिखित समग्री भी एकत्रित की जा रही है.'पीडीए' सपा की परिवार डेवलपमेंट पार्टीः बीजेपी प्रवक्ता आनंद दुबे कहते है कि समाजवादी पार्टी पीडीए के लिए नहीं अपनी पीढ़ियों के लिए काम करती है. बाबा साहब के मानने वालो पर सबसे ज्यादा अत्याचार सपा सरकार ने अपने कार्यकाल में किया है. आजम खान ने बाबा साहब को भू माफिया तक कह दिया था और अखिलेश यादव भी मंच से ताली बजाते थे. वोट बैंक की राजनीति करने वाली सपा को उत्तर प्रदेश की जनता अब समझ चुकी है. चुनाव में भी सपा पीडीए से उम्मीदवारों को नहीं बल्कि अपनी परिवार को टिकट देती है. इसलिए यह अब परिवार डेवलपमेंट अथोरिटी के साथ परिवार डॉमिनेंस अथॉरिटी बन गई है.

इसे भी पढ़ें-पीडीए महापंचायत : सपा प्रदेश अध्यक्ष बोले, समाज को बांटने और काटने का काम कर रही भाजपा

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