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ट्रामा सेंटर की बिल्डिंग में खाली शराब की बोतलें और बियर की केन मिलने से मचा हड़कंप

मामला सामने आने पर सीएमएस ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.

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कन्नौज का ट्रामा सेंटर
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Published : Mar 6, 2022, 8:07 PM IST

कन्नौज. जिला अस्पताल परिसर में लाखों की लागत से बने ट्रामा सेंटर में एक दिन पहले एक्सपायरी दवाएं और मेडिकल उपकरण बाहर फेंका पड़ा मिला था. मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि दूसरे दिन ट्रामा सेंटर की बिल्डिंग में खाली शराब की बोतलें और बियर की केन मिलने से हड़कंप मच गया. अस्पताल से जुड़े लोगों ने ही ट्रामा सेंटर को मयखाना बना डाला है. बिल्डिंग में जगह-जगह शराब की खाली बोतलें पड़ीं हैं. जहां मरीजों का इलाज किया जाता है वहीं, शाम ढलते ही जाम छलकाए जाते हैं.

सीएमएस डॉ. शक्ति बसु

ट्रामा सेंटर में ग्राउंड फ्लोर पर पुलिस चौकी बनी हुई है. वहीं, फस्ट फ्लोर पर एंबुलेंस के चालक रहते हैं जिसके चलते आम इंसान को ट्रामा सेंटर के अंदर जाने पर रोक है. मामला सामने आने पर सीएमएस ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.

इत्रनगरी के वाशिंदों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए जिला अस्पताल परिसर में पूर्व सपा सरकार में ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया गया था. करीब 95.40 लाख रुपये की लागत से ट्रामा सेंटर का निर्माण किया गया था. साथ ही इसमें आधुनिक उपकरण भी दिए गए थे ताकि गरीब तबके के मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके.

इसे भी पढ़ेंः ट्रामा सेंटर में कूड़े के ढेर में पड़ी मिली लाखों की एक्सपायरी दवाएं व मेडिकल उपकरण, सीएमओ ने दिए जांच के आदेश

ट्रामा सेंटर का भवन बनकर तैयार होने के बावजूद स्टॉफ न मिलने की वजह से कई सालों के बाद इस सेंटर को शुरू नहीं किया जा सका है. लाखों की कीमत के उपकरण भी धूल फांख रहे हैं. भवन खाली होने की वजह से ग्राउंड फ्लोर पर जिला अस्पताल की पुलिस चौकी बना दी गई है जबकि प्रथम तल एंबुलेंस कर्मचारियों को रहने के लिए आवंटित कर दिया गया है.

हालांकि ट्रामा सेंटर अब शराबियों का अड्डा में तब्दील हो गया है. आश्चर्य की बात यह है कि अस्पताल परिसर में इतना सब कुछ होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन को भनक तक नहीं है. आरोप है कि जिस स्थान पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भगवान बनकर मरीजों का इलाज करते हैं, वहीं स्थान शाम ढलते ही शराबियों का अड्डा बन जाता है.

ट्रामा सेंटर के भवन में ही पुलिस चौकी है ताकि जिला अस्पताल में अराजकतत्वों पर रोक लगाई जा सके. एक दिन पहले ही ट्रामा सेंटर में बड़ी मात्रा में एक्सपायर हुई दवाइयां और मेडिकल उपकरण मिले थे. वहीं, आज बड़ी मात्रा में शराब और बियर की खाली बोतलों का अंबार देखने को मिला.

मामला सामने आने पर सीएमएस डॉ. शक्ति बसु ने कहा कि ट्रामा सेंटर में मादक पदार्थों की खाली बोतलें मिलने की जानकारी मिली है. ट्रामा सेंटर में अभी 108 एंबुलेंस कर्मी रह रहे हैं. साथ ही पुलिस चौकी भी बनी है. ट्रामा सेंटर को खाली कराने का काम शुरू किया जाएगा. ट्रामा सेंटर शुरू कराने के लिए वह पत्राचार करेंगे. उन्होंने कहा कि मामले की जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे.

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कन्नौज. जिला अस्पताल परिसर में लाखों की लागत से बने ट्रामा सेंटर में एक दिन पहले एक्सपायरी दवाएं और मेडिकल उपकरण बाहर फेंका पड़ा मिला था. मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि दूसरे दिन ट्रामा सेंटर की बिल्डिंग में खाली शराब की बोतलें और बियर की केन मिलने से हड़कंप मच गया. अस्पताल से जुड़े लोगों ने ही ट्रामा सेंटर को मयखाना बना डाला है. बिल्डिंग में जगह-जगह शराब की खाली बोतलें पड़ीं हैं. जहां मरीजों का इलाज किया जाता है वहीं, शाम ढलते ही जाम छलकाए जाते हैं.

सीएमएस डॉ. शक्ति बसु

ट्रामा सेंटर में ग्राउंड फ्लोर पर पुलिस चौकी बनी हुई है. वहीं, फस्ट फ्लोर पर एंबुलेंस के चालक रहते हैं जिसके चलते आम इंसान को ट्रामा सेंटर के अंदर जाने पर रोक है. मामला सामने आने पर सीएमएस ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.

इत्रनगरी के वाशिंदों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए जिला अस्पताल परिसर में पूर्व सपा सरकार में ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया गया था. करीब 95.40 लाख रुपये की लागत से ट्रामा सेंटर का निर्माण किया गया था. साथ ही इसमें आधुनिक उपकरण भी दिए गए थे ताकि गरीब तबके के मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके.

इसे भी पढ़ेंः ट्रामा सेंटर में कूड़े के ढेर में पड़ी मिली लाखों की एक्सपायरी दवाएं व मेडिकल उपकरण, सीएमओ ने दिए जांच के आदेश

ट्रामा सेंटर का भवन बनकर तैयार होने के बावजूद स्टॉफ न मिलने की वजह से कई सालों के बाद इस सेंटर को शुरू नहीं किया जा सका है. लाखों की कीमत के उपकरण भी धूल फांख रहे हैं. भवन खाली होने की वजह से ग्राउंड फ्लोर पर जिला अस्पताल की पुलिस चौकी बना दी गई है जबकि प्रथम तल एंबुलेंस कर्मचारियों को रहने के लिए आवंटित कर दिया गया है.

हालांकि ट्रामा सेंटर अब शराबियों का अड्डा में तब्दील हो गया है. आश्चर्य की बात यह है कि अस्पताल परिसर में इतना सब कुछ होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन को भनक तक नहीं है. आरोप है कि जिस स्थान पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भगवान बनकर मरीजों का इलाज करते हैं, वहीं स्थान शाम ढलते ही शराबियों का अड्डा बन जाता है.

ट्रामा सेंटर के भवन में ही पुलिस चौकी है ताकि जिला अस्पताल में अराजकतत्वों पर रोक लगाई जा सके. एक दिन पहले ही ट्रामा सेंटर में बड़ी मात्रा में एक्सपायर हुई दवाइयां और मेडिकल उपकरण मिले थे. वहीं, आज बड़ी मात्रा में शराब और बियर की खाली बोतलों का अंबार देखने को मिला.

मामला सामने आने पर सीएमएस डॉ. शक्ति बसु ने कहा कि ट्रामा सेंटर में मादक पदार्थों की खाली बोतलें मिलने की जानकारी मिली है. ट्रामा सेंटर में अभी 108 एंबुलेंस कर्मी रह रहे हैं. साथ ही पुलिस चौकी भी बनी है. ट्रामा सेंटर को खाली कराने का काम शुरू किया जाएगा. ट्रामा सेंटर शुरू कराने के लिए वह पत्राचार करेंगे. उन्होंने कहा कि मामले की जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे.

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