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मंदबुद्धि किशोरी के साथ दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई तीस साल कैद की सजा

कन्नौज में मंदबुद्धि किशोरी के साथ दुष्कर्म के आरोपी को न्यायालय ने तीस साल कैद के साथ एक लाख रुपये अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड जमा न करने पर दो साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है.

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कोर्ट ने सुनाई तीस साल कैद की सजा
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Published : Jun 24, 2022, 7:16 PM IST

कन्नौज: मंदबुद्धि 11 साल की किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में कोर्ट ने आरोपी को तीस साल की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने जुर्माने की रकम जमा होने पर पीड़ित को प्रतिकर के रूप में देने का आदेश दिया है. जुर्माना अदा न करने पर दो साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है.

क्या है पूरा मामला

जिला शासकीय अधिवक्ता बृजेश शुक्ला ने बताया कि छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव के रहने वाले पिता ने 26 मार्च 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 11 वर्षीय बेटी दिमाग से विक्षिप्त है. 24 मार्च की शाम घर से निकलकर बाहर बाथरूम करने गई थी. जब वह काफी देर तक वापस नहीं लौटी तो उसकी खोजबीन की. तभी पंचायत घर के पीछे से बेटी आती दिखी. बेटी ने जब आपबीती बताई तो मानो पैरों तले जमीन खिसक गई.

परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. जांच के दौरान पुलिस साक्ष्यों के आधार पर आरोपी हरिश्चंद्र तक पहुंची. पुलिस ने आरोपी को नामजद करते हुए मामले की विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किये.

यह भी पढ़ें-पीलीभीत: दुष्कर्म पीड़िता के पुलिस लाइन परिसर में जहर खाने मामले में आरोपी गिरफ्तार

शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट की जज गीता सिंह ने साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर आरोप सिद्ध होने पर आरोपी हरिश्चंद्र को तीस साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर दो साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी द्वारा जुर्माने की संपूर्ण धनराशि जमा होने पर पीड़ित को दिए जाने का आदेश दिया है.

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कन्नौज: मंदबुद्धि 11 साल की किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में कोर्ट ने आरोपी को तीस साल की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने जुर्माने की रकम जमा होने पर पीड़ित को प्रतिकर के रूप में देने का आदेश दिया है. जुर्माना अदा न करने पर दो साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है.

क्या है पूरा मामला

जिला शासकीय अधिवक्ता बृजेश शुक्ला ने बताया कि छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव के रहने वाले पिता ने 26 मार्च 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 11 वर्षीय बेटी दिमाग से विक्षिप्त है. 24 मार्च की शाम घर से निकलकर बाहर बाथरूम करने गई थी. जब वह काफी देर तक वापस नहीं लौटी तो उसकी खोजबीन की. तभी पंचायत घर के पीछे से बेटी आती दिखी. बेटी ने जब आपबीती बताई तो मानो पैरों तले जमीन खिसक गई.

परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. जांच के दौरान पुलिस साक्ष्यों के आधार पर आरोपी हरिश्चंद्र तक पहुंची. पुलिस ने आरोपी को नामजद करते हुए मामले की विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किये.

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शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट की जज गीता सिंह ने साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर आरोप सिद्ध होने पर आरोपी हरिश्चंद्र को तीस साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर दो साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी द्वारा जुर्माने की संपूर्ण धनराशि जमा होने पर पीड़ित को दिए जाने का आदेश दिया है.

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