कन्नौज: 13 वर्षीय किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म (Rape in Kannuj) करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट (POCSO Court) ने आरोपी को दस साल कारावास व 41 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. जज गीता सिंह ने यह फैसला सुनाया. जुर्माना अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी. मामले की सुनवाई के दौरान सात गवाह पेश किए गए.
जिला शासकीय अधिवक्ता बृजेश शुक्ला ने बताया कि तालग्राम थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला ने 28 जुलाई 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि उसकी 13 वर्षीय पुत्री 22 जुलाई को स्कूल गई थी. जब वह दो बजे तक घर वापस नहीं लौटी तो स्कूल जाकर पता किया तो जानकारी हुई कि पुत्री पढ़ने नहीं आई. जांच पड़ताल करने पर पता चला कि बघेलनपुरवा गांव निवासी देवेंद्र उर्फ नंहू, उसका बहनोई कल्लू व मां शांति देवी पुत्री को बहला फुसलाकर भगा ले गए.
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल की. जांच के दौरान किशोरी के साथ दुष्कर्म करने व विरोध करने पर मारपीट करने की बात सामने आई. मामले की विवेचना कर एसआई दिलीप कुमार ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से सात गवाह पेश किए गए.
बुधवार को गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कोर्ट की जज गीता सिंह ने आरोपी देवेंद्र को दस साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 41 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है.
कोर्ट ने धारा 376(2) में दस साल कारावास व 25 हजार रुपए, 363 में तीन साल कारावास व पांच हजार रुपए, 366 में पांच साल कारावास व 10 हजार रुपए, 323 में साल कारावास व एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. अधिवक्ता ने बताया कि जुर्माने की सजा छोड़कर सभी सजाएं साथ साथ चलेगी. साक्ष्यों के अभाव में कल्लू व शांति देवी को 376(D), 363, 366, 328, 323, 5/6 पाक्सो एक्ट व 16/17 पॉक्सो एक्ट में कोर्ट ने दोष मुक्त करार दिया है.
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