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आखिर 'प्रेरणा ऐप' के विरोध में क्यों हैं शिक्षक, जानें वजह...

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Published : Sep 21, 2019, 1:43 PM IST

यूपी के कन्नौज में शिक्षक सरकार की ओर से लागू किए गए प्रेरणा ऐप का विरोध कर रहे हैं. विरोध प्रदर्शन में कई शिक्षक संगठनों ने हिस्सा लिया. शिक्षकों का कहना है कि इस ऐप से महिला टीचरों की फोटो का दुरुपयोग हो सकता है.

प्रेरणा एप के विरोध में शिक्षकों का प्रदर्शन

कन्नौज: प्रदेश सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरणा ऐप को लांच किया है, लेकिन अध्यापक इस ऐप की लांचिंग का विरोध कर रहे हैं. अध्यापक ऐप में मौजूद नियम मानने को तैयार नहीं हैं और इसके विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन करने उतर आए हैं. टीचरों के मौजूदगी की कहीं पोल न खुल जाए इस कारण सभी एकजुट होकर महिला टीचरों को आगे बढ़ाकर अपनी नाराजगी व्यक्त करने में जुटे हैं.

प्रेरणा ऐप के विरोध में शिक्षकों का प्रदर्शन.

इसे भी पढ़ें:- कन्नौजः वकीलों और लेखपालों के बीच हुई मारपीट, जमकर तोड़ी कुर्सियां

सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए एक नया तरीका इस्तेमाल किया है. अध्यापक सरकार द्वारा लागू किए जा रहे प्रेरणा ऐप के विरोध में खड़े हुए हैं. सरकार ने इस प्रेरणा ऐप को शिक्षक दिवस पर लांच किया था, लेकिन इस ऐप के लागू होने से शिक्षकों की स्कूलों में चल रही मनमानी बिल्कुल बंद हो जाएगी. जिस वजह से प्राथमिक शिक्षक संघ इस प्रेरणा ऐप के नियमों को मानने के लिए कतई तैयार नहीं हैं और सरकार द्वारा इस ऐप के लागू करने का विरोध कर रहे हैं.

आखिर क्यों प्रेरणा ऐप से डर रहे हैं शिक्षक
प्रेरणा ऐप के जरिए सरकार की मंशा शिक्षा कार्य प्रणाली की व्यवस्था में सुधार लाना है, जिसको लेकर सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों द्वारा की जा रही लापरवाही और समय पर स्कूल में मौजूद न होने को लेकर इस प्रेरणा ऐप को लांच किया है. इस ऐप के जरिए दिन में तीन बार स्कूल में ही बच्चों के साथ टीचरों को अपनी सेल्फी अपलोड करनी होगी. इस ऐप के लागू होने से कोई भी अध्यापक स्कूल के नियम का उल्लंघन नहीं कर पाएगा. इसी वजह से अध्यापकों में खलबली मची हुई है. यही कारण है कि सभी शिक्षक संगठन एकजुट होकर प्रेरणा ऐप के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन करने को उतरे हुए हैं.

संगठन की प्रमुख मांगें
सरकार द्वारा अभी जो शासन से प्रेरणा ऐप लागू करने की मांग है, हम उसके विरोध में हैं, क्योंकि उसमें हम लोगों की सुविधा का ख्याल नहीं रखा गया है और उसमें बहुत सी बाधाएं हैं, जिसके कारण हम उसका विरोध कर रहे हैं. प्रेरणा ऐप में सेल्फी लेनी है और सेल्फी से सभी मेमोरी में कनेक्शन हो जाता है और उससे कहीं भी किसी इंटरनेट पर हमारी शिक्षिकाओं और बहनों की फोटो जो है उसका दुरुपयोग होने की संभावनाएं पूरी बनी रहती हैं. इसलिए प्रेरणा ऐप की जगह हम बायोमैट्रिक्स की मांग कर सकते हैं. सरकार वह भी लगा सकती है, हमें कोई दिक्कत नहीं है. सरकार किसी भी प्रकार से चेक करवा ले हमें कोई अव्यवस्था नहीं है, लेकिन प्रेरणा ऐप से तीन-तीन बार फोटो सेल्फी लेना यह अनैतिक है. हम लोग आज अपना कैंडल मार्च निकाल रहे हैं और इसमें हमारा अटेवा, यूटा, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संगठन और अखिल भारतीय उर्दू शिक्षक संघ भी शामिल है.

कन्नौज: प्रदेश सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरणा ऐप को लांच किया है, लेकिन अध्यापक इस ऐप की लांचिंग का विरोध कर रहे हैं. अध्यापक ऐप में मौजूद नियम मानने को तैयार नहीं हैं और इसके विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन करने उतर आए हैं. टीचरों के मौजूदगी की कहीं पोल न खुल जाए इस कारण सभी एकजुट होकर महिला टीचरों को आगे बढ़ाकर अपनी नाराजगी व्यक्त करने में जुटे हैं.

प्रेरणा ऐप के विरोध में शिक्षकों का प्रदर्शन.

इसे भी पढ़ें:- कन्नौजः वकीलों और लेखपालों के बीच हुई मारपीट, जमकर तोड़ी कुर्सियां

सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए एक नया तरीका इस्तेमाल किया है. अध्यापक सरकार द्वारा लागू किए जा रहे प्रेरणा ऐप के विरोध में खड़े हुए हैं. सरकार ने इस प्रेरणा ऐप को शिक्षक दिवस पर लांच किया था, लेकिन इस ऐप के लागू होने से शिक्षकों की स्कूलों में चल रही मनमानी बिल्कुल बंद हो जाएगी. जिस वजह से प्राथमिक शिक्षक संघ इस प्रेरणा ऐप के नियमों को मानने के लिए कतई तैयार नहीं हैं और सरकार द्वारा इस ऐप के लागू करने का विरोध कर रहे हैं.

आखिर क्यों प्रेरणा ऐप से डर रहे हैं शिक्षक
प्रेरणा ऐप के जरिए सरकार की मंशा शिक्षा कार्य प्रणाली की व्यवस्था में सुधार लाना है, जिसको लेकर सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों द्वारा की जा रही लापरवाही और समय पर स्कूल में मौजूद न होने को लेकर इस प्रेरणा ऐप को लांच किया है. इस ऐप के जरिए दिन में तीन बार स्कूल में ही बच्चों के साथ टीचरों को अपनी सेल्फी अपलोड करनी होगी. इस ऐप के लागू होने से कोई भी अध्यापक स्कूल के नियम का उल्लंघन नहीं कर पाएगा. इसी वजह से अध्यापकों में खलबली मची हुई है. यही कारण है कि सभी शिक्षक संगठन एकजुट होकर प्रेरणा ऐप के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन करने को उतरे हुए हैं.

संगठन की प्रमुख मांगें
सरकार द्वारा अभी जो शासन से प्रेरणा ऐप लागू करने की मांग है, हम उसके विरोध में हैं, क्योंकि उसमें हम लोगों की सुविधा का ख्याल नहीं रखा गया है और उसमें बहुत सी बाधाएं हैं, जिसके कारण हम उसका विरोध कर रहे हैं. प्रेरणा ऐप में सेल्फी लेनी है और सेल्फी से सभी मेमोरी में कनेक्शन हो जाता है और उससे कहीं भी किसी इंटरनेट पर हमारी शिक्षिकाओं और बहनों की फोटो जो है उसका दुरुपयोग होने की संभावनाएं पूरी बनी रहती हैं. इसलिए प्रेरणा ऐप की जगह हम बायोमैट्रिक्स की मांग कर सकते हैं. सरकार वह भी लगा सकती है, हमें कोई दिक्कत नहीं है. सरकार किसी भी प्रकार से चेक करवा ले हमें कोई अव्यवस्था नहीं है, लेकिन प्रेरणा ऐप से तीन-तीन बार फोटो सेल्फी लेना यह अनैतिक है. हम लोग आज अपना कैंडल मार्च निकाल रहे हैं और इसमें हमारा अटेवा, यूटा, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संगठन और अखिल भारतीय उर्दू शिक्षक संघ भी शामिल है.

Intro:आखिर प्रेरणा एप्प के विरोध में क्यों है शिक्षक

प्रदेश सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरणा ऐप को लांच किया है, लेकिन इस ऐप की लांचिंग का विरोध कर रहे अध्यापकों को ऐप में मौजूद नियम मानने को तैयार नहीं हैं और इसके विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन करने को उतर आए हैं । इस ऐप के जरिए टीचरों को स्कूल में दिन में तीन बार बच्चों के साथ अपनी सेल्फी लेकर अपलोड करनी होगी । टीचरों के मौजूदगी की पोल कहीं ना खुल जाए इस कारण सभी अध्यापकों ने एकजुट होकर महिला टीचर को आगे बढ़ाकर अपनी नाराजगी व्यक्त करने में जुटे है। प्रेरणा एप्प के विरोध में सभी शिक्षक एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । आइए देखते हैं कन्नौज से यह स्पेशल रिपोर्ट।


Body:सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए एक नया तरीका इस्तेमाल किया है जिससे अध्यापकों में खलबली मची हुई है। अध्यापक सरकार द्वारा लागू किए जा रहे प्रेरणा एप्प के विरोध में खड़े हुए हैं। सरकार ने इस प्रेरणा एप्प को शिक्षक दिवस पर लांच किया है, लेकिन इस एप्प के लागू होने से शिक्षकों की स्कूलों में चल रही मनमानी बिल्कुल बंद हो जाएगी। जिस वजह से प्राथमिक शिक्षक संघ इस प्रेरणा के नियमों को मानने के लिए कतई तैयार नहीं है और सरकार द्वारा इस प्रेरणा एप्प के लागू करने का विरोध कर रहे हैं, ताकि यह लागू ना हो सके।

आखिर क्यों प्रेंरणा एप्प से डर रहे है शिक्षक

प्रेरणा एप्प के जरिए सरकार की मंशा शिक्षा कार्य प्रणाली की व्यवस्था में सुधार लाना है। जिसको लेकर सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों द्वारा की जा रही लापरवाही और समय पर स्कूल में मौजूद ना होने को लेकर प्रेरणा एप्प के अंतर्गत शिक्षकों की मौजूदगी सुनिश्चित करने का एक नया तरीका इस्तेमाल किया है। इस ऐप के जरिए दिन में तीन बार स्कूल मे ही बच्चों के साथ टीचरों को अपनी सेल्फी अपलोड करनी होगी। जिससे प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की मौजूदगी सुनिश्चित की जा सके। इस ऐप के लागू होने से कोई भी अध्यापक स्कूल के नियम का उल्लंघन नहीं कर पाएगा । इसी वजह से अध्यापकों में खलबली मची हुई है और यही कारण है कि सभी शिक्षक संगठन प्रेरणा एप्प को लागू नहीं होने दे रहे हैं और सभी शिक्षक संगठन एकजुट होकर इसके विरोध में सड़को पर प्रदर्शन करने को उतरे हुए है।


Conclusion:प्रेरणा एप्प का विरोध जताते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ कन्नौज के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार यादव ने बताया कि सरकार द्वारा अभी जो शासन द्वारा प्रेरणा एप्प लागू करने की मांग है, उसके विरोध में हम लोग हैं, क्योंकि उसमें हम लोगों की सुविधा का ख्याल नहीं रखा गया है और उसमें बहुत सी बाधाएं हैं जिसके कारण हम उसका विरोध कर रहे हैं। प्रेरणा एप्प में सेल्फी है और सेल्फी से सभी मेमोरी में उसमें कनेक्शन हो जाता है और उससे कहीं भी किसी इंटरनेट पर हमारी शिक्षिकाएं बहने की फोटो जो है उसका दुरुपयोग होने की संभावनाएं पूरी पूरी बनी रहती हैं। इसलिए प्रेरणा एप्प की जगह हम बायोमैट्रिक्स की मांग कर सकते हैं। वह भी लगा सकती हैं सरकार । हमें कोई दिक्कत नहीं है और स्कूल आए समय से वह चेक करें । हमें कोई दिक्कत नहीं है । 8:00 बजे का स्कूल आप हमें 7:45 बजे चेक करिए। मुझे कोई समस्या नहीं है । 1:00 बजे तक का है हम 1:10 तक आपके यहां रहने वाले हैं कोई किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं है लेकिन प्रेरणा एप्प से तीन-तीन बार फोटो सेल्फी लेना यह एक अनैतिक है । हम लोगों ने धरना प्रदर्शन किया, आज हम लोग अपना कैंडल मार्च निकाल रहे हैं और इसमें हमारा अटेवा शामिल है। यूटा शामिल है। पूर्व माध्यमिक शिक्षक संगठन शामिल है और अखिल भारतीय उर्दू शिक्षक संघ शामिल है । मदरसे भी शामिल है काफी लोग सामिल है। आज हमने बीएसए ऑफिस से लोहिया प्रतिमा तक कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया रहे हैं।

बाइट - सुशील कुमार यादव - जिलाध्यक्ष- प्राथमिक शिक्षक संघ कन्नौज
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
09415168969
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