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कन्नौज लौटा यूक्रेन में फंसा छात्र हर्षित, बोला-मिली नई जिंदगी

रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते कन्नौज के इंदरगढ़ कस्बा के नहर कोठी का रहने वाला छात्र सकुशल अपने घर पहुंच गया. बेटे को देखकर परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई. फूल माला पहनाकर छात्र का स्वागत किया गया. छात्र दिल्ली से बरेली होते हुए अपने घर पहुंचा है.

छात्र.
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Published : Mar 8, 2022, 2:11 PM IST

कन्नौज: रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते कन्नौज के इंदरगढ़ कस्बा के नहर कोठी का रहने वाला छात्र सकुशल अपने घर पहुंच गया. बेटे को देखकर परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई. फूल माला पहनाकर छात्र का स्वागत किया गया. छात्र दिल्ली से बरेली होते हुए अपने घर पहुंचा. जहां छात्र ने युक्रेन के हालातों को परिवार के साथ साझा किया. छात्र ने बताया कि घर वापस लौटने पर ऐसा लग रहा है जैसे नई जिंदगी मिल गई हो. पोलेंड बॉर्डर पार करने में 2 दिन का समय लग गया था. बताया कि यूक्रेन के लोग निकलने नहीं दे रहे थे. गाली गलौज के साथ मारपीट भी कर रहे थे.

जानकारी देता छात्र.

इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के नहर कोठी निवासी हर्षित प्रजापति पुत्र आदित्य प्रजापति यूक्रेन के खारकीव की मेडिकल यूर्निवर्सिटी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है. हर्षित दिसंबर 2021 में पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गया था. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद वह फंस गया था. जिसके बाद पर परिजन हर्षित को लेकर चिंतित थे. बड़ी कठनाईयों का सामना करते हुए भारत सरकार की मदद से छात्र सकुशल वापस लौट आया.

छात्र दिल्ली से बरेली होते हुए अपने घर पहुंचा. बेटे को सही सलामत अपने सामने देख माता-पिता की आंखों से आंसू छलक पड़े. मां ने बेटे को सीने से लगाकर दुलार किया. परिजनों ने छात्र को फूल माला पहनाकर स्वागत किया. यूक्रेन से लौटे छात्र ने वहां के मंजर को साझा करते बताया कि खारकीव पर रूसी सेना का हमला होने के बाद से वह लगातार चिंतित था. घर सुरक्षित लौटने की आशा से भारतीय दोस्तों के साथ खारकीव शहर को छोड़कर पोलेंड बॉर्डर पर पहुंच गया. दो दिन इंतजार करने के बाद पोलेंड बार्डर पार कर पाया. करीब 72 घंटे तक पोलेंड के एअरपोर्ट के बाहर होटल में ठहराया गया था. वहां पर चार लाइनें लगवा रहे थे. जिसमें यूक्रेन, इंडिया, समेत कई देशों के लोग थे.

छात्र हर्षित ने बताया कि डिटोनेशन में इंडिया की अनुपस्थिति को लेकर यूक्रेन के लोग नाराज थे. जिसके चलते हम लोगों को मार रहे थे. वहां की लड़कियां गाली गलौज कर रही थीं. हम लोगों को आगे जाने के लिए बोला जा रहा था. लेकिन यूक्रेन के लोग आगे नहीं जाने दे रहे थे. आगे का रास्ता रोक लिया था. यूक्रेन के भयाभय हालातों को याद कर छात्र सहम जाता है. छात्र ने बताया कि घर आकर ऐसा लग रहा है जैसे कि मानों नई जिंदगी मिल गई हो. कहा कि जिंदा वापस लौट आए है इससे ज्यादा खुशी की बात नहीं है. माता पिता के साथ बैठे है इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए.

इसे भी पढे़ं- यूक्रेन से सकुशल वापस लौटे शादाब ने सुनायी आपबीती

कन्नौज: रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते कन्नौज के इंदरगढ़ कस्बा के नहर कोठी का रहने वाला छात्र सकुशल अपने घर पहुंच गया. बेटे को देखकर परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई. फूल माला पहनाकर छात्र का स्वागत किया गया. छात्र दिल्ली से बरेली होते हुए अपने घर पहुंचा. जहां छात्र ने युक्रेन के हालातों को परिवार के साथ साझा किया. छात्र ने बताया कि घर वापस लौटने पर ऐसा लग रहा है जैसे नई जिंदगी मिल गई हो. पोलेंड बॉर्डर पार करने में 2 दिन का समय लग गया था. बताया कि यूक्रेन के लोग निकलने नहीं दे रहे थे. गाली गलौज के साथ मारपीट भी कर रहे थे.

जानकारी देता छात्र.

इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के नहर कोठी निवासी हर्षित प्रजापति पुत्र आदित्य प्रजापति यूक्रेन के खारकीव की मेडिकल यूर्निवर्सिटी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है. हर्षित दिसंबर 2021 में पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गया था. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद वह फंस गया था. जिसके बाद पर परिजन हर्षित को लेकर चिंतित थे. बड़ी कठनाईयों का सामना करते हुए भारत सरकार की मदद से छात्र सकुशल वापस लौट आया.

छात्र दिल्ली से बरेली होते हुए अपने घर पहुंचा. बेटे को सही सलामत अपने सामने देख माता-पिता की आंखों से आंसू छलक पड़े. मां ने बेटे को सीने से लगाकर दुलार किया. परिजनों ने छात्र को फूल माला पहनाकर स्वागत किया. यूक्रेन से लौटे छात्र ने वहां के मंजर को साझा करते बताया कि खारकीव पर रूसी सेना का हमला होने के बाद से वह लगातार चिंतित था. घर सुरक्षित लौटने की आशा से भारतीय दोस्तों के साथ खारकीव शहर को छोड़कर पोलेंड बॉर्डर पर पहुंच गया. दो दिन इंतजार करने के बाद पोलेंड बार्डर पार कर पाया. करीब 72 घंटे तक पोलेंड के एअरपोर्ट के बाहर होटल में ठहराया गया था. वहां पर चार लाइनें लगवा रहे थे. जिसमें यूक्रेन, इंडिया, समेत कई देशों के लोग थे.

छात्र हर्षित ने बताया कि डिटोनेशन में इंडिया की अनुपस्थिति को लेकर यूक्रेन के लोग नाराज थे. जिसके चलते हम लोगों को मार रहे थे. वहां की लड़कियां गाली गलौज कर रही थीं. हम लोगों को आगे जाने के लिए बोला जा रहा था. लेकिन यूक्रेन के लोग आगे नहीं जाने दे रहे थे. आगे का रास्ता रोक लिया था. यूक्रेन के भयाभय हालातों को याद कर छात्र सहम जाता है. छात्र ने बताया कि घर आकर ऐसा लग रहा है जैसे कि मानों नई जिंदगी मिल गई हो. कहा कि जिंदा वापस लौट आए है इससे ज्यादा खुशी की बात नहीं है. माता पिता के साथ बैठे है इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए.

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