कन्नौज: लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी लहर के असर से सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को हार का सामना करना पड़ा. इत्र नगरी में ही जन्मे सुब्रत पाठक को जनता ने अपना सांसद चुना है. इस मौके पर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपने विचार साझा किए...
जानें, क्या कहा सुब्रत पाठक ने...
- डिंपल यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने को एक चुनौती मानने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम तो जनता के बीच जाकर जो जनादेश मांगा था, उन्होंने उसी प्रकार से मुझे आशीर्वाद दिया है.
- सुब्रत पाठक ने कहा कि यह जीत कन्नौज की महान जनता की जीत है.
कन्नौज के वैभव को लाएंगे वापस
- नवनिर्वाचित सांसद सुब्रत पाठक ने इत्र और इतिहास की इस नगरी के उत्थान हेतु एक बड़ा कदम उठाने की बात कही है.
- उनका कहना है कि, कन्नौज का अतीत बड़ा गौरवशाली है.
- कन्नौज इत्र और इतिहास की नगरी है और एक समय था, जब यह एक समृद्धशाली नगरी हुआ करती थी.
- उन्होंने कहा कि मेरे प्रयास से अगर कन्नौज का खोया हुआ वैभव वापस आएगा तो निश्चित रूप से मेरा जीवन सफल होगा.
कन्नौज को पर्यटन के नक्शे पर लाना ही प्राथमिकता
- कन्नौज ऐतिहासिक नगरी है और इसका इतिहास प्राचीन काल से लेकर अब तक वैभवशाली रहा है.
- सुब्रत पाठक ने इस ऐतिहासिक धरोहर को लेकर अहम कदम उठाए जाने की बात कही है.
- उन्होंने कहा कि वह निश्चित रूप से पर्यटन विभाग, केंद्रीय पर्यटन विभाग से इस संबंध में बात करेंगे.
- उन्होंने कहा कि सरकार का गठन होने के बाद मेरी पहली मुलाकात पर्यटन मंत्री से होगी, ताकि कन्नौज को पर्यटन के नक्शे पर भी खींचा जा सके.
कैसा रहा है सुब्रत पाठक का राजनीतिक सफर...
- कन्नौज के इत्र व्यवसाय से जुड़े सुब्रत पाठक ने अपनी मां सरोजनी देवी के आशीर्वाद से राजनीति के क्षेत्र में पहला कदम छात्र राजनीति से जुड़कर बढ़ाया था.
- सुब्रत पाठक की माता सरोजिनी देवी ने पूर्व में कन्नौज नगर पालिका के चेयरमैन के पद पर चुनाव लड़कर जीत हासिल कर चुकी है, लेकिन दोबारा उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
- मां से प्रेरणा लेकर सुब्रत पाठक ने सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के खिलाफ पहला लोकसभा चुनाव कन्नौज का लड़ा था, लेकिन उनको इस चुनाव में सफलता नहीं मिली थी.
- इसके बाद भी वह डिंपल यादव के खिलाफ जीतने के लगातार प्रयास करते रहे और तीसरी बार में उनको जीत हासिल हुई है.
कन्नौज मेरी मातृभूमि है और मैंने तो चुनाव के समय पर ही कहा था कि अखिलेश जी कहते हैं कि मैं जितना प्रेम डिंपल से करता हूं, उतना ही प्रेम मैं कन्नौज से करता हूं. अखिलेश जी को मैने बोला कि मैं जितना प्रेम अपनी जन्म देने वाली मां से करता हूं, उससे कहीं अधिक प्रेम मैं इस कन्नौज की धरती मां से करता हूं. यह मेरी मिट्टी है.
-सुब्रत पाठक, नवनिर्वाचित सांसद, कन्नौज