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सपा शासन में खोया कन्नौज का वैभव लाएंगे वापस : सुब्रत पाठक

कन्नौज लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत में भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद सुब्रत पाठक ने क्या कुछ कहा, देखें यह स्पेशल रिपोर्ट...

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Published : May 25, 2019, 10:18 PM IST

Updated : May 26, 2019, 12:00 AM IST

ईटीवी भारत से बातचीत करते नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक.

कन्नौज: लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी लहर के असर से सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को हार का सामना करना पड़ा. इत्र नगरी में ही जन्मे सुब्रत पाठक को जनता ने अपना सांसद चुना है. इस मौके पर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपने विचार साझा किए...

ईटीवी भारत से बातचीत करते नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक.

जानें, क्या कहा सुब्रत पाठक ने...

  • डिंपल यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने को एक चुनौती मानने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम तो जनता के बीच जाकर जो जनादेश मांगा था, उन्होंने उसी प्रकार से मुझे आशीर्वाद दिया है.
  • सुब्रत पाठक ने कहा कि यह जीत कन्नौज की महान जनता की जीत है.

कन्नौज के वैभव को लाएंगे वापस

  • नवनिर्वाचित सांसद सुब्रत पाठक ने इत्र और इतिहास की इस नगरी के उत्थान हेतु एक बड़ा कदम उठाने की बात कही है.
  • उनका कहना है कि, कन्नौज का अतीत बड़ा गौरवशाली है.
  • कन्नौज इत्र और इतिहास की नगरी है और एक समय था, जब यह एक समृद्धशाली नगरी हुआ करती थी.
  • उन्होंने कहा कि मेरे प्रयास से अगर कन्नौज का खोया हुआ वैभव वापस आएगा तो निश्चित रूप से मेरा जीवन सफल होगा.

कन्नौज को पर्यटन के नक्शे पर लाना ही प्राथमिकता

  • कन्नौज ऐतिहासिक नगरी है और इसका इतिहास प्राचीन काल से लेकर अब तक वैभवशाली रहा है.
  • सुब्रत पाठक ने इस ऐतिहासिक धरोहर को लेकर अहम कदम उठाए जाने की बात कही है.
  • उन्होंने कहा कि वह निश्चित रूप से पर्यटन विभाग, केंद्रीय पर्यटन विभाग से इस संबंध में बात करेंगे.
  • उन्होंने कहा कि सरकार का गठन होने के बाद मेरी पहली मुलाकात पर्यटन मंत्री से होगी, ताकि कन्नौज को पर्यटन के नक्शे पर भी खींचा जा सके.

कैसा रहा है सुब्रत पाठक का राजनीतिक सफर...

  • कन्नौज के इत्र व्यवसाय से जुड़े सुब्रत पाठक ने अपनी मां सरोजनी देवी के आशीर्वाद से राजनीति के क्षेत्र में पहला कदम छात्र राजनीति से जुड़कर बढ़ाया था.
  • सुब्रत पाठक की माता सरोजिनी देवी ने पूर्व में कन्नौज नगर पालिका के चेयरमैन के पद पर चुनाव लड़कर जीत हासिल कर चुकी है, लेकिन दोबारा उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
  • मां से प्रेरणा लेकर सुब्रत पाठक ने सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के खिलाफ पहला लोकसभा चुनाव कन्नौज का लड़ा था, लेकिन उनको इस चुनाव में सफलता नहीं मिली थी.
  • इसके बाद भी वह डिंपल यादव के खिलाफ जीतने के लगातार प्रयास करते रहे और तीसरी बार में उनको जीत हासिल हुई है.

कन्नौज मेरी मातृभूमि है और मैंने तो चुनाव के समय पर ही कहा था कि अखिलेश जी कहते हैं कि मैं जितना प्रेम डिंपल से करता हूं, उतना ही प्रेम मैं कन्नौज से करता हूं. अखिलेश जी को मैने बोला कि मैं जितना प्रेम अपनी जन्म देने वाली मां से करता हूं, उससे कहीं अधिक प्रेम मैं इस कन्नौज की धरती मां से करता हूं. यह मेरी मिट्टी है.

-सुब्रत पाठक, नवनिर्वाचित सांसद, कन्नौज

कन्नौज: लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी लहर के असर से सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को हार का सामना करना पड़ा. इत्र नगरी में ही जन्मे सुब्रत पाठक को जनता ने अपना सांसद चुना है. इस मौके पर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपने विचार साझा किए...

ईटीवी भारत से बातचीत करते नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक.

जानें, क्या कहा सुब्रत पाठक ने...

  • डिंपल यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने को एक चुनौती मानने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम तो जनता के बीच जाकर जो जनादेश मांगा था, उन्होंने उसी प्रकार से मुझे आशीर्वाद दिया है.
  • सुब्रत पाठक ने कहा कि यह जीत कन्नौज की महान जनता की जीत है.

कन्नौज के वैभव को लाएंगे वापस

  • नवनिर्वाचित सांसद सुब्रत पाठक ने इत्र और इतिहास की इस नगरी के उत्थान हेतु एक बड़ा कदम उठाने की बात कही है.
  • उनका कहना है कि, कन्नौज का अतीत बड़ा गौरवशाली है.
  • कन्नौज इत्र और इतिहास की नगरी है और एक समय था, जब यह एक समृद्धशाली नगरी हुआ करती थी.
  • उन्होंने कहा कि मेरे प्रयास से अगर कन्नौज का खोया हुआ वैभव वापस आएगा तो निश्चित रूप से मेरा जीवन सफल होगा.

कन्नौज को पर्यटन के नक्शे पर लाना ही प्राथमिकता

  • कन्नौज ऐतिहासिक नगरी है और इसका इतिहास प्राचीन काल से लेकर अब तक वैभवशाली रहा है.
  • सुब्रत पाठक ने इस ऐतिहासिक धरोहर को लेकर अहम कदम उठाए जाने की बात कही है.
  • उन्होंने कहा कि वह निश्चित रूप से पर्यटन विभाग, केंद्रीय पर्यटन विभाग से इस संबंध में बात करेंगे.
  • उन्होंने कहा कि सरकार का गठन होने के बाद मेरी पहली मुलाकात पर्यटन मंत्री से होगी, ताकि कन्नौज को पर्यटन के नक्शे पर भी खींचा जा सके.

कैसा रहा है सुब्रत पाठक का राजनीतिक सफर...

  • कन्नौज के इत्र व्यवसाय से जुड़े सुब्रत पाठक ने अपनी मां सरोजनी देवी के आशीर्वाद से राजनीति के क्षेत्र में पहला कदम छात्र राजनीति से जुड़कर बढ़ाया था.
  • सुब्रत पाठक की माता सरोजिनी देवी ने पूर्व में कन्नौज नगर पालिका के चेयरमैन के पद पर चुनाव लड़कर जीत हासिल कर चुकी है, लेकिन दोबारा उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
  • मां से प्रेरणा लेकर सुब्रत पाठक ने सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के खिलाफ पहला लोकसभा चुनाव कन्नौज का लड़ा था, लेकिन उनको इस चुनाव में सफलता नहीं मिली थी.
  • इसके बाद भी वह डिंपल यादव के खिलाफ जीतने के लगातार प्रयास करते रहे और तीसरी बार में उनको जीत हासिल हुई है.

कन्नौज मेरी मातृभूमि है और मैंने तो चुनाव के समय पर ही कहा था कि अखिलेश जी कहते हैं कि मैं जितना प्रेम डिंपल से करता हूं, उतना ही प्रेम मैं कन्नौज से करता हूं. अखिलेश जी को मैने बोला कि मैं जितना प्रेम अपनी जन्म देने वाली मां से करता हूं, उससे कहीं अधिक प्रेम मैं इस कन्नौज की धरती मां से करता हूं. यह मेरी मिट्टी है.

-सुब्रत पाठक, नवनिर्वाचित सांसद, कन्नौज

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कन्नौज का खोया हुआ वैभव वापस लाएंगे सुब्रत

कन्नौज लोकसभा संसदीय सीट पर जीत हासिल करने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत में भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद सुब्रत पाठक ने क्या कुछ का आइए देखते हैं कन्नौज से स्पेशल रिपोर्ट

कन्नौज समाजवादी गढ़ कहां जाता था लेकिन अब इस समाजवादी गढ़ का अब सफाया हो चुका है । कन्नौज में मोदी लहर के असर से अब यह समाजवादी किला भी ध्वस्त हो चुका है। कन्नौज इत्र नगरी में ही जन्मे ही कन्नौज का लाल सुब्रत पाठक अब जनता के लोकप्रिय सांसद चुन लिए गए हैं । आइए हम बात करते हैं उनसे कि आखिर जीत के बाद वह इत्र नगरी की जनता के लिए वह क्या कुछ करना चाहते है।

नवनिर्वाचित कन्नौज के भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ चुनाव लड़कर जीत हासिल की है, जो उनके लिए एक कड़ी चुनौती थी । जब उनसे इस चुनौती पर सवाल किया गया तो उनका कहना था कि कुल मिलाकर हम कोई चुनौती नहीं मानते हैं । हम तो बस इतना जानते थे कि हम लोग कन्नौज की महान जनता के बीच गए थे , और हमने जो कन्नौज की महान जनता का जनादेश मांगा था उन्होंने उसी प्रकार से मुझे आशीर्वाद दिया है। यह जीत कन्नौज की महान जनता की जीत है । रही बात यह चुनाव की तो आगे पीछे चलना तो निश्चित रूप से एक पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी यहां से चुनाव लड़ रही थी बहुजन समाजवादी का गठबंधन साथ में था, तो निश्चित रूप से सपा बसपा दोनों मिलने के बावजूद यहां पर भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीती है । यह अपने आप में ही बहुत बड़ा चुनाव है।



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सांसद बनने के बाद अब कन्नौज की कीर्ति को लाएंगे वापस

कन्नौज के संसदीय क्षेत्र से जीतते ही सुब्रत पाठक ने इत्र और इतिहास की इस नगरी के उत्थान हेतु एक बड़ा कदम उठाने की बात कही है, उनका कहना है कि कन्नौज का अतीत बड़ा गौरवशाली है। कन्नौज इत्र और इतिहास की नगरी है और कन्नौज का एक समय था, जब कन्नौज एक समृद्धशाली नगरी हुआ करती थी । एक समय पर कन्नौज ने पूरी दुनिया पर शासन किया था । जब हर्षवर्धन यहां के राजा हुआ करते थे उनके समय कन्नौज दुनिया की राजधानी थी। मेरे प्रयास से अगर मेरे कन्नौज का खोया हुआ वैभव वापस आएगा तो निश्चित रूप से मेरा जीवन सफल होगा।




Conclusion:कन्नौज को पर्यटन के नक्शे पर लाना ही प्राथमिकता

कन्नौज ऐतिहासिक नगरी है और इसका इतिहास प्राचीन काल से लेकर अब तक वैभवशाली इतिहास रहा है, जिसके लिए भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद सुब्रत पाठक ने इस ऐतिहासिक धरोहर को लेकर अहम कदम उठाए जाने की बात कही है । उनका कहना है कि देखिए निश्चित रूप से मैं पर्यटन विभाग केंद्रीय पर्यटन विभाग से इस संबंध में बात करने वाला हूं। मैं जाकर वहां की जो भी गतिविधियां हैं, उनको निपटाने के बाद जैसे ही गठन होता है, गठन होने के बाद मेरी पहली मुलाकात पर्यटन मंत्री से होगी , ताकि कन्नौज को पर्यटन के नक्शे पर भी खींचा जा सके।

इसी कन्नौज इत्र नगरी का बेटा हूं

कन्नौज के इत्र व्यवसाय से जुड़े इस परिवार में राजनीतिक दौर की शुरुआत सुब्रत पाठक ने अपनी मां के आशीर्वाद से ही की थी। राजनीति मैं उनका ज्यादा समय नहीं बीता है क्योंकि परिवार में सभी लोग इत्र व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और उन्होंने अपनी मां सरोजनी देवी के आशीर्वाद से इस राजनीति के क्षेत्र में पहला कदम छात्र राजनीति से जुड़कर बढ़ाया था । सुब्रत पाठक की माता सरोजिनी देवी ने पूर्व में कन्नौज नगर पालिका के चेयरमैन के पद पर चुनाव लड़कर जीत हासिल कर चुकी है लेकिन दोबारा में उनको हार का सामना करना पड़ा। अपनी माँ से ही प्रेरणा लेकर सुब्रत पाठक ने सांसद डिंपल यादव के खिलाफ पहला चुनाव लोकसभा कन्नौज का लड़ा था लेकिन उनको इस चुनाव में सफलता नहीं मिली थी , जिसके बाद वह डिंपल यादव के खिलाफ कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर जीतने के लगातार प्रयास करते रहे और इस बार तीसरी बार उनको इस चुनाव में जीत हासिल हुई है सुब्रत पाठक का कहना है कि कन्नौज मेरी मातृभूमि है और मैंने तो चुनाव के समय पर ही कहा था कि अखिलेश जी कहते हैं कि मैं जितना प्रेम डिंपल से करता हूं उतना प्रेम मैं कन्नौज से करता हूं , तो अखिलेश जी को मैंने भी बोला था कि अखिलेश जी जितना प्रेम आप डिंपल जी को करते हैं उतना प्रेम आप कन्नौज से करते हो, बस यही तो हम और आप में फर्क है , क्योंकि मैं जितना प्रेम अपनी जन्म देने वाली मां से करता हूं उससे कहीं अधिक प्रेम मैं इस कन्नौज की धरती मां से करता हूं । यह मेरी मिट्टी है।

वन टू वन- कन्नौज नवनिर्वाचित भाजपा सांसद सुब्रत पाठक
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
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Last Updated : May 26, 2019, 12:00 AM IST
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