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कन्नौज: फसलों के अवशेष को जलाने से रोकने के लिए गोष्ठी का हुआ आयोजन

यूपी के कन्नौज में पराली व फसलों के अवशेष को खेतों में जलाने से रोकने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी की अध्यक्षता डीएम ने की. इस दौरान फसलों के अवशेष को जलाने से बचाने के लिए यंत्र भी वितरित किए गए.

फसलों के अवशेष को जलाने से रोकने के लिए गोष्ठी का हुआ आयोजन
फसलों के अवशेष को जलाने से रोकने के लिए गोष्ठी का हुआ आयोजन
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Published : Oct 14, 2020, 7:20 PM IST

कन्नौज: जिले में पराली व फसलों के अवशेष को खेतों में जलाने से रोकने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. कृषि विभाग की ओर संचालित प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इनसीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप जेज्डयू के तहत फसल अवशेष प्रबंधन के तहत गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में आए किसानों को विज्ञान कृषि केंद्र के वैज्ञानिकों ने फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी. गोष्ठी के बाद फसलों के अवशेष को जलाने से बचाने के लिए यंत्र वितरित किए गए. गोष्ठी की अध्यक्षता डीएम ने की.

फसलों के अवशेष को जैविक उर्वरक के रूप में करें इस्तेमाल
डीएम राकेश कुमार ने बताया कि पराली को जलाने से रोकने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों को जागरूक करेंगे. उन्होंने बताया कि किसान अवशेष को जलाने की बजाए रोटावेटर या एमबी प्लाऊ से खेतों में अवशेषों को पलट सकते है. इसके बाद ठूंठों को सड़ाने के लिए 25 किलो यूरिया प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव कर सकते हैं. साथ ही डिकम्पोजर का प्रयोग कर अवेशष को खेत में सड़ाकर जैविक उर्वरक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.

फोन करें कृषि विभाग उठवाएगा पराली
जिला कृषि अधिकारी राममिलन सिंह परिहार ने बताया कि किसान अवशेष जलाने की बजाए पराली को एक जगह एकत्र कर फोन नं. 7390968073 पर कॉल कर जानकारी दे सकते हैं. जिसके बाद विभाग एकत्र पराली को उठवाकर निराश्रित गोवंश स्थलों पर पहुंचा दिया जाएगा. जिससे भूखे मवेशियों को चारा भी मिल सकेगा. साथ ही सर्दी में मवेशियों सर्दी लगने के दौरान जमीन पर डालकर इस्तेमाल किया जा सकेगा.

कन्नौज: जिले में पराली व फसलों के अवशेष को खेतों में जलाने से रोकने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. कृषि विभाग की ओर संचालित प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फार इनसीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप जेज्डयू के तहत फसल अवशेष प्रबंधन के तहत गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में आए किसानों को विज्ञान कृषि केंद्र के वैज्ञानिकों ने फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी. गोष्ठी के बाद फसलों के अवशेष को जलाने से बचाने के लिए यंत्र वितरित किए गए. गोष्ठी की अध्यक्षता डीएम ने की.

फसलों के अवशेष को जैविक उर्वरक के रूप में करें इस्तेमाल
डीएम राकेश कुमार ने बताया कि पराली को जलाने से रोकने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों को जागरूक करेंगे. उन्होंने बताया कि किसान अवशेष को जलाने की बजाए रोटावेटर या एमबी प्लाऊ से खेतों में अवशेषों को पलट सकते है. इसके बाद ठूंठों को सड़ाने के लिए 25 किलो यूरिया प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव कर सकते हैं. साथ ही डिकम्पोजर का प्रयोग कर अवेशष को खेत में सड़ाकर जैविक उर्वरक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.

फोन करें कृषि विभाग उठवाएगा पराली
जिला कृषि अधिकारी राममिलन सिंह परिहार ने बताया कि किसान अवशेष जलाने की बजाए पराली को एक जगह एकत्र कर फोन नं. 7390968073 पर कॉल कर जानकारी दे सकते हैं. जिसके बाद विभाग एकत्र पराली को उठवाकर निराश्रित गोवंश स्थलों पर पहुंचा दिया जाएगा. जिससे भूखे मवेशियों को चारा भी मिल सकेगा. साथ ही सर्दी में मवेशियों सर्दी लगने के दौरान जमीन पर डालकर इस्तेमाल किया जा सकेगा.

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