कन्नौज : अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. हर राम भक्त इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनना चाहता है. इसी कड़ी में कन्नौज की एक 103 साल की बुजुर्ग महिला रामभक्त भी भगवान का मंदिर बनने से काफी उत्साहित हैं. शनिवार को वह अपनी पेंशन की रकम दान करने के लिए पहुंच गई. डीएम ने सम्मानपूर्वक बैठाकर बुजुर्ग की बात सुनी. इसके बाद ट्रस्ट के पदाधिकारियों से संपर्क किया. गुप्त दान की पूरी प्रक्रिया बताकर बुजुर्ग को घर भेज दिया. बुजुर्ग महिला अपने बेटूे व बहू के साथ 20 किमी की दूरी तय कर डीएम कार्यालय पहुंची थी.
कड़ाके की ठंड में तय की 20 किमी की दूरी : भगवान श्रीराम की भक्ति में लीन 103 साल की बुजुर्ग महिला रामकुमारी कड़ाके की ठंड में करीब 20 किलोमीटर की दूरी तय कर अपने बेटे जय प्रकाश और बहू सरला देवी के सहारे जिलाधिकारी शुभ्रांत शुक्ला के कार्यालय में पहुंची. डीएम ने उनसे आने का कारण पूछा तो वृद्धा ने कहा कि साहेब हमको भी राम मंदिर के लिए गुप्त दान करना है. पेंशन से मिले रुपयों में से कुछ रकम बचाकर रखी है. इसे अयोध्या भिजवा दीजिए. बुजुर्ग की यह अपील देख डीएम हैरान रह गए. डीएम ने अयोध्या में ट्रस्ट के पदाधिकारियों से बात की. इसके बाद वृद्धा को गुप्त दान की प्रक्रिया बताकर घर भेज दिया. वृद्धा का राम के प्रति आस्था और इस उम्र में ऐसा जज्बा देखकर सभी हैरान रह गए.
मंदिर के बनने का कई सालों से इंतजार कर रही थी महिला : ईटीवी भारत से बातचीत में रामकुमारी ने बताया कि वह भगवान राम के मंदिर बनने का कई सालों से इंतजार कर रही थी. सोचा था कि जब भी मंदिर बनेगा वह गुप्त दान जरूर करेंगी. वह स्वतंत्रता सेनानी रह चुकी हैं. पेंशन से बचाए रुपये वह मंदिर के लिए दान देने पहुंची थीं. बुजुर्ग महिला की बहू सरला देवी ने बताया कि उनकी ससुर की मौत हो चुकी है. सास को करीब एक साल पहले से ही पेंशन मिल रही है. सास राम मंदिर बनने से काफी खुश हैं. इसी खुशी में वह मंदिर निर्माण के लिए गुप्त दान करना चाहती हैं. जिलाधिकारी शुभ्रांत शुक्ला ने बकाया कि ऐसी कोई नियम नहीं है कि यहां से रुपये दान में लेकर अयोध्या भेज दिया जाए. बुजुर्ग को पूरी प्रक्रिया की जानकारी देकर सम्मान के साथ घर भेज दिया गया है.
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