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कन्नौज : स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से प्रसूता की मौत - कन्नौज खबर

कन्नौज जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक प्रसूता की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि रेखा को रात में तेज दर्द हुआ. जिसके बाद उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाते समय छिबरामऊ के पास ही रास्ते में उसकी डिलीवरी हो गई.

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चिकित्सकों की लापरवाही के चलते प्रसूता की मौत
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Published : May 29, 2020, 4:19 PM IST

कन्नौज: जिला अस्पताल में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. जहां इलाज में लापरवाही के चलते एक प्रसूता की मौत हो गई. छिबरामऊ क्षेत्र के रहने वाले रामरतन और उसकी मां अन्नपूर्णा के मुताबिक उनकी बहू रेखा को रात में तेज दर्द उठा था. जिसके बाद परिजन उसको लेकर छिबरामऊ के 100 सैया अस्पताल पहुंचे. जहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. जिसके बाद एंबुलेंस को कॉल किया गया. बड़ी मुश्किल से घंटों देरी के बाद एंबुलेंस आई और एम्बुलेंस में ही रेखा को प्रसव हो गया.

जब रेखा को जिला अस्पताल ले जाया गया तो स्टाफ नर्स ने रेखा को भर्ती तो कर लिया, लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. जिसकी वजह से इलाज में देरी हुई. आरोप है कि जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स ने प्रसूता में खून की कमी को देखते हुए खून चढ़वाने के लिए रुपयों की मांग की और स्टाफ नर्स इलाज में देरी करती रही. काफी देर तक इलाज के लिए तड़पने के बाद जब डाक्टरों ने जब उसे देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी.

इस मामले में सीएमएस उमेश चंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि एक महिला आई थी. जिसकी छिबरामऊ में डिलीवरी हो गई थी. बच्चा उसका अंडर वेट था. महिला को खून की कमी थी. उसको भर्ती करा दिया गया था, बाद में पता चला कि उसके घर वालों ने रास्ते में ही उसे कुछ खिला दिया था, जिससे उसको उल्टी हुई थी. उसी में कुछ उसके गले में फंस गया था. जिससे उसकी मौत हो गई. स्टाफ नर्स ने डॉक्टर को नहीं बुलाया जिसमें उनकी लापरवाही है इस पर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.

कन्नौज: जिला अस्पताल में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. जहां इलाज में लापरवाही के चलते एक प्रसूता की मौत हो गई. छिबरामऊ क्षेत्र के रहने वाले रामरतन और उसकी मां अन्नपूर्णा के मुताबिक उनकी बहू रेखा को रात में तेज दर्द उठा था. जिसके बाद परिजन उसको लेकर छिबरामऊ के 100 सैया अस्पताल पहुंचे. जहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. जिसके बाद एंबुलेंस को कॉल किया गया. बड़ी मुश्किल से घंटों देरी के बाद एंबुलेंस आई और एम्बुलेंस में ही रेखा को प्रसव हो गया.

जब रेखा को जिला अस्पताल ले जाया गया तो स्टाफ नर्स ने रेखा को भर्ती तो कर लिया, लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. जिसकी वजह से इलाज में देरी हुई. आरोप है कि जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स ने प्रसूता में खून की कमी को देखते हुए खून चढ़वाने के लिए रुपयों की मांग की और स्टाफ नर्स इलाज में देरी करती रही. काफी देर तक इलाज के लिए तड़पने के बाद जब डाक्टरों ने जब उसे देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी.

इस मामले में सीएमएस उमेश चंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि एक महिला आई थी. जिसकी छिबरामऊ में डिलीवरी हो गई थी. बच्चा उसका अंडर वेट था. महिला को खून की कमी थी. उसको भर्ती करा दिया गया था, बाद में पता चला कि उसके घर वालों ने रास्ते में ही उसे कुछ खिला दिया था, जिससे उसको उल्टी हुई थी. उसी में कुछ उसके गले में फंस गया था. जिससे उसकी मौत हो गई. स्टाफ नर्स ने डॉक्टर को नहीं बुलाया जिसमें उनकी लापरवाही है इस पर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.

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