कन्नौज: पुलिस हर कदम पर सुरक्षा को लेकर हमारे साथ है. ऐसे में कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा पुलिस को ही है. सबसे ज्यादा संक्रमण से सुरक्षा की जरुरत भी पुलिसकर्मियों को ही होनी चाहिए. पुलिस को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए यूपी पुलिस के आला अधिकारियों ने भी कई गाइडलाइन्स जारी किये हैं. पुलिसकर्मियों को कहा गया है कि निर्देशों का पालन करते हुए पुलिसकर्मी अपने आप को संक्रमण से सुरक्षित रखें और इस कोरोना काल में सावधानियां बरतते हुए ड्यूटी करते रहें.
ईटीवी भारत की पड़ताल में सदर कोतवाली में कुछ पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमण के प्रति लापरवाह दिखे. कोरोना संक्रमण को लेकर पुलिस महकमे में एक निर्देश जारी हुआ था कि 55 साल के ऊपर की उम्र के पुलिसकर्मियों की ड्यूटी फ्रंटलाइन में नहीं लगाई जाएगी. सदर कोतवाली में तैनात 55 वर्ष से ज्यादा उम्र के रामाज्ञा चौबे एसआई पद पर अपनी ड्यूटी कर रहे थे, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई और फिर उनको छुट्टी देकर जिले से बाहर उनके घर भेज दिया गया.
एसआई को छुट्टी दे दी गई
इस बारे में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने पड़ताल की तो पता चला कि वह कई गंभीर बीमारियों से पहले से ही ग्रसित थे. इसके बावजूद उनको कोतवाली में फरियादियों के प्रार्थनापत्र को देखने और उस पर उचित निर्णय लिए जाने की ड्यूटी दी गयी थी. इसके बाद उनकी हालत बिगड़ने पर उनको छुट्टी देकर यहां से बाहर भेजा गया.
बिना मास्क दिखे पुलिसकर्मी
ईटीवी भारत की पड़ताल में सदर कोतवाली में कुछ पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमण के प्रति लापरवाह दिखे. कोरोना हेल्प डेस्क पर ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मी बिना मास्क लगाए मोबाइल चलाते हुई मिलीं. जब उनकी इस लापरवाही पर सवाल किया तो वह चुप्पी साध गईं. इसी तरह मालखाना इंचार्ज भी बिना मास्क लगाए कोतवाली परिसर में दिखे और दारोगा जी भी बिना मास्क कोतवाली में ड्यूटी पर बैठे मिले.
इस तरह की लापरवाही की तस्वीरें जब ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हुई तो हड़कंप मच गया. पुलिस मीडिया से चौकन्नी हो गई और मास्क लगाने पर विशेष ध्यान देने लगी. सदर कोतवाली में इस तरह की लापरवाही कहीं इन पुलिसकर्मियों के लिए मुसीबत का सबब न बन जाए.