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कन्नौज: खेतों में पराली जलाने वाले 10 किसानों पर जुर्माना, दो के खिलाफ केस दर्ज - किसानों पर जुर्माना लगाया गया

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में पराली जलाए जाने को लेकर सरकार ने जिला अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. जिला प्रशासन ने इसको लेकर जिले भर में जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है. प्रशासन ने 10 किसानों पर जुर्माना लगाने के साथ ही दो के खिलाफ केस भी दर्ज किया है.

किसानों को पराली जलाना पड़ा महंगा, प्रशासन ने लिया संज्ञान
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Published : Nov 19, 2019, 1:30 PM IST

कन्नौज: खेतों में पराली जलाने को लेकर सरकार अब सख्त हो गई है. प्रदेश के कई हिस्सों में पराली जलाने और अन्य प्रकार के वायु प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. सरकार ने वातावरण में फैल रहे प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाया है. जिसको लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई

जानें क्या है पूरा मामला-

  • जिले में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पराली जलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की गई है.
  • 10 किसानों पर 25 सौ रुपए जुर्माने के साथ दो प्रकरणों में मामला भी दर्ज किया गया है.
  • पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए सभी विभागों के अफसरों को लगाया गया है.
  • मॉनिटरिंग के लिए तहसील स्तर पर मोबाइल स्क्वॉयड का भी गठन किया गया है.
  • यह टीम धान की कटाई से लेकर गेहूं की बुवाई होने तक सभी क्षेत्रों में भ्रमण करेगी.
  • पराली जलाने की घटना सामने आने पर आरोपित किसान पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

जिले के लगभग दो दर्जन से अधिक किसानों पर खेतों में खरपतवार और फसल के अवशेष जलाए जाने को लेकर कार्रवाई की जा रही है. वायु प्रदूषण फैलाने वाले लोगों पर भारी जुर्माने के साथ जेल भी जाना पड़ सकता है. जिलाधिकारी ने इस संबंध में जनपद के अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक कर शासनादेश से रूबरू कराते हुए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए.


जिले में पराली जलाने की किसी प्रकार की कोई घटना न हो इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की गई है. साथ विभिन्न स्तरों पर टीमों का गठन किया गया है. जनपद स्तर की टीम के अपर जिलाधिकारी इसमें अध्यक्ष होंगे. और अन्य विभागों के अधिकारी भी इसमें शामिल है. जिला पंचायत राज अधिकारी इसकी मॉनिटरिंग करेंगे.
रविंद्र कुमार, जिलाधिकारी

कन्नौज: खेतों में पराली जलाने को लेकर सरकार अब सख्त हो गई है. प्रदेश के कई हिस्सों में पराली जलाने और अन्य प्रकार के वायु प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. सरकार ने वातावरण में फैल रहे प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाया है. जिसको लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई

जानें क्या है पूरा मामला-

  • जिले में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पराली जलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की गई है.
  • 10 किसानों पर 25 सौ रुपए जुर्माने के साथ दो प्रकरणों में मामला भी दर्ज किया गया है.
  • पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए सभी विभागों के अफसरों को लगाया गया है.
  • मॉनिटरिंग के लिए तहसील स्तर पर मोबाइल स्क्वॉयड का भी गठन किया गया है.
  • यह टीम धान की कटाई से लेकर गेहूं की बुवाई होने तक सभी क्षेत्रों में भ्रमण करेगी.
  • पराली जलाने की घटना सामने आने पर आरोपित किसान पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

जिले के लगभग दो दर्जन से अधिक किसानों पर खेतों में खरपतवार और फसल के अवशेष जलाए जाने को लेकर कार्रवाई की जा रही है. वायु प्रदूषण फैलाने वाले लोगों पर भारी जुर्माने के साथ जेल भी जाना पड़ सकता है. जिलाधिकारी ने इस संबंध में जनपद के अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक कर शासनादेश से रूबरू कराते हुए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए.


जिले में पराली जलाने की किसी प्रकार की कोई घटना न हो इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की गई है. साथ विभिन्न स्तरों पर टीमों का गठन किया गया है. जनपद स्तर की टीम के अपर जिलाधिकारी इसमें अध्यक्ष होंगे. और अन्य विभागों के अधिकारी भी इसमें शामिल है. जिला पंचायत राज अधिकारी इसकी मॉनिटरिंग करेंगे.
रविंद्र कुमार, जिलाधिकारी

Intro:कन्नौज : पराली जलाना पड़ेगा महंगा, जिले भर हुआ प्रशासन सक्रिय

- खेतों में पराली जलाने वाले 10 किसानों पर जुर्माना 2 के खिलाफ मामला दर्ज
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लगातार पराली जलाने को लेकर पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। जिसको लेकर अब उत्तर प्रदेश में भी पराली जलाए जाने पर रोक लगाने के लिए सरकार ने जिला अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं , जिस पर जिला प्रशासन ने इसको लेकर जिलेभर में जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है । इसके साथ पराली जलाए जाने पर कड़ी कार्रवाई में जुर्माना अदा किए जाने की भी कार्रवाई की जाएगी । जिले भर में इसको लेकर कई कार्रवाई की भी जा चुकी हैं सरकार के इस सख्त कदम से अब जिले में पराली जलाए जाने की घटनाओं पर अंकुश लग रहा है।

खेतों में पराली जलाने को लेकर सरकार अब सख्त हो गई है। देश व प्रदेश के कई हिस्सों में पराली जलाने व अन्य प्रकार के वायु प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई है और दम घुटने लगा है। ऐसे में लोग जिंदगी मौत से जूझने लगे हैं, इससे हाहाकार हाहाकार मच गया है। बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार नींद से जाग उठी और अब वातावरण में फैल रहे प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाया है, जिसको लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। इस क्रम में जनपद के लगभग दो दर्जन से अधिक किसानों पर खेतों में खरपतवार व फसल के अवशेष आदि जलाए जाने को लेकर कार्रवाई की जा रही है। जिससे जनपद कन्नौज के किसानों में भी हड़कंप मचा हुआ है । अब खेतों में पराली जलाए जलाने वाले किसानों पर व अन्य प्रकार से वायु प्रदूषण फैलाने वाले लोगों को न सिर्फ भारी अर्थ दंड भुगतना करना होगा बल्कि जेल की हवा भी खानी पड़ जाएगी। जिलाधिकारी ने इस संबंध में जनपद के अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक कर शासनादेश से रूबरू कराते हुए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए हैं । अब जनपद के अधिकारी अपने क्षेत्रों में निरंतर भ्रमण कर ग्रामीण अंचलों का जायजा लेंगे और पराली जलाने वाले किसानों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी ।

धान और मक्का की फसलों के अवशेषों को जलाते है किसान

इस समय धान की फसल का उठान चल रहा है ऐसे में धान भाव इलाकों में भारी संख्या में किसान धान की पैदावार करते हैं और अधिकतर किसान धान की फसल के अवशेष खेतों में भी जला देते हैं सरकार के सख्त रुख को लेकर धान किसानों में भारी आपाधापी मच गई है और वह धान के अवशेष के निस्तारण के लिए परेशान नजर आ रहे हैं तो वहीं मक्का किसानों की भी इसी तरह की परिस्थितियां सामने आती है। पराली जलाने से पर्यावरण दूषित हो रहा है सांस लेने में दिक्कत आ रही है दिल्ली में स्थिति और भी अधिक खराब है।


Body:सभी विभागों की है इस मामले पर निगरानी

पराली जलाने से रोकने के लिए सभी विभागों के अफसरों को लगाया गया है । मानीटरिंग के लिए तहसील स्तर पर मोबाइल स्क्वाड का गठन किया गया है। पुलिस अफसरों की टीम को भी लगाया गया है । यह टीम धान की कटाई से लेकर गेहूं की बुवाई होने तक क्षेत्र में भ्रमण करेगी। पराली जलाने की घटना सामने आने पर आरोपित किसान पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

पराली जलाने पर अर्थदंड के बाद होगी एफ आई आर

सरकार की सख्ती के बाद प्रशासन ने अफसरों समेत किसानों पर सख्त रुख अख्तियार किया है । पहली बार पराली जलाने का मामला सामने आने पर उनसे अर्थदंड वसूला जाएगा और दूसरी बार पकड़े जाने पर एफ आई आर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। शासन के निर्देश पर यह आदेश जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने दिए हैं । डीएम ने सख्त लहजे में कहा है कि पराली जलाने की घटना किस अधिकारी के क्षेत्र में होगी वहां के नामित अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।




Conclusion:जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने दिशा-निर्देश देते हुए बताया कि जनपद में पराली जलाने की किसी प्रकार की कोई घटना न हो इसके लिए हम लोगों ने व्यापक स्तर पर तैयारी की है । जनपद में विभिन्न स्तरों पर टीमों का गठन किया गया है । जनपद स्तर की टीम के अपर जिलाधिकारी इसमें अध्यक्ष होंगे और अन्य विभागों के अधिकारी इसमे सामिल है। जिला पंचायत राज अधिकारी इसकी मानीटरिंग करेंगे । इसके अलावा न्याय पंचायत स्तर पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है और दिशा निर्देश दिए गए हैं। अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण करते रहें ताकि जनपद में पराली जलाने की किसी प्रकार की कोई घटना ना हो सके। सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण करते रहे और पराली जलाने की घटना को पूरी तरीके से रोकिए। ग्राम स्तर पर प्रधानों व लेखपालों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि किसी प्रकार की पराली जलाने की घटना ना हो और यदि इस प्रकार की कोई बात पाई जाएगी तो जिम्मेदारी निर्धारित कर कार्रवाई की जाएगी । हम लोगों ने टीम के साथ ही जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया है। हम लोगों ने न्याय पंचायत स्तर पर गोष्ठी का आयोजन किया है । किसान भाइयों को जागरूक किया है, ताकि पराली जलाने की कोई घटना ना हो सके। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा किसान पाठशालाऐं आयोजित की गई हैं, उसमें भी पराली न जलाने के लिए बहुत ही विस्तार से बताया गया है । जनपद स्तर पर वृहद किसान गोष्ठी का आयोजन किया था उसमें भी पराली न जलाने के बारे में विस्तार से समीक्षा की गई थी ।जनपद में बहुत समझाने बुझाने के बाद भी कुछ घटनाएं हुई हैं ।वह भी अल्प हैं ।उस पर भी हम लोगों ने 25 सौ रुपए का जुर्माना 10 किसानों पर लगाया है और दो प्रकरणों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है । क्योंकि बेहतर समझाने बुझाने के बाद भी वह लोग नहीं मान रहे थे और वहां पराली जलाने की घटना हुई तो इसलिए कठोर कार्रवाई की गई है । हम लोगों का पूरा प्रयास है कि किसी भी तरीके से पराली जलाने की घटना नहीं होने देंगे । यह हम जागरूकता अभियान चलाकर और लोगों को समझा-बुझाकर करेंगे । सभी नगर पालिकाओं के अधिशासी अभियंता को दिशा निर्देश दिए गए हैं कि उनके क्षेत्र में कूड़े का निस्तारण आग जलाकर न किया जाए यदि ऐसा पाया जाता है तो जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कार्रवाई की जाएगी । तिर्वा सीएचसी में बायो मेडिकल वेस्ट में जलाया गया है । इसकी जांच मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी है उन्हें निर्देश दिए हैं कि उसने भी कार्रवाई की जाए ।

बाइट - रविंद्र कुमार - जिलाधिकारी कन्नौज
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
09415168969
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