कन्नौजः उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार के बाद अब बीजेपी सपा पर हमलावर हो गई है. वजह है कि सपा की तरफ से किसी भी नेता का कल्याण सिंह को श्रद्धांजिल देने न पहुंचा. सपा में दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री है, मौके पर समाजवादी पार्टी विधानसभा और विधान परिषद में मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका में है. ऐसे में एक पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर किसी भी नेता का न पहुंचना बीजेपी को खल गया है.
बता दें कि 21 अगस्त की रात कल्याण सिंह की एसजीपीजीआई में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के दो बार के मुख्यमंत्री के अलावा राजस्थान और हिमालचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे. ऐसे में उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री लखनऊ पहुंचे और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया. बसपा प्रमुख मायावती 22 अगस्त को सुबह की कल्याण सिंह के आवास मॉल एवेन्यू पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि दी. कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर 22 की शाम को उनके गृह जनपद अलीगढ़ पहुंचा जहां 23 की शाम को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर प्रदेश में तीन दिन का राजनकीय शोक घोषित किया गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री के अस्पताल में भर्ती से लेकर निधन और अंतिम संस्कार तक समाजवादी पार्टी का कोई भी नेता न तो उन्हें देखने पहुंचा और न ही निधन के बाद श्रद्धांजलि दी. राजनीति में मतभेद हो, लेकिन मनभेद नहीं और इसी पर टिकी भारत की लोक तांत्रिक व्यवस्था के उलट समाजवादी पार्टी का यह रवैया भारतीय जनता पार्टी को खल गया.
भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रत पाठक ने ट्विट कर समाजवादी पार्टी नेतृत्व पर तंज कसा है. उन्होंने अपने ट्विटर पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि कार सेवकों पर गोली चलवाने वाले समाजवादी पार्टी को अपने पाप धोने का आखिरी मौका मिल जाता. सांसद के ट्विट करते ही सोशल मीडिया पर सपा-भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच वॉर छिड़ गया है.
दरअसल, सोमवार को कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव व यूपी के पूर्व सीएम और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्विट किया है. जिसमें लिखा है कि हिंदू हृदय सम्राट स्व. बाबू कल्याण सिंह जैसे जनप्रिय नेता को अगर मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव श्रद्धांजलि और सम्मान नहीं देंगे तो इससे बाबू जी के कद पर कोई असर नहीं पड़ेगा. लेकिन हां सच है कि अगर लखनऊ में दोनों ये दोनों कल्याण सिंह जी के आखिरी दर्शन कर लेते तो इससे कार सेवकों पर गोली चलवाने वाली समाजवादी पार्टी को अपने पाप धोने का आखिरी मौका जरूर मिल जाता. विनाशकाले विपरीत बुद्धि और यही इनकी तालिबानी मानसिकता को दर्शाता है.
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अगर लखनऊ में ये दोनों कल्याण सिंह जी के आखिरी दर्शन कर लेते तो इससे कार सेवकों पर गोली चलवाने वाली समाजवादी पार्टी को अपने पाप धोने का आखिरी मौका जरूर मिल जाता... लेकिन विनाशकाले विपरीत बुद्धि... और यही इनकी तालिबानी मानसिकता को दर्शाता है
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सुब्रत पाठक के ट्विट करते ही सपा-भाजपा कार्यकर्ताओं में सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. दोनों ओर से एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए कार्यकर्ता कमेंट करने में जुट गए है. बता दें कि बाबू जी के अंतिम दर्शन के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती भी उनके आवास पर पहुंची थी. लेकिन मुलायम व अखिलेश यादव उनके अंतिम दर्शन के लिए नहीं पहुंच पाए थे.