कन्नौजः गुजरात के वड़ोदरा से चलकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुरुवार सुबह जिले में पहुंची, जहां जिला प्रशासन ने सभी व्यवस्थाएं पहले से कर रखी थी. ट्रेन पहुंचते ही सभी यात्रियों को निर्देश दिया गया कि ट्रेन से उतरने की अनुमति मिलने के बाद ही ट्रेन से उतरें. इसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी को ट्रेन से उतारा गया. साथ ही स्टेशन पर ही सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई, जिसके बाद उन्हें बसों में बैठाकर गृह जनपद के लिए रवाना कर दिया गया.
गृह जनपदों में भेजने के लिए 48 बसों का प्रबंध
गुजरात के वड़ोदरा से प्रवासी मजदूरों को लेकर गुरुवार सुबह श्रमिक स्पेशल ट्रेन कन्नौज रेलवे स्टेशन पहुंची. यह ट्रेन बुधवार शाम 6 बजे वड़ोदरा से कन्नौज के लिए चली थी. रेलवे स्टेशन पर ही श्रमिकों की थर्मल स्क्रीनिंग कराने के बाद सभी को उनके गृह जनपदों में भेजने के लिए कुल 48 बसों का प्रबंध किया गया. इस दौरान जो कन्नौज जिले के ही थे उनको क्वॉरेंटाइन सेंटर और मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेज दिया गया.
मजदूर आर्थिक तंगी की मार झेल रहा
गुजरात से आए श्रमिकों ने अपना दर्द बयां किया कि एक तरफ मजदूरों का दर्द सरकार साझा करने में लगी है. वहीं दूसरी तरफ जब मजदूर आर्थिक तंगी की मार झेल रहा है, तो ऐसे में उनसे किराया लेकर उनके सामने और ज्यादा परेशानी खड़ी हो रही है. श्रमिकों के पास ट्रेन के टिकट के लिए रुपये भी नहीं है. आम मजदूर को टिकट भी आसानी से नहीं मिल रहा है.
'जुगाड़ से मिल रहा टिकट'
श्रमिक शादाब ने बताया कि उन्हें 560 रुपये का टिकट दिया गया है. श्रमिक पिंकू ने बताया कि गुजरात में यूपी और बिहार के मजदूरों का बुरा हाल है. यूपी के मजदूर वहां पर भूखे सड़क पर हैं. टिकट भी आसानी से नहीं मिल रहा है. फॉर्म भरने के बाद भी टिकट नहीं क्लियर होती है, जिनकी जुगाड़ होती है वही टिकट ले पाते हैं.