कन्नौज: पीपीई किट न होने के कारण जिला अस्पताल में लैब टेक्नीशियन पीपीई किट की जगह रेनकोट पहनकर सैंपल ले रहे हैं. इस बारे में जब सीएमओ से बात की गई तो उनका साफ कहना था कि जिला अस्पताल में एक भी कोरोना का मरीज नहीं है, इसलिए जो जनरल लैब में काम कर रहे हैं उनको किसी भी तरह से पीपीई किट पहनने की जरूरत नहीं है.
जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में कोरोना की जांच चल रही है, जिसको लेकर इस अस्पताल में कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ देखने को मिल रही है. यहां लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात संविदाकर्मी रूपांश पटेल को पीपीई किट तक उपलब्ध नहीं कराई गई है, जबकि रोजाना लैब में कई मरीज जांच के लिए आते हैं. ऐसे में कौन मरीज कोरोना संक्रमित हो इस बात का खतरा बना रहता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इससे पूरी तरह अनजान बना हुआ है.
आखिरकार जब स्वास्थ्य विभाग की ओर से उसको पीपीई किट नहीं मिली तो उसने खुद ही कोरोना संक्रमण से बचने का इंतजाम किया और वह घर से रेनकोट लाकर उसे पहनकर ही सैंपल ले रहा है. जिला अस्पताल के कर्मचारियों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने उनकी सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं. विभाग ने न तो सैनिटाइजर दिया और न ही मास्क उपलब्ध कराए हैं. इतना ही नहीं लैब में टेस्टिंग के दौरान लोगों को किसी तरह की पीपीई किट उपलब्ध नहीं कराई गई है.
लैब टेक्निशियनों के रेनकोट पहनकर काम करने पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. कृष्ण स्वरूप ने बताया कि हमारी जानकारी में यह बात नहीं है, लेकिन ऐसा क्यों है यह बात पता करेंगे. जो जनरल लैब में काम कर रहे हैं उनको किसी तरह से पीपीई किट पहनने की जरूरत नहीं, केवल मास्क और ग्लब्स पहनकर रहें और सैनिटाइजर का प्रयोग करें. पीपीई किट ऐसे वार्ड जहां पर कोरोना वाले मरीज एडमिट हैं उनके लिए ही जरूरी है और वह लोग पहन करके काम करें. जिला अस्पताल में अभी कोविड-19 का कोई भी पेसेंट एडमिट नहीं है.
इसे भी पढ़ें- यूपी के 57 जिलों में फैला कोरोना, 1664 संक्रमित, 25 की मौत