कन्नौजः समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी में होने वाले उप चुनाव में सपा प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहां से कन्नौज की पूर्व सांसद व पत्नी डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है. डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाए जाने पर सांसद सुब्रत पाठक ने सपा पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अब परिवारवाद से वंशवाद पर आ गए हैं. अगर उनके बेटा या बेटी चुनाव लड़ने लायक होते, तो वह उन्हें भी चुनाव लड़ाते. सुब्रत ने कहा कि मैनपुरी में इस बार वंशवाद को खत्म कर कमल खिलेगा.
बता दें कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक व संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी लोकसभा सीट से सांसद थे. उनके निधन से खाली हुई लोकसभा सीट पर उप चुनाव की घोषणा हो चुकी है. 5 दिसंबर को इस सीट के लिए मतदान होगा. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंंपल यादव को मैनपुरी उप चुनाव में सपा से प्रत्याशी बनाया है. जिसके बाद कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक ने सपा पर हमला बोला है.
सासंद सुब्रत पाठक ने कहा है कि समाजवादी पार्टी ने अपने मूल चरित्र के अनुसार ही मैनपुरी लोकसभा के उपचुनाव में अपना प्रत्याशी डिंपल यादव को घोषित किया है. समाजवादी पार्टी का निर्माण तो समाजवाद के नाम पर हुआ था. जब पार्टी अस्तित्व में आई तो जातिवादी हो गई. फिर जातिवादी से विस्तार हुआ, तो परिवारवादी हो गए. अब एक ही परिवार के लोगों को सबकुछ मिलेगा. बेटा मुख्यमंत्री, भाई कैबिनेट मंत्री, भतीजा सांसद, बहू सांसद, घर में सब विधायक.
पाठक ने कहा कि जब पार्टी का विस्तार हुआ तो बाप के बाद बेटा ही आया. मुलायम सिंह के बाद अखिलेश का ही नंबर आया. शिवपाल सिंह यादव को पार्टी भूल गई. अब जब मैनपुरी में उपचुनाव हो रहा है, तो मुलायम सिंह की विरासत के नाम जिस प्रकार से डिंपल यादव को लेकर आए हैं. उस पर इतना ही कहना है कि अखिलेश यादव के बेटा और बेटी की उम्र चुनाव लड़ने के लायक नहीं है. नहीं तो उनको ही लाते.
बेटा-बेटी चुनाव नहीं लड़ सकते है तो पत्नी को टिकट दे दिया है. जबकि धर्मेंद्र व तेज प्रताप जो कि वहां पर दो उम्मीदवार उनके परिवार के ही थे. परिवार को दरकिनार कर वंशवाद के ऊपर जिस प्रकार से विश्वास व्यक्त किया है. यही समाजवादी पार्टी का मूल चरित्र है. लेकिन शायद यह भूल गए है कि मैनपुरी की जनता वंशवाद के नाम पर वोट नहीं करेगी. बल्कि राष्ट्रवाद के नाम पर वोट करेगी. इस बार मैनपुरी में कमल खिलेगा.
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