कन्नौज: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच हुई तीखी झड़प हुई थी. इस झड़प में कई अधिवक्ता गम्भीर रूप से घायल हो गए थे. इस घटना को लेकर कन्नौज बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है. इसके विरोध में कन्नौज बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने आपातकालीन बैठक कर एक दिवसीय कलम बन्द हड़ताल का निर्णय लिया है. अधिवक्ता दिनभर न्यायिक कार्य से अलग रहेंगे.
अधिवक्ताओं ने तीस हजारी अदालत में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज व फायरिंग से घायल अधिवक्ताओं के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए जमकर विरोध किया. साथ ही कानपुर के नौबस्ता थाने में पुलिस द्वारा कानपुर बार एसोसिएशन के महामंत्री समेत 154 अधिवक्ताओं पर दर्ज किए गए मुकदमे की निंदा की. अधिवक्ताओं का कहना था कि पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं के साथ अमानवीय व्यवहार व अभद्रता की गई है. जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
छिबरामऊ तहसील में सोमवार को हुई थी बैठक
वहीं जनपद न्यायालय और छिबरामऊ तहसील के वकीलों ने सोमवार को बैठक बुलाई थी. इस बैठक में दिल्ली और कानपुर में पुलिस व वकीलों के बीच हुए बवाल को लेकर चर्चा की गई. यहां वकीलों ने बैठक में चर्चा करते हुए न्यायिक कार्यों के बहिष्कार का फैसला लिया. वकीलों के आंदोलन की भनक लगते ही कलक्ट्रेट परिसर में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया. इस बीच कन्नौज बार एसोसिएशन के अध्यक्ष फहीम जमां खां और महासचिव प्रेमचन्द्र शर्मा के नेतृत्व में वकीलों ने कलक्ट्रेट पहुंच कर राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा.
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वकीलों ने एक अन्य ज्ञापन में कहा है कि कानपुर के नौबस्ता थाने में कानपुर बार एसोसिएशन के महासचिव समेत 154 वकीलों से अभद्रता करते हुए पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है, जो कि वकीलों के साथ पुलिस के बर्बर रवैये को दर्शता है. दूसरी ओर छिबरामऊ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव व महासचिव पंकज मिश्रा ने ने भी दिल्ली और कानपुर की घटनाओं को विरोध करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और न्यायिक कार्यों से बिरत रहे.
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में जिस प्रकार पुलिस ने हमारे अधिवक्ताओं के ऊपर हमला किया. सर्विस रिवाल्वर व राइफल से फायरिंग की गई, जिसमें हमारे कई साथी अधिवक्ता गम्भीर रूप से घायल हो गए हैं. कोर्ट परिसर में पुलिसकर्मियों को हथियार ले जाने की अनुमति न दी जाए.
-फहीम जमां खा, पूर्व अध्यक्ष, बार एसोसिएशन, कन्नौज