कन्नौज: यूपी के कन्नौज जिले में रविवार को हुए डबल डेकर बस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे ने एक बार फिर कन्नौज में 10 जनवरी को हुए हादसे की याद ताजा कर दी है. जब भी लोगों के सामने इस तरह का कोई हादसा होता है, तो कन्नौज के छिबरामऊ के घिलोई गांव में हुई बस दुर्घटना की याद ताजा हो जाती है. रोंगटे खड़े कर देने वाले उस हादसे में 11 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी, जबकि 22 लोग घायल हो गए थे. इस दौरान बसों के मानकों पर सवाल उठाए गए थे, लेकिन मामला धीरे-धीरे ठंडा हो गया. वहीं हादसे की आग आज भी गरम बनी हुई है.
कन्नौज के छिबरामऊ में 10 जनवरी को देर शाम 8 बजे के करीब एक डबल डेकर बस और ट्रक में भिड़ंत हो गई थी. इसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं 22 लोग घायल हो गए थे, लेकिन लापरवाही बरतने वाले लोग इस मामले से बच गये और धीरे-धीरे मामला समाप्त हो गया और सिर्फ जांच पर जांच ही होती रही. इसके कारण आज भी ऐसी बसों में लापरवाही का आलम देखने को मिल रहा है, जिसमें मानकों को ताक पर रखकर ओवरलोडिंग सवारी भरकर तेज रफ्तार प्राइवेट डग्गामारी बसें चल रही हैं.
कन्नौज हादसे में गई 6 की जान
रविवार को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे में 6 लोगों की जान चली गई. यह भी डबल-डेकर बस थी, लेकिन प्रशासन की नींद इस हादसे के बाद भी नहीं खुल रही है. बता दें कि इन गाड़ियों में सवारियों की ओवरलोडिंग कर दी जाती है और इन सभी प्राइवेट बसों के मानक भी पूरे नहीं होते है. इसके बावजूद इन पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. वहीं डग्गामारी बसें बिना रोक-टोक के धड़ल्ले से चल रही हैं.
जब इस हादसे के बारे में पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रताप सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस विषय पर अब टेकअप किया जाएगा. उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस-वे पर बीच में किसी प्रकार की मिड-वे चेकिंग नहीं होती है. इसलिए भी ऐसी घटनाएं होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
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