कन्नौज: उत्तर प्रदेश में आवारा जानवरों से हर कोई परेशान नजर आ रहा है. सड़कों पर घूम रहे ये पशु हादसों का सबब बन रहे हैं. इन जानवरों की वजह से हो रहे हादसों को लेकर सरकार ने कान्हा गोशालाओं को बनवाने का निर्णय लिया था, जिसके बाद प्रदेश में इन गोशालाओं के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है. अब सड़कों पर घूम रहे अन्ना पशु इन गोशालाओं में रखा जाएगा.
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जल्द ही समस्याओं से मिलेगी निजात
यूपी के कन्नौज में कान्हा गोशाला बनाए जाने को लेकर सरकार ने पैसा भी आवंटित कर दिया है. साथ ही कार्रवाई संस्था ने गोशालाओं का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, बावजूद इसके अन्ना पशुओं की समस्या जस की तस बनी हुई है. मामले पर आलाधिकारियों का कहना है कि गोशाला बनने के बाद यह समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.
5 जिलों को किया गया चयनित
उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव की ओर से कान्हा गोशालाएं के लिए प्रदेश भर में चयनित 5 जिलों में कन्नौज को भी शामिल किया गया है. इसको लेकर कन्नौज के छिबरामऊ में काशीराम कॉलोनी के पास लगभग 16 बीघा जमीन की पैमाइश कराई गई है.
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गोशालाओं का बजट हो चुका है पास
कान्हा गोशालाओं के निर्माण के बाद अन्ना पशुओं को यहां आश्रय मिलेगा. इसके अलावा जिले भर में सभी नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में गोशाला खोले जाने की पहल हो रही है. जिसमें अभी 5 ग्राम पंचायतों और नगर पालिकाओं में कान्हा गोशालाएं खोलने के लिए पैसा आ चुका है, जिसमें सिकन्दरपुर नगर पंचायत और कन्नौज नगर पालिका के अंतर्गत में कार्य भी शुरू हो चुका है.
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यहां होगा गोशाला का निर्माण
कन्नौज नगर पालिका परिषद में कान्हा गोशाला को ले जाने के लिए काशीराम कॉलोनी के पास 16 बीघा जमीन की पैमाइश करवाई जा चुकी है. जिस पर गोशाला के लिए शासन ने एक करोड़ 20 लाख रुपये का बजट आवंटित कर दिया है.
इसी तरह जलालाबाद ब्लाक के पुरसा गांव में कान्हा गोशाला बनाई जा रही है, जिसको एक करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है. शासन द्वारा इसका पूरा बजट का को सौंपा जा चुका है. इसके अलावा कान्हा गोशाला का निर्माण कार्य नगर पंचायत सिकंदरपुर में हो रहा है, जिसके तहत जिले की अन्य नगर पंचायत व नगर पालिका छिबरामऊ, तिर्वा, गुरसहायगंज और सौरिख सहित सभी नगर पंचायतों में गोशालाओं का निर्माण किया जाएगा.
जिले में अन्ना पशुओं की समस्या जल्द ही खत्म हो जाएगी. हर नगरपालिका में कान्हा गोशाला खुलनी है, इनमें से पांच गोशालाओं का तो पैसा भी आ चुका है और काम चालू है.
-वी के त्रिवेदी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी