कन्नौज: कोरोना काल में कोविड अस्पतालों में ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन का 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दिए जाने के आदेश के खिलाफ स्वास्थ्य कर्मियों ने मोर्चा खोल दिया है. स्वास्थ्य कर्मियों ने जिला अस्पताल के बाहर हाथों में काली पट्टी बांधकर आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. कहा कि पहले सरकार ने कोराना काल में ड्यूटी करने वाले सभी स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन का 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि देने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन अब सरकार ने आदेश बदलकर सिर्फ आईसोलेशन वार्ड में काम करने वाले कर्मचारियों को ही प्रोत्साहन राशि देने का आदेश जारी किया है. आदेश वापस न होने पर सड़कों पर उतरकर स्वास्थ्य कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.
दरअसल, कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर की श्रेणी में रखा गया है. यूपी सरकार ने कोविड महामारी के बीच ड्यूटी करने वाले सभी स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन का 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि देने का एलान किया था, लेकिन सरकार ने अब आदेश बदलकर नया आदेश जारी किया है, जिसमें सिर्फ आईसोलेशन वार्ड में ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को ही वेतन का 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि देने की बात कही गई है. सरकार के नए आदेश के बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने मोर्चा खोल दिया है.
राज्य कर्मचारी संसुक्त संघ परिषद के तत्वाधान में प्रदर्शन
मंगलवार को राज्य कर्मचारी संसुक्त संघ परिषद के तत्वाधान में स्वास्थ्य कर्मियों ने जिला अस्पताल के बाहर हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. फार्मासिस्टों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि पहले सरकार ने घोषणा की थी कि कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर मरीजों की सेवा करने वालों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, लेकिन अब सरकार अपनी बात से पलट गई है. सिर्फ आईसोलेशन वार्ड में काम करने वालों को ही प्रोत्साहन देने की बात कह रही है.
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नॉन कोविड में ड्यूटी करने वालों को ज्यादा खतरा
स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि नॉन कोविड में ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को ज्यादा खतरा रहता है. आईसोलेशन वार्ड में ड्यूटी करने वालों को पता रहता है कि मरीज संक्रमित है, लेकिन हमें नहीं मालूम होता है कि जिस मरीज का इलाज कर रहे हैं वो कोरोना संक्रमित है या नहीं. स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि अभी तो यह सांकेतिक प्रदर्शन है. अगर सरकार आदेश को वापस नहीं लेती है तो आगे प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया जाएगा.