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कन्नौज में चलाया जाएगा मिशन इंद्रधनुष-3.0, दो चरणों में चलेगा अभियान

यूपी के कन्नौज में स्वास्थ्य विभाग मिशन इंद्रधनुष-3.0 चलाने जा रहा है. इसकी शुरुआत जिले में 23 फरवरी से होगी.इसके संबंध में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. गीतम सिंह ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान लॉकडाउन और अन्य कारणों से टीकाकरण से छूटे बच्चों का टीकाकरण करने के निर्देश शासन से दिए गए हैं. यह अभियान दो चरणों में चलाया जाएगा.

चलाया जाएगा मिशन इंद्रधनुष-3.0
चलाया जाएगा मिशन इंद्रधनुष-3.0
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Published : Feb 8, 2021, 5:33 PM IST

कन्नौज: कोरोना काल में नियमित टीकाकरण से वंचित रह गए दो साल के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग इसके लिए सघन मिशन इंद्रधनुष-3.0 चलाने जा रहा है. यह अभियान जिले में 23 फरवरी से शुरू होगा. दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इस विशेष अभियान में निःशुल्क टीका लगाया जाएगा. यह अभियान कन्नौज समेत प्रदेश के 37 जनपदों में दो चरणों में चलाया जाएगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने बताया इस संबंध में सीएमओ के अलावा जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों को पत्र भेजा गया. इस अभियान के माइक्रो प्लान तैयार करने के लिए आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वे करेंगी.

अभियान में 90 प्रतिशत टीकाकरण का रखा गया लक्ष्य
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. गीतम सिंह ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान लॉकडाउन और अन्य कारणों से टीकाकरण से छूटे बच्चों का टीकाकरण करने के निर्देश शासन से दिए गए हैं. नियमित टीकाकरण के साथ मिशन इंद्रधनुष के जरिए टीकाकरण कवरेज को बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रथम चरण में 23 फरवरी के अलावा एक और दो मार्च को टीकाकरण किया जाएगा. द्वितीय चरण 23 मार्च, पांच अप्रैल और छह अप्रैल को चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभियान से पहले आठ फरवरी को जनपद स्तरीय संवेदीकरण और फिर नौ और 10 फरवरी को ब्लॉक स्तरीय अभिमुखीकरण किया जाएगा.

आशा कार्यकर्ता करेंगी माइक्रो प्लान तैयार
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. गीतम सिंह ने बताया कि 11 से 16 फरवरी तक आशा कार्यकर्ता हेड काउंट सर्वे कर लाभार्थियों की सूची तैयार करेंगी. फिर 17 से 19 फरवरी तक माइक्रो प्लान तैयार किया जाएगा. माइक्रो प्लान और लाभार्थियों की सूची की समीक्षा 20 फरवरी को राज्य स्तर पर की जाएगी.

क्या है सघन मिशन इंद्रधनुष
सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) की शुरूआत भारत सरकार ने साल 2017 में की थी. इसमें दो वर्ष से छोटे बच्चों और उन गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण किया जाता है जो नियमित टीकाकरण के दौरान छूट जाती हैं. इस अभियान का नाम इंद्रधनुष इसलिए रखा गया है क्योंकि अभियान के दौरान सात बीमारियों से प्रतिरक्षित करने के लिए टीके लगाए जाते हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह टीकाकरण निशुल्क किया जाता है. 2017 में चलाए गए मिशन इंद्रधनुष को आईएमआई 1.0 और 2019 में चलाए गए मिशन इंद्रधनुष अभियान को आईएमआई 2.0 नाम दिया गया था.

इंद्रधनुष अभियान में यह लगाए जाएंगे टीका
सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान में शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटाविन-ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जाएंगे. इसके अलावा अभियान में गर्भवती महिलाओं को टिटनेस का टीका भी लगाया जाएगा.

कन्नौज: कोरोना काल में नियमित टीकाकरण से वंचित रह गए दो साल के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग इसके लिए सघन मिशन इंद्रधनुष-3.0 चलाने जा रहा है. यह अभियान जिले में 23 फरवरी से शुरू होगा. दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इस विशेष अभियान में निःशुल्क टीका लगाया जाएगा. यह अभियान कन्नौज समेत प्रदेश के 37 जनपदों में दो चरणों में चलाया जाएगा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने बताया इस संबंध में सीएमओ के अलावा जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों को पत्र भेजा गया. इस अभियान के माइक्रो प्लान तैयार करने के लिए आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वे करेंगी.

अभियान में 90 प्रतिशत टीकाकरण का रखा गया लक्ष्य
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. गीतम सिंह ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान लॉकडाउन और अन्य कारणों से टीकाकरण से छूटे बच्चों का टीकाकरण करने के निर्देश शासन से दिए गए हैं. नियमित टीकाकरण के साथ मिशन इंद्रधनुष के जरिए टीकाकरण कवरेज को बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रथम चरण में 23 फरवरी के अलावा एक और दो मार्च को टीकाकरण किया जाएगा. द्वितीय चरण 23 मार्च, पांच अप्रैल और छह अप्रैल को चलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभियान से पहले आठ फरवरी को जनपद स्तरीय संवेदीकरण और फिर नौ और 10 फरवरी को ब्लॉक स्तरीय अभिमुखीकरण किया जाएगा.

आशा कार्यकर्ता करेंगी माइक्रो प्लान तैयार
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. गीतम सिंह ने बताया कि 11 से 16 फरवरी तक आशा कार्यकर्ता हेड काउंट सर्वे कर लाभार्थियों की सूची तैयार करेंगी. फिर 17 से 19 फरवरी तक माइक्रो प्लान तैयार किया जाएगा. माइक्रो प्लान और लाभार्थियों की सूची की समीक्षा 20 फरवरी को राज्य स्तर पर की जाएगी.

क्या है सघन मिशन इंद्रधनुष
सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) की शुरूआत भारत सरकार ने साल 2017 में की थी. इसमें दो वर्ष से छोटे बच्चों और उन गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण किया जाता है जो नियमित टीकाकरण के दौरान छूट जाती हैं. इस अभियान का नाम इंद्रधनुष इसलिए रखा गया है क्योंकि अभियान के दौरान सात बीमारियों से प्रतिरक्षित करने के लिए टीके लगाए जाते हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह टीकाकरण निशुल्क किया जाता है. 2017 में चलाए गए मिशन इंद्रधनुष को आईएमआई 1.0 और 2019 में चलाए गए मिशन इंद्रधनुष अभियान को आईएमआई 2.0 नाम दिया गया था.

इंद्रधनुष अभियान में यह लगाए जाएंगे टीका
सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान में शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटाविन-ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जाएंगे. इसके अलावा अभियान में गर्भवती महिलाओं को टिटनेस का टीका भी लगाया जाएगा.

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