कन्नौजः जीका वायरस से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग में जरूरी तैयारियां पूरी कर ली हैं. जीका वायरस का पहला मरीज जिले के कपूरापुर गांव में मिला था. मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग टीमों ने कपूरापुर गांव समेत आसपास के 12 गांव के निगरानी शुरू कर दी है. 13 टीमें लगातार बुखार पीड़ितों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज रही हैं. अब तक करीब 300 से अधिक लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने जीका वायरस से निपटने के लिए जिले भर में 150 स्पेशल बेड की व्यवस्था की है. जिसमें जिला अस्पताल में 30 बेड, मेडिकल कॉलेज में 50 और छिबरामऊ के 100 शैया अस्पताल में 30 बेड की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा जिले की सभी सीएससी पर 5-5 बेड जीका के मरीजों के रिजर्व रखे गए हैं.
सदर तहसील के कपूरापुर गांव निवासी दशरथ 45 पुत्र अशर्फीलाल में जीका वायरस की पुष्टि हुई थी. बताते हैं कि दशरथ कानपुर जिले के शिवराजपुर ब्लॉक के कासामऊ गांव रिश्तेदारी गया था. जीका वायरस की पुष्टि होते ही स्वास्थ्य विभाग ने कपूरापुर गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया. इसके अलावा आसपास के 12 गांव को भी निगरानी में रखा गया है. स्वास्थ्य की 13 टीमें कैंप लगाकर गांव में बुखार पीड़ितों की जांच कर सैंपल ले रहे हैं. अबतक करीब 300 से अधिक लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. फिलहाल किसी में जीका वायरस की पुष्टि नहीं हुई है.
कपूरापुर गांव के अलावा मखदुमापुर, उग्गापुरवा, उदैतापुर, दंदौरा खुर्द, दंदौरा बुजुर्ग, लीलापुरवा, मोचीपुर, मधुपुर, शिखवापुर और पहलवागंज गांव की 13 सर्विलांस टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं. खासतौर पर कानपुर से आने वाले लोगों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है. इसके साथ ही टीम लगातार सैंपल लेकर जांच के लिए भेज रही है. साथ ही लोगों को साफ-सफाई रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है. सीएमओ ने बताया कि 212 लोगों की सैंपलिंग की गई है. जिसके सापेक्ष 164 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है.
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सीएमओ डॉक्टर विनोद कुमार ने बताया कि कानपुर में जीका वायरस के मरीज लगातार मिल रहे हैं. हमारा तिर्वा ब्लॉक कानपुर से लगा हुआ है. जिसके चलते वायरस से निपटने के पुख्ता इंतजाम किए हैं. जिले में पहला जीका वायरस से निपटने के लिए 150 स्पेशल बेड बनाए गए हैं. जिला अस्पताल में 30 बेड, मेडिकल कॉलेज में 50 और छिबरामऊ के 100 शैया अस्पताल में 30 बेड की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा जिले की सभी आठों सीएससी पर 5-5 बेड जीका के मरीजों के रिजर्व रखे गए हैं.
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जीका वायरस के लक्षण
- बुखार आना
- आंखे लाल होना
- सिर में दर्द होना
- थकावट आना
- घबराहट
- बैचेनी
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
इस तरह से करें बचाव - अपने आसपास मच्छरों को न पनपने दें. मच्छरों से बचाव करें.
- शरीर को ढक कर रखें, फुल आस्तीन के कपड़े पहने.
- गर्भवती महिलाओं को मच्छरों को विशेष तौर पर बचाव रखें.
- घर में पानी को एकत्र न होने दें.
- समय-समय पर कूलर का पानी बदलते रहें.