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FFDC कन्नौज में होगा सैनिटाइजर का उत्पादन, WHO के मानक होंगे पूरे - सैनिटाइजर का उत्पादन

कोरोनावायरस के रोकथाम और इसके फैलाव को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कहा जा रहा है. वहीं अचानक से फैली इस महामारी के चलते मास्क और सैनिटाइजर की किल्लत हो गई. कन्नौज में एफएफडीसी को सैनिटाइजर उत्पादन के लिए लाइसेंस दिया गया है.

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एफएफडीसी.
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Published : Mar 30, 2020, 10:32 AM IST

कन्नौज: पूरे विश्व में फैली महामारी कोरोनावायरस के कारण सैनिटाइजर की मांग अचानक बढ़ गई है. वहीं जिले के लोगों को सैनिटाइजर नहीं मिल रहा है. इसकी किल्लत को देखते हुए कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक ने जनपद मुख्यालय पर स्थित एफएफडीसी से उत्पादन प्रारंभ कराने के लिए जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र को एक पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने एफएफडीसी में सैनिटाइजर का उत्पादन कराने की बात कही थी, जिसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने शनिवार को जनपद के औषधि निरीक्षक अशोक कुमार को एफएफडीसी भेजकर निरीक्षण कराया.

एफएफडीसी में होगा सैनिटाइजर का उत्पादन

निरीक्षण के दौरान औषधि निरीक्षक ने पाया कि यहां पर मानक पूर्ण हैं और एफएफडीसी में सैनिटाइजर का उत्पादन किया जा सकता है. औषधि निरीक्षक की स्वीकृति मिलते ही उत्पादन लाइसेंस हेतु जिलाधिकारी ने शासन को पत्रावली भेजा. शासन ने तत्काल संज्ञान लेते हुए एफएफडीसी को सैनिटाइजर उत्पादन का लाइसेंस जारी कर दिया. एफएफडीसी में डब्ल्यूएचओ के जारी मानकों के अनुसार ही सैनिटाइजर का उत्पादन कराया जाएगा.

दवाओं की कालाबाजारी पर कार्रवाई

औषधि निरीक्षक ने मेडिकल संचालकों को अपने प्रतिष्ठानों पर एक मीटर दूरी पर बैरिकेडिंग बनाकर दवाओं का वितरण करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मेडिकल संचालकों को मास्क और सैनिटाइजर का रजिस्टर बनाकर रखने की हिदायत दी. इतना ही नहीं दवाओं की कालाबाजारी करने पर कार्रवाई की बात कही.

एफएफडीसी के डायरेक्टर शक्ति विनय शुक्ला और एफएफडीसी के मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट डॉ. ज्ञान सिंह ने संयुक्त रूप से ईटीवी को बताया की शासन को पत्रावली भेजने के 20 घंटे में ही लाइसेंस की स्वीकृति मिल गई है. अब जल्द ही रॉ मटेरियल को एकत्रित कर डब्ल्यूएचओ के मानको को पूर्ण करते हुए सैनिटाइजर उत्पादन कार्य को प्रारंभ किया जाएगा.

कन्नौज: पूरे विश्व में फैली महामारी कोरोनावायरस के कारण सैनिटाइजर की मांग अचानक बढ़ गई है. वहीं जिले के लोगों को सैनिटाइजर नहीं मिल रहा है. इसकी किल्लत को देखते हुए कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक ने जनपद मुख्यालय पर स्थित एफएफडीसी से उत्पादन प्रारंभ कराने के लिए जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र को एक पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने एफएफडीसी में सैनिटाइजर का उत्पादन कराने की बात कही थी, जिसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने शनिवार को जनपद के औषधि निरीक्षक अशोक कुमार को एफएफडीसी भेजकर निरीक्षण कराया.

एफएफडीसी में होगा सैनिटाइजर का उत्पादन

निरीक्षण के दौरान औषधि निरीक्षक ने पाया कि यहां पर मानक पूर्ण हैं और एफएफडीसी में सैनिटाइजर का उत्पादन किया जा सकता है. औषधि निरीक्षक की स्वीकृति मिलते ही उत्पादन लाइसेंस हेतु जिलाधिकारी ने शासन को पत्रावली भेजा. शासन ने तत्काल संज्ञान लेते हुए एफएफडीसी को सैनिटाइजर उत्पादन का लाइसेंस जारी कर दिया. एफएफडीसी में डब्ल्यूएचओ के जारी मानकों के अनुसार ही सैनिटाइजर का उत्पादन कराया जाएगा.

दवाओं की कालाबाजारी पर कार्रवाई

औषधि निरीक्षक ने मेडिकल संचालकों को अपने प्रतिष्ठानों पर एक मीटर दूरी पर बैरिकेडिंग बनाकर दवाओं का वितरण करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मेडिकल संचालकों को मास्क और सैनिटाइजर का रजिस्टर बनाकर रखने की हिदायत दी. इतना ही नहीं दवाओं की कालाबाजारी करने पर कार्रवाई की बात कही.

एफएफडीसी के डायरेक्टर शक्ति विनय शुक्ला और एफएफडीसी के मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट डॉ. ज्ञान सिंह ने संयुक्त रूप से ईटीवी को बताया की शासन को पत्रावली भेजने के 20 घंटे में ही लाइसेंस की स्वीकृति मिल गई है. अब जल्द ही रॉ मटेरियल को एकत्रित कर डब्ल्यूएचओ के मानको को पूर्ण करते हुए सैनिटाइजर उत्पादन कार्य को प्रारंभ किया जाएगा.

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