कन्नौज: जिले में करीब छह साल पहले नकली शराब बनाने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने आरोपी को पांच साल कारावास की सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायाधीश विशंभर प्रसाद ने यह फैसला सुनाया है. साथ ही 5500 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.
जुर्माना अदा न करने पर दो महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. मामले में वादी समेत पांच गवाह पेश किए गए हैं. अप मिश्रित शराब और यूरिया के नमूने जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला (Kannauj Forensic Laboratory) भेजे गए थे. जांच में शराब में यूरिया के अंश मिले थे.
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी तरुण चंद्रा (Kannauj Additional District Government Advocate) ने बताया कि पांच अगस्त 2016 को एसआई दीपक कुमार हमराही प्रेम किशोर, कॉन्स्टेबल लक्ष्मी नारायण, आरक्षी फुलवर सिंह, रवींद्र कुमार उपाध्याय जांच के लिए छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के रामपुर निगोह आए थे. वहीं, एसआई गणेश प्रसाद मिश्र के साथ बातचीत कर रहे थे तभी मुखबिर से सूचना मिली कि घिलोई गांव निवासी भूरे उर्फ घनश्याम भारी मात्रा में शराब लाया है. शराब में तेजी लाने के लिए वह कुछ मिला रहा है. पुलिस ने घेराबंदी कर नकली शराब बना रहे भूरे को 60 लीटर अपमिश्रित शराब और यूरिया समेत गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने अपमिश्रित शराब और यूरिया के नमूने जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे थे. जांच में शराब में यूरिया के अंश पाए गए. पुलिस ने मामले की जांच कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया.
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अभियोजन पक्ष (Fake liquor made from urea sold in Kannauj) की ओर से वादी समेत पांच गवाह पेश किए गए. शुक्रवार को आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम विशंभर प्रसाद ने आरोपी को पांच साल कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 55 सौ रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अधिवक्ता ने बताया कि धारा 60 आबकारी अधिनियम के आरोप में एक साल कारावास और पांच सौ रुपए, धारा 272 में पांच साल कारावास, पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
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