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कन्नौज: हर बार नवरात्रों में फूलों से होती थी दोगुनी कमाई, इस बार खेतो में ही रह गया फूल

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में फूल किसानों और फूल दुकानदारों को काफी झटका लगा है. लॉकडाउन होने की वजह से दुकानें बंद होने के कारण उनकी रोजी रोटी पर संकट आ खड़ा हुआ है.

farmers are not getting profit
खेतो में ही रह गया फूल
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Published : Apr 3, 2020, 10:36 AM IST

कन्नौज: फूलों की खेती करने वाले किसानों और फूल दुकानदारों को इस बार सबसे बड़ा आर्थिक संकट का झटका लगा है. पूरे साल की कमाई में इनकी लागत सिर्फ नवरात्रों में ही दोगुनी हो पाती थी जो सालभर के नुकसान का भी मुनाफा दिलाती थी, लेकिन इस बार मुनाफा तो दूर रहा उनकी लागत तक को नुकसान में पहुंचा है. इसकी वजह से उनके आगे रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है.

farmers are not getting profit
खेतो में ही रह गया फूल


फूल दुकानदारों को नवरात्रि के दिनों में यह पूरी उम्मीद होती थी कि नवरात्रि में उनको अच्छी खासी कमाई होगी. इसी उम्मीद को लेकर हर बार नवरात्रों में फूल किसान और दुकानदार दोनों ही दोगुना मुनाफा कमाते थे, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से किए गए लॉकडाउन ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

farmers are not getting profit
खेतो में ही रह गया फूल

किसानों के फूल खेतों में ही बिखर कर रह गए तो वहीं फूल दुकानदार घर बैठकर ही अपनी परेशानी का तमाशा देखते रहे. देशभर में फैली महामारी के प्रकोप के आगे उनकी यह परेशानी कुछ भी नहीं है. उनका कहना है कि वैसे तो उनकी हर नवरात्रि में रोजाना हजार बारह सौ की कमाई होती थे जो इस बार बिलकुल ठप हो गयी है. लेकिन हम देश की इस कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में साथ है, जिसकी वजह से हम सभी दुकानदारों को यह परेशानी उठानी पड़ रही है.

farmers are not getting profit
खेतो में ही रह गया फूल
इस बार नवरात्रि वाले दिन से ही लाॅकडाउन होने की वजह से मंदिर के पट बंद कर दिये गये. हर जगह पूजा पाठ बंद भी बंद हो गया और शादी बारात भी नहीं हो रही है. ऐसे में फूल दुकानदारों की भी दुकानें बंद हो गयी और उन्होंने किसानों से भी फूल लेना बंद कर दिया. इसका परिणाम आज यह है किसानों का फूल उनके खेतों में ही गिर कर खराब हो रहा है और लागत पर भी पानी फिर रहा है. इससे फूल किसानों के साथ-साथ दुकानदारों के सामने भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. फूल की खेती करने वाले किसान अर्जुन ने बताया कि हर बार हम लोग फूल की खेती करके नवरात्रों में फुटकर फूल विक्रेताओं को देकर फूल बेचकर दोगुना कमा लेते थे, लेकिन इस बार फूल हमारा खेतों में ही पड़ा हुआ खराब हो रहा है. फूल को न तो दुकानदार ही ले रहे हैं और न ही थोकविक्रेता ही फूलों को खरीदने के लिए तैयार हैं. इसकी वजह से अच्छा खासा फूल का व्यापार हम लोगों का चौपट हो गया.

फूल की खेती करने वाले नीरज का कहना है कि इस बार सब बंद होने की वजह से फूल को कोई पूछ ही नहीं रहा है, जबकि इससे पहले हर नवरात्रों में फूलों की इतनी बिक्री होती थी कि मांग एक महीने पहले से ही होने लगती थी. हालांकि इस बार नुकसान ही नुकसान है. इससे फूल की लागत तक नहीं निकल पायी है.

जिले में लाॅकडाउन की वजह से सभी दुकानदारों ने दुकानें बंद कर रखी है, जिससे फूल भी कहीं से न आ रहा है न ही कोई इसको लेने के लिए तैयार है. सभी धार्मिक स्थल भी बंद हैं. शादी समारोह सहित किसी तरह का कोई कार्यक्रम नहीं हो रहा है ,जिसकी वजह से कोई भी फूल को खरीदने वाला नही है. ऐसे में काम बिलकुल बंद चल रहा है. अगर ऐसा ही रहा तो हम लोगों के आगे भूखमरी का संकट खड़ा हो जायेगा.
-रामतीर्थ, दुकानदार

कन्नौज: फूलों की खेती करने वाले किसानों और फूल दुकानदारों को इस बार सबसे बड़ा आर्थिक संकट का झटका लगा है. पूरे साल की कमाई में इनकी लागत सिर्फ नवरात्रों में ही दोगुनी हो पाती थी जो सालभर के नुकसान का भी मुनाफा दिलाती थी, लेकिन इस बार मुनाफा तो दूर रहा उनकी लागत तक को नुकसान में पहुंचा है. इसकी वजह से उनके आगे रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है.

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खेतो में ही रह गया फूल


फूल दुकानदारों को नवरात्रि के दिनों में यह पूरी उम्मीद होती थी कि नवरात्रि में उनको अच्छी खासी कमाई होगी. इसी उम्मीद को लेकर हर बार नवरात्रों में फूल किसान और दुकानदार दोनों ही दोगुना मुनाफा कमाते थे, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से किए गए लॉकडाउन ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

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खेतो में ही रह गया फूल

किसानों के फूल खेतों में ही बिखर कर रह गए तो वहीं फूल दुकानदार घर बैठकर ही अपनी परेशानी का तमाशा देखते रहे. देशभर में फैली महामारी के प्रकोप के आगे उनकी यह परेशानी कुछ भी नहीं है. उनका कहना है कि वैसे तो उनकी हर नवरात्रि में रोजाना हजार बारह सौ की कमाई होती थे जो इस बार बिलकुल ठप हो गयी है. लेकिन हम देश की इस कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में साथ है, जिसकी वजह से हम सभी दुकानदारों को यह परेशानी उठानी पड़ रही है.

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खेतो में ही रह गया फूल
इस बार नवरात्रि वाले दिन से ही लाॅकडाउन होने की वजह से मंदिर के पट बंद कर दिये गये. हर जगह पूजा पाठ बंद भी बंद हो गया और शादी बारात भी नहीं हो रही है. ऐसे में फूल दुकानदारों की भी दुकानें बंद हो गयी और उन्होंने किसानों से भी फूल लेना बंद कर दिया. इसका परिणाम आज यह है किसानों का फूल उनके खेतों में ही गिर कर खराब हो रहा है और लागत पर भी पानी फिर रहा है. इससे फूल किसानों के साथ-साथ दुकानदारों के सामने भी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. फूल की खेती करने वाले किसान अर्जुन ने बताया कि हर बार हम लोग फूल की खेती करके नवरात्रों में फुटकर फूल विक्रेताओं को देकर फूल बेचकर दोगुना कमा लेते थे, लेकिन इस बार फूल हमारा खेतों में ही पड़ा हुआ खराब हो रहा है. फूल को न तो दुकानदार ही ले रहे हैं और न ही थोकविक्रेता ही फूलों को खरीदने के लिए तैयार हैं. इसकी वजह से अच्छा खासा फूल का व्यापार हम लोगों का चौपट हो गया.

फूल की खेती करने वाले नीरज का कहना है कि इस बार सब बंद होने की वजह से फूल को कोई पूछ ही नहीं रहा है, जबकि इससे पहले हर नवरात्रों में फूलों की इतनी बिक्री होती थी कि मांग एक महीने पहले से ही होने लगती थी. हालांकि इस बार नुकसान ही नुकसान है. इससे फूल की लागत तक नहीं निकल पायी है.

जिले में लाॅकडाउन की वजह से सभी दुकानदारों ने दुकानें बंद कर रखी है, जिससे फूल भी कहीं से न आ रहा है न ही कोई इसको लेने के लिए तैयार है. सभी धार्मिक स्थल भी बंद हैं. शादी समारोह सहित किसी तरह का कोई कार्यक्रम नहीं हो रहा है ,जिसकी वजह से कोई भी फूल को खरीदने वाला नही है. ऐसे में काम बिलकुल बंद चल रहा है. अगर ऐसा ही रहा तो हम लोगों के आगे भूखमरी का संकट खड़ा हो जायेगा.
-रामतीर्थ, दुकानदार

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