कन्नौज: फूलों की खेती करने वाले किसानों और फूल दुकानदारों को इस बार सबसे बड़ा आर्थिक संकट का झटका लगा है. पूरे साल की कमाई में इनकी लागत सिर्फ नवरात्रों में ही दोगुनी हो पाती थी जो सालभर के नुकसान का भी मुनाफा दिलाती थी, लेकिन इस बार मुनाफा तो दूर रहा उनकी लागत तक को नुकसान में पहुंचा है. इसकी वजह से उनके आगे रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है.
फूल दुकानदारों को नवरात्रि के दिनों में यह पूरी उम्मीद होती थी कि नवरात्रि में उनको अच्छी खासी कमाई होगी. इसी उम्मीद को लेकर हर बार नवरात्रों में फूल किसान और दुकानदार दोनों ही दोगुना मुनाफा कमाते थे, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से किए गए लॉकडाउन ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
किसानों के फूल खेतों में ही बिखर कर रह गए तो वहीं फूल दुकानदार घर बैठकर ही अपनी परेशानी का तमाशा देखते रहे. देशभर में फैली महामारी के प्रकोप के आगे उनकी यह परेशानी कुछ भी नहीं है. उनका कहना है कि वैसे तो उनकी हर नवरात्रि में रोजाना हजार बारह सौ की कमाई होती थे जो इस बार बिलकुल ठप हो गयी है. लेकिन हम देश की इस कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में साथ है, जिसकी वजह से हम सभी दुकानदारों को यह परेशानी उठानी पड़ रही है.
फूल की खेती करने वाले नीरज का कहना है कि इस बार सब बंद होने की वजह से फूल को कोई पूछ ही नहीं रहा है, जबकि इससे पहले हर नवरात्रों में फूलों की इतनी बिक्री होती थी कि मांग एक महीने पहले से ही होने लगती थी. हालांकि इस बार नुकसान ही नुकसान है. इससे फूल की लागत तक नहीं निकल पायी है.
जिले में लाॅकडाउन की वजह से सभी दुकानदारों ने दुकानें बंद कर रखी है, जिससे फूल भी कहीं से न आ रहा है न ही कोई इसको लेने के लिए तैयार है. सभी धार्मिक स्थल भी बंद हैं. शादी समारोह सहित किसी तरह का कोई कार्यक्रम नहीं हो रहा है ,जिसकी वजह से कोई भी फूल को खरीदने वाला नही है. ऐसे में काम बिलकुल बंद चल रहा है. अगर ऐसा ही रहा तो हम लोगों के आगे भूखमरी का संकट खड़ा हो जायेगा.
-रामतीर्थ, दुकानदार