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घाटों पर दोगुनी पहुंच रहीं लाशें, अंतिम संस्कार के लिए कम पड़ी जगह

कन्नौज जिले में कोरोना से मरने वालों की संख्या काफी बढ़ गई है. इत्रनगरी के महादेवी घाट पर शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. जहां पहले एक दिन में 20-25 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था, तो वहीं अब 50 से अधिक शवों का अंत्योष्टि की जा रही है.

अंतिम संस्कार के लिए कम पड़ी जगह
अंतिम संस्कार के लिए कम पड़ी जगह
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Published : Apr 25, 2021, 11:55 AM IST

कन्नौज : कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में तबाही मचा रखी है. कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर कई लोग अपनी जान गवां रहे हैं. इत्रनगरी के महादेवी घाट पर शवों का अंतिम संस्कार होता है. एकाएक एक सप्ताह से महादेवी घाट पर होने वाली अत्योष्टि की संख्या में इजाफा हुआ है. यहां पहले एक दिन में 20-25 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था, वहीं अब संख्या बढ़कर 50 के पार पहुंच गई है. ऐसे में शवों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए देर रात तक अंत्योष्टि की जा रही है. जबकि सरकारी आंकड़ों की मानें 2 से 4 लोग ही कोरोना की चपेट में आकर अपनी जान गवां रहे हैं. लेकिन श्मशान घाट की तस्वीरें कुछ और ही हकीकत बयां कर रही हैं.

रोजाना 50 से ज्यादा शवों का हो रहा अंतिम संस्कार

जिले के सरकारी आंकड़ों में लोगों की मौतों की संख्या मात्र 2 से 4 प्रतिदिन ही दिखाई जा रही है. लेकिन श्मशान घाट पर रोजाना अत्योष्टि होने वाली संख्या सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. बीते 18 अप्रैल से महादेवी घाट पर अंतिम संस्कार हाने वाले शवों की संख्या में इजाफा हुआ है. अप्रैल माह में यह संख्या बढ़कर 50 से 70 हो गई है. 24 अप्रैल को महादेवी गंगा घाट पर स्थित श्मशान घाट में 77 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. तो वहीं 23 अप्रैल को 67, 22 अप्रैल को 64 लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें कोविड और नॉन कोविड दोनों शव शामिल हैं.

18 अप्रैल से बढ़ा शवों के अंतिम संस्कार का आंकड़ा

श्मशान घाट पर शवों के अंतिम संस्कार का लेखा-जोखा रखने वाले श्मशान कर्मी राज नारायन पांडे ने बताया कि पहले दिन भर में 20 से 25 शवों का अंतिम संस्कार होता था. लेकिन 18 अप्रैल से रोजाना 50 से ज्यादा शव घाट पर अंतिम संस्कार के लिए आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि इससे पहले कभी भी एक साथ इतनी बड़ी संख्या में शव श्मशान घाट पर नहीं आए हैं.

सबसे ज्यादा बुजुर्ग लोगों की हो रही मौत

राज नारायण ने बताया कि इन दिनों मृतकों में सबसे ज्यादा बुजुर्ग शामिल हैं. कोरोना से मरने वालों का शव भी अंतिम संस्कार के लिए आता है. उन शवों को दूर जलाया जाता है. मौतों की ये संख्या हिन्दू धर्म के लोगों की हैं. वहीं मुश्लिम धर्म के लोगों की मौतों की संख्या का अभी तक पता नहीं लग सका है.

कोराना नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां

महादेवी घाट पर कोडिव और नॉन कोविड दोनों तरह के शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. शवों का अंतिम संस्कार के लिए आने वाले परिजन कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. शासन के रोक के बावजूद लोग बड़ी संख्या में श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे हैं.

महादेवी घाट पर अप्रैल माह में हुए शवों के अंतिम संस्कार का आंकड़ा

  • 1 अप्रैल को - 22
  • 2 अप्रैल को - 20
  • 3 अप्रैल को - 27
  • 4 अप्रैल को - 18
  • 5 अप्रैल को - 31
  • 6 अप्रैल को - 24
  • 7 अप्रैल को - 28
  • 8 अप्रैल को - 30
  • 9 अप्रैल को - 22
  • 10 अप्रैल को - 24
  • 11 अप्रैल को - 30
  • 12 अप्रैल को - 31
  • 13 अप्रैल को - 18
  • 14 अप्रैल को - 30
  • 15 अप्रैल को - 26
  • 16 अप्रैल को - 50
  • 17 अप्रैल को - 45
  • 18 अप्रैल को - 48
  • 19 अप्रैल को - 54
  • 20 अप्रैल को - 70
  • 21 अप्रैल को - 70
  • 22 अप्रैल को - 64
  • 23 अप्रैल को - 69
  • 24 अप्रैल को - 77

इसे भी पढे़ं-कोरोना को लेकर फैलाई अफवाह तो होगी कार्रवाई- एडीजी

कन्नौज : कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में तबाही मचा रखी है. कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर कई लोग अपनी जान गवां रहे हैं. इत्रनगरी के महादेवी घाट पर शवों का अंतिम संस्कार होता है. एकाएक एक सप्ताह से महादेवी घाट पर होने वाली अत्योष्टि की संख्या में इजाफा हुआ है. यहां पहले एक दिन में 20-25 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था, वहीं अब संख्या बढ़कर 50 के पार पहुंच गई है. ऐसे में शवों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए देर रात तक अंत्योष्टि की जा रही है. जबकि सरकारी आंकड़ों की मानें 2 से 4 लोग ही कोरोना की चपेट में आकर अपनी जान गवां रहे हैं. लेकिन श्मशान घाट की तस्वीरें कुछ और ही हकीकत बयां कर रही हैं.

रोजाना 50 से ज्यादा शवों का हो रहा अंतिम संस्कार

जिले के सरकारी आंकड़ों में लोगों की मौतों की संख्या मात्र 2 से 4 प्रतिदिन ही दिखाई जा रही है. लेकिन श्मशान घाट पर रोजाना अत्योष्टि होने वाली संख्या सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. बीते 18 अप्रैल से महादेवी घाट पर अंतिम संस्कार हाने वाले शवों की संख्या में इजाफा हुआ है. अप्रैल माह में यह संख्या बढ़कर 50 से 70 हो गई है. 24 अप्रैल को महादेवी गंगा घाट पर स्थित श्मशान घाट में 77 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. तो वहीं 23 अप्रैल को 67, 22 अप्रैल को 64 लोगों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें कोविड और नॉन कोविड दोनों शव शामिल हैं.

18 अप्रैल से बढ़ा शवों के अंतिम संस्कार का आंकड़ा

श्मशान घाट पर शवों के अंतिम संस्कार का लेखा-जोखा रखने वाले श्मशान कर्मी राज नारायन पांडे ने बताया कि पहले दिन भर में 20 से 25 शवों का अंतिम संस्कार होता था. लेकिन 18 अप्रैल से रोजाना 50 से ज्यादा शव घाट पर अंतिम संस्कार के लिए आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि इससे पहले कभी भी एक साथ इतनी बड़ी संख्या में शव श्मशान घाट पर नहीं आए हैं.

सबसे ज्यादा बुजुर्ग लोगों की हो रही मौत

राज नारायण ने बताया कि इन दिनों मृतकों में सबसे ज्यादा बुजुर्ग शामिल हैं. कोरोना से मरने वालों का शव भी अंतिम संस्कार के लिए आता है. उन शवों को दूर जलाया जाता है. मौतों की ये संख्या हिन्दू धर्म के लोगों की हैं. वहीं मुश्लिम धर्म के लोगों की मौतों की संख्या का अभी तक पता नहीं लग सका है.

कोराना नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां

महादेवी घाट पर कोडिव और नॉन कोविड दोनों तरह के शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. शवों का अंतिम संस्कार के लिए आने वाले परिजन कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं. शासन के रोक के बावजूद लोग बड़ी संख्या में श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंच रहे हैं.

महादेवी घाट पर अप्रैल माह में हुए शवों के अंतिम संस्कार का आंकड़ा

  • 1 अप्रैल को - 22
  • 2 अप्रैल को - 20
  • 3 अप्रैल को - 27
  • 4 अप्रैल को - 18
  • 5 अप्रैल को - 31
  • 6 अप्रैल को - 24
  • 7 अप्रैल को - 28
  • 8 अप्रैल को - 30
  • 9 अप्रैल को - 22
  • 10 अप्रैल को - 24
  • 11 अप्रैल को - 30
  • 12 अप्रैल को - 31
  • 13 अप्रैल को - 18
  • 14 अप्रैल को - 30
  • 15 अप्रैल को - 26
  • 16 अप्रैल को - 50
  • 17 अप्रैल को - 45
  • 18 अप्रैल को - 48
  • 19 अप्रैल को - 54
  • 20 अप्रैल को - 70
  • 21 अप्रैल को - 70
  • 22 अप्रैल को - 64
  • 23 अप्रैल को - 69
  • 24 अप्रैल को - 77

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