कन्नौज: छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के सिकंदरपुर में आर्यावर्त बैंक में खाता धारकों के साथ हुई धोखाधड़ी का मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया है. वहीं दूसरी तरफ, बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक द्वारा लाखों रुपये लेकर फरार होने का मामला सामने आया है. करीब आठ दिन पहले खाता से रुपये निकालने जब ग्राहक शाखा पर गए तो उन्हें धोखाधड़ी होने की जानकारी हुई. संचालक का नंबर बंद होने की वजह से खाता धारक परेशान हैं. पीड़ित खाता धारकों ने शाखा प्रबंधक से मामले की शिकायत की है. शाखा प्रबंधक ने जोनल ऑफिस के अधिकारियों को मामले से अवगत कराया है.
न्याय न मिलता देख गुरुवार को कुछ पीड़ित खाता धारकों ने पुलिस से मामले की शिकायत की है. पीड़ितों ने रुपये वापस दिलाए जाने की मांग की है. पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत के आधार पर मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है.
क्या है पूरा मामला
सिकंदरपुर कस्बा के मालवीय नगर में बैंक ऑफ इंडिया शाखा का ग्राहक सेवा केंद्र संचालित हो रहा है. इसका संचालन विवेक कुमार कर रहा है. आरोप है कि करीब आठ दिन पहले विवेक ताला डालकर ग्राहकों के लाखों रुपये लेकर फरार हो गया. जब ग्राहक खाता से रुपये निकालने पहुंचे तो ताला पड़ा देख वापस लौट गए. इसके बाद उन्होंने ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक के फोन पर कॉल की, लेकिन नंबर बंद होने की वजह से संपर्क नहीं हो सका. ग्राहकों ने धोखाधड़ी होने की जानकारी होने पर स्थानीय बैंक शाखा प्रबंधक से मामले की शिकायत की, जिस पर शाखा प्रबंधक ने जोनल अधिकारियों को मामले से अवगत कराया. गुरुवार को पीड़ितों ने छिबरामऊ कोतवाली पहुंचकर पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित ग्राहकों ने रुपये वापस दिलाए जाने की मांग की है.
क्या बोले ग्राहक
गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के पुराभोज गांव निवासी राजकिशोर ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में बचत खाता है. बैंक द्वारा अधिकृत ग्राहक सेवा केंद्र से खाता का संचालन करते हैं. संचालक विवेक को खाता में 10 हजार रुपये जमा करने के लिए दिए थे, लेकिन सर्वर न होने की बात कहकर जमा राशि की कोई रसीद नहीं दी गई. साथ ही रजिस्टर पर अंगूठा भी लगवा लिया गया. वहीं राजवती ने बताया कि विवेक कुमार के माध्यम से खाता का लेनदेन करती थीं. जब वह अपने खाता से प्रधानमंत्री आवास योजना की दूसरी किश्त के 20 हजार रुपये निकालने गईं तो सर्वर न होने की बात कहकर रजिस्टर में साइन कराकर वापस भेज दिया. जब कुछ दिन बाद फिर रुपये निकालने गईं तो पता चला कि खाता से रुपये निकल चुके हैं.
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राजरानी ने बताया कि मैंने खाता में करीब 95 हजार रुपये जमा किया था. संचालक रुपये जमा करके रजिस्टर में अंगूठा लगवा लेता था, लेकिन जमा रकम की कोई रशीद नहीं देता था. वहीं सलेमपुर गांव निवासी उर्मिला देवी ने बताया कि ग्राहक सेवा केंद्र के माध्यम से खाता में तीन लाख रुपये जमा किए थे. संचालक ने पर्ची पर मोहर लगाकर दी, लेकिन खाता में रुपये जमा नहीं किया गया. जब बैंक से रुपये निकालने गई तो धोखाधड़ी की जानकारी हो सकी. इसी प्रकार सुशील कुमार ने 48 हजार रुपये, मोंटू गुप्ता ने 30 हजार रुपये, माया चौरसिया ने 15 हजार रुपये, बबलू गुप्ता ने 10 हजार रुपये, शिव मोहन दीक्षित ने 11 हजार रुपये ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक विवेक कुमार के माध्यम से जमा कराए थे.
आर्यावर्त बैंक का संविदा कर्मी भी हो चुका है फरार
सिकंदरपुर कस्बा स्थित आर्यावर्त बैंक का संविदा कर्मी शैलेंद्र शर्मा भी ग्राहकों का लाखों रुपये लेकर फरार हो गया था, जिसके बाद शाखा प्रबंधक ने आरोपी के खिलाफ छिबरामऊ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. अभी धोखाधड़ी का वह मामला सुलझ भी नहीं पाया था कि ग्राहकों का रुपये लेकर भाग जाने का दूसरा मामला सामने आया है.