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कोर्ट ने घटना के 25 साल बाद चोरी के आरोपी को सुनाई तीन साल कैद की सजा, एक आरोपी की हो चुकी है मौत

करीब 25 साल बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नंद कुमार ने कन्नौज जिले में बारदाना की दुकान में चोरी करने वाले आरोपी चोर को सजा सुनाई है. वहीं, एक आरोपी चोर की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी.

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जिला एवं सत्र न्यायालय कन्नौज
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Published : Jul 12, 2022, 9:51 PM IST

कन्नौजः बारदाना की दुकान में नकाब लगाकर चोरी करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर करीब 25 साल बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नंद कुमार ने सजा सुनाई है. जज ने आरोपी को तीन साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जबकि दूसरे आरोपी चोर की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है. जज ने पीड़ित दुकानदार को जुर्माने की रकम से दो हजार रुपये डेढ़ माह के भीतर प्रतिकर के रूप में दिए जाने के आदेश दिए हैं.

क्या है पूरा मामला

जिला शासकीय अधिवक्ता रविंद्र पचौरी ने बताया कि वादी योगेंद्र सिंह ने 20 फरवरी 1997 को कोतवाली में तहरीर दी थी कि उसकी बारदाना की दुकान जीटी रोड बाईपास सरायमीरा में है. 19 फरवरी को वह रोज की तरह दुकान बंद कर घर चला गया था. रात करीब एक बजे वह दुकान की देखभाल के लिए पहुंचा था. तभी दुकान के पीछे से खटपट की आवाज सुनाई दी. इसके बाद वह प्रदीन कुमार, अब्दुल कुद्दूश, राजेंद्र सिंह व उसके पुत्र आलोक ने सेंध लगाकर वारदाना चोरी कर रहे दो चोरों को दबोच लिया. पकड़े गए चोरों ने अपना नाम विनोद कुमार व खुशीराम बताया था.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने आतंकी वलीउल्ला को फांसी की सजा के खिलाफ अपील पर पत्रावली की तलब

पुलिस ने मामला दर्ज कर चोरों को जेल भेज दिया था. पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र दाखिल किए. घटना के करीब 25 साल बीतने के बाद मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नन्द कुमार ने आरोपी विनोद कुमार को तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जज ने धारा 457 में दो साल व एक हजार रुपये, धारा 380 में तीन साल व एक हजार रुपये व धारा 411 में एक साल कारावास व एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी खुशीलाल की मौत हो गई थी.

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कन्नौजः बारदाना की दुकान में नकाब लगाकर चोरी करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर करीब 25 साल बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नंद कुमार ने सजा सुनाई है. जज ने आरोपी को तीन साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जबकि दूसरे आरोपी चोर की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है. जज ने पीड़ित दुकानदार को जुर्माने की रकम से दो हजार रुपये डेढ़ माह के भीतर प्रतिकर के रूप में दिए जाने के आदेश दिए हैं.

क्या है पूरा मामला

जिला शासकीय अधिवक्ता रविंद्र पचौरी ने बताया कि वादी योगेंद्र सिंह ने 20 फरवरी 1997 को कोतवाली में तहरीर दी थी कि उसकी बारदाना की दुकान जीटी रोड बाईपास सरायमीरा में है. 19 फरवरी को वह रोज की तरह दुकान बंद कर घर चला गया था. रात करीब एक बजे वह दुकान की देखभाल के लिए पहुंचा था. तभी दुकान के पीछे से खटपट की आवाज सुनाई दी. इसके बाद वह प्रदीन कुमार, अब्दुल कुद्दूश, राजेंद्र सिंह व उसके पुत्र आलोक ने सेंध लगाकर वारदाना चोरी कर रहे दो चोरों को दबोच लिया. पकड़े गए चोरों ने अपना नाम विनोद कुमार व खुशीराम बताया था.

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पुलिस ने मामला दर्ज कर चोरों को जेल भेज दिया था. पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र दाखिल किए. घटना के करीब 25 साल बीतने के बाद मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नन्द कुमार ने आरोपी विनोद कुमार को तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जज ने धारा 457 में दो साल व एक हजार रुपये, धारा 380 में तीन साल व एक हजार रुपये व धारा 411 में एक साल कारावास व एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी खुशीलाल की मौत हो गई थी.

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