कन्नौज : जिले के विशुनगढ़ थाना के धरनी धीरपुर नगरीय गांव में सोमवार शाम हिस्ट्रीशीटर के घर कुर्की का नोटिस चस्पा करने गई पुलिस टीम पर फायरिंग में शहीद कांस्टेबल सचिन राठी को मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान शहीद के परिवारवालों के साथ मंगेतर भी पार्थिव शरीर के पास रोती रही. मंगेतर ने सचिन के पार्थिव शरीर को कंधा भी दिया. परिवार वालों को सांत्वना देने समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण भी पहुंचे.
हिस्ट्रशीटर अशोक कुमार उर्फ मुन्ना यादव और उसके बेटे ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. सचिन की जांघ पर गोली लगी थी. सचिन को कानपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बताते हैं कि अत्यधिक रक्तस्राव से सचिन की हालत बिगड़ती ही गई और उन्हें बचाया नहीं जा सका. शहीद सिपाही सचिन राठी मुजफ्फरनगर के साडब्बर गांव के रहने वाले थे. सचिन 2019 में पुलिस में भर्ती हुए थे. 2020 में सचिन की पहली पोस्टिंग कन्नौज के सौरिख थाने में हुई थी. कुछ दिनों पूर्व चीता मोबाइल में सचिन राठी की ड्यूटी विशुनगढ़ थाना क्षेत्र में लगा दी गई थी.
कानपुर में सिपाही सचिन का पोस्टमार्टम करा पार्थिक शरीर कन्नौज भेज दिया गया. यहां शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. सचिन के साथी सिपाहियों का रो रोकर बुरा हाल था. सचिन के पार्थिव शरीर के पास बैठी उसकी मंगेतर कोमल बार-बार यही कह रही थी, वह विधवा हो गई है, कभी शादी नहीं करेगी. सचिन की यादों के सहारे जीवन जिएगी. मंगेतर कोमल सचिन के बूढ़े पिता वेदपाल को समझती तो कभी सचिन के भाई को. सचिन के बूढ़े पिता के आंसुओं को पुलिस कमिश्नर अलोक सिंह दिलासा देते रहे. सचिन को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई. इस पल वहां मौजूद सभी की आंखें नम थीं. वेदपाल के चार बच्चे हैं, जिसमे सचिन सबसे छोटे थे.
सचिन के पार्थिव शरीर को जब पुलिस लाइन से ले जाया गया तो समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण, पुलिस कमिश्नर अलोक सिंह, आईजी प्रशांत कुमार, कन्नौज के डीएम शुभ्रांत शुक्ला, अपर जिलाधिकारी आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक अमित मोहन आनंद के साथ मंगेतर कोमल ने भी अर्थी को कंधा दिया. दुखी कोमल पुरे समय सचिन के पार्थिव शरीर के पास मौजूद रही. शहीद सचिन के पार्थिव शरीर को उनके गृह जनपद मुजफ्फरनगर ले जाया गया. मीडिया से मंत्री असीम अरुण ने कहा कि पुलिस पर हमला करने वाल बख्शे नहीं जाएंगे. योगी सरकार शहीद सिपाही के परिजनों के साथ है. वही कानपुर मंडल के पुलिस कमिश्नर अलोक सिंह ने बताया कि कानून अपना काम कर रहा है. अपराधियों का मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर जल्द सजा दिलाई जाएगी.