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शर्मनाक: कन्नौज जिला अस्पताल में इलाज न मिलने से मासूम ने तोड़ा दम

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में इलाज के अभाव में एक बच्चे ने दम तोड़ दिया. पिता तेज बुखार से पीड़ित बच्चे को लेकर जिला अस्पताल में घंटों भटकता रहा, लेकिन बच्चे को इलाज नहीं मिल सका. इलाज के अभाव ने बच्चे ने दम तोड़ दिया. पिता ने डॉक्टरों पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है.

child died due to lack of treatment in kannauj
कन्नौज में इलाज के अभाव में बच्चे ने तोड़ा दम.
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Published : Jun 28, 2020, 7:12 PM IST

कन्नौज: जिला अस्पताल में एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही देखने को मिली. तेज बुखार से पीड़ित बच्चे को लेकर किसी तरह उसका पिता जिला अस्पताल आया. यहां घंटों भटकने के बाद भी उसके बच्चे को इलाज नहीं मिल पाया, जिससे मासूम ने दम तोड़ दिया.

जनपद के सदर कोतवाली क्षेत्र के मिश्रीपुर गांव के रहने वाले अनुज के ढाई वर्षीय बेटे को देर रात तेज बुखार आया था. गांव के डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला. इसके बाद वह किसी तरह बुखार से तप रहे बेटे को लेकर जिला अस्पताल आया.

जिला अस्पताल में अनुज अपने बीमार बेटे को लेकर भटकता रहा, लेकिन इलाज करने वाले धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर नहीं मिले. इस वजह से बुखार से तड़पते हुए मासूम बच्चे ने दम तोड़ दिया. बेटे की मौत के बाद माता-पिता की चीखें सुन इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर साहब आए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.

इससे पहले भी जिला अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आ चुकी है. तिर्वा क्षेत्र के रहने वाले दिनेश को पैसे न जमा करने की वजह से वापस लौटा दिया गया था. उसके बेटे के हाथ का प्लास्टर करना था. दिनेश काफी गरीब है. मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करता है.

लॉकडाउन की वजह से दिनेश की मजदूरी का काम भी बंद हो गया और उसके सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई. इसी बीच दिनेश के छोटे बेटे प्रताप का हाथ टूट गया. आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से वह अपने बेटे के हाथ में प्लास्टर कराने के लिए जिला अस्पताल गया, लेकिन वहां फीस के पैसे न होने पर उसे बाहर निकाल दिया गया.

ये भी पढ़ें: कन्नौज कोतवाली से गायब हो गईं बंदूकें और गोलियां

अस्पताल प्रशासन ने दिनेश से कहा कि पहले पैसे लेकर आओ तभी इलाज होगा. वहीं दिनेश ने आरोप लगाते हुए कहा था कि डॉक्टर द्वारा इलाज के लिए उससे 300 रुपये की मांग की जा रही थी.

कन्नौज: जिला अस्पताल में एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही देखने को मिली. तेज बुखार से पीड़ित बच्चे को लेकर किसी तरह उसका पिता जिला अस्पताल आया. यहां घंटों भटकने के बाद भी उसके बच्चे को इलाज नहीं मिल पाया, जिससे मासूम ने दम तोड़ दिया.

जनपद के सदर कोतवाली क्षेत्र के मिश्रीपुर गांव के रहने वाले अनुज के ढाई वर्षीय बेटे को देर रात तेज बुखार आया था. गांव के डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला. इसके बाद वह किसी तरह बुखार से तप रहे बेटे को लेकर जिला अस्पताल आया.

जिला अस्पताल में अनुज अपने बीमार बेटे को लेकर भटकता रहा, लेकिन इलाज करने वाले धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर नहीं मिले. इस वजह से बुखार से तड़पते हुए मासूम बच्चे ने दम तोड़ दिया. बेटे की मौत के बाद माता-पिता की चीखें सुन इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर साहब आए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.

इससे पहले भी जिला अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आ चुकी है. तिर्वा क्षेत्र के रहने वाले दिनेश को पैसे न जमा करने की वजह से वापस लौटा दिया गया था. उसके बेटे के हाथ का प्लास्टर करना था. दिनेश काफी गरीब है. मजदूरी करके किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करता है.

लॉकडाउन की वजह से दिनेश की मजदूरी का काम भी बंद हो गया और उसके सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई. इसी बीच दिनेश के छोटे बेटे प्रताप का हाथ टूट गया. आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से वह अपने बेटे के हाथ में प्लास्टर कराने के लिए जिला अस्पताल गया, लेकिन वहां फीस के पैसे न होने पर उसे बाहर निकाल दिया गया.

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अस्पताल प्रशासन ने दिनेश से कहा कि पहले पैसे लेकर आओ तभी इलाज होगा. वहीं दिनेश ने आरोप लगाते हुए कहा था कि डॉक्टर द्वारा इलाज के लिए उससे 300 रुपये की मांग की जा रही थी.

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