कन्नौज: समाजवादी पार्टी के प्रदेश में भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाने के एलान के बाद ब्राह्मण राजनीति गरमाने लगी है. जिले से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने सपा के ब्राह्मण प्रेम पर हमला बोला है. सांसद ने प्रेसवार्ता कर कहा कि जिस पार्टी का गठन ही ब्राह्मणों के विरोध और प्रदेश में ब्राह्मणों की बर्बादी के लिए हो, उसका अचानक ब्राह्मण प्रेम वोट की राजनीति से ज्यादा कुछ नहीं लगता.
कन्नौज: भगवान परशुराम की मूर्ति बनवाने को लेकर सांसद का पलटवार
सपा की ओर से प्रदेश में भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाने के एलान को लेकर सियासत होने लगी है. इसको लेकर कन्नौज भाजपा सासंद सुब्रत पाठक ने सपा पर हमला बोला है.
भाजपा सासंद सुब्रत पाठक
कन्नौज: समाजवादी पार्टी के प्रदेश में भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाने के एलान के बाद ब्राह्मण राजनीति गरमाने लगी है. जिले से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने सपा के ब्राह्मण प्रेम पर हमला बोला है. सांसद ने प्रेसवार्ता कर कहा कि जिस पार्टी का गठन ही ब्राह्मणों के विरोध और प्रदेश में ब्राह्मणों की बर्बादी के लिए हो, उसका अचानक ब्राह्मण प्रेम वोट की राजनीति से ज्यादा कुछ नहीं लगता.
एक निजी होटल में पत्रकारों से बात करते हुए सांसद सुब्रत पाठक ने मुलायम सिंह के शासन के दौरान जनपद में हुए नीरज मिश्रा हत्याकांड, पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर ब्राह्मण डॉक्टर को देख भड़कने सहित सपा के कई ब्राह्मण विरोधी मुद्दों को हवा दी. उन्होंने सपा शासन में सजातीयों को नौकरी देने के लिए ब्राह्मणों को जानबूझकर पीछे करने का आरोप लगाया. सांसद ने कहा कि ब्राह्मण सपा के जुल्मों से परेशान होकर साल 2007 में बसपा के साथ मजबूरी में चले गए थे. क्योंकि तब भाजपा सरकार बनाने की हालत में नही थी.
सांसद सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को 2019 के लोकसभा चुनाव में हराकर सपा के इस मजबूत किले को ढहाया था. माना जा रहा है प्रदेश में लगातार सजातियों की हत्याओं के बाद भाजपा से ब्राह्मणों का मोह भंग हो रहा है. ऐसे में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के ब्राह्मण प्रेम को देख भाजपा को अपना यह सबसे मजबूत वोट बैंक सपा की तरफ खिसकता दिखाई दे रहा है. इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व ने ब्राह्मण सांसदों को आगे भेजकर सपा के ब्राह्मण प्रेम पर हमले शुरू करवाए हैं.
एक निजी होटल में पत्रकारों से बात करते हुए सांसद सुब्रत पाठक ने मुलायम सिंह के शासन के दौरान जनपद में हुए नीरज मिश्रा हत्याकांड, पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर ब्राह्मण डॉक्टर को देख भड़कने सहित सपा के कई ब्राह्मण विरोधी मुद्दों को हवा दी. उन्होंने सपा शासन में सजातीयों को नौकरी देने के लिए ब्राह्मणों को जानबूझकर पीछे करने का आरोप लगाया. सांसद ने कहा कि ब्राह्मण सपा के जुल्मों से परेशान होकर साल 2007 में बसपा के साथ मजबूरी में चले गए थे. क्योंकि तब भाजपा सरकार बनाने की हालत में नही थी.
सांसद सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को 2019 के लोकसभा चुनाव में हराकर सपा के इस मजबूत किले को ढहाया था. माना जा रहा है प्रदेश में लगातार सजातियों की हत्याओं के बाद भाजपा से ब्राह्मणों का मोह भंग हो रहा है. ऐसे में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के ब्राह्मण प्रेम को देख भाजपा को अपना यह सबसे मजबूत वोट बैंक सपा की तरफ खिसकता दिखाई दे रहा है. इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व ने ब्राह्मण सांसदों को आगे भेजकर सपा के ब्राह्मण प्रेम पर हमले शुरू करवाए हैं.