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आशा कार्यकर्ता घर घर घूमकर बाहर से आए लोगों की करेंगी पहचान

लॉक डाउन के दौरान दूसरे राज्यों से गांव लौट रहे लोगों को चिन्हित करने का काम करेंगी आशा कार्यकर्ता. इसके साथ-साथ वह लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने का काम भी करेंगी.

स्वास्थ्य विभाग ने दी आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी
स्वास्थ्य विभाग ने दी आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी
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Published : Apr 2, 2020, 9:43 PM IST

कन्नौजः लॉक डाउन के दौरान दूसरे राज्यों से गांव लौट रहे लोगों को चिन्हित करने का काम करेंगी आशा कार्यकर्ता. स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने इस बारे में प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजकर सूचना दी साथ ही इसका कड़ाई से पालन भी सुनिश्चित कराने को कहा है. इस काम के लिए आशा कार्यकर्ताओं को अप्रैल और मई में एक-एक हजार रूपये अतिरिक्त प्रतिपूर्ति राशि दी जाएगी. आशा संगिनी को भी इस दौरान क्षेत्र के प्रति अतिरिक्त भ्रमण पर 100 रूपये और अधिकतम 500 रूपये प्रतिमाह दिए जायेंगे.

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स्वास्थ्य विभाग ने दी आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी

आशा कार्यकर्ता बाहर से आए लोगों की करेंगी पहचान

​आशा कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वह अपने क्षेत्र के सभी घरों का भ्रमण करें और ऐसे घरों को चिन्हित करें जहाँ 14 दिनों के भीतर अन्य राज्यों या शहरों से लोग आए हों. ऐसे लोगों की भी लाइन लिस्टिंग करें जो किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आये हों. ऐसे लोगों व परिवारों की सूची आशा कार्यकर्ता आशा संगिनी के माध्यम से ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) को दें, जिसे वह अपलोड करेंगे ताकि उसको ब्लॉक, जिला व मंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक के अधिकारी देख सकें.

संदिग्ध केसों की करेंगी पहचान

इसके अलावा वह कोरोना के संदिग्ध केसों की पहचान कर समय से रेफर करने का भी काम करेंगी. ये कार्यकर्ता होम क्वारंटाइन किये गए लोगों का फालो-अप करेंगी. आशा कार्यकर्त्ता पिछले 15 दिनों के भीतर बाहर की यात्रा करने वालों पर भी नजर रखेंगी. इसके साथ ही 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और पहले से ही डायबिटीज, हाईपरटेंशन, हृदय और स्वसन सम्बन्धी बीमारी से ग्रसित लोगों के घरों का भ्रमण करेंगी.

रोज 25 से 30 घर घूमेंगी कार्यकर्ता

आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन 25 से 30 घरों का भ्रमण करना होगा ताकि आठ कार्य दिवसों में वह अपने कार्यक्षेत्र का गृह भ्रमण पूर्ण कर सकें. शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को 16 कार्यदिवसों में अपने कार्य क्षेत्र में गृह भ्रमण का कार्य पूर्ण करना है. यदि किसी कार्य क्षेत्र में आशा नहीं हैं तो अन्य किसी कर्मी/वालंटियर के द्वारा कार्य कराया जाएगा. इसके अलावा संदिग्ध केसों के घरों का भी फॉलो आशा कार्यकर्ता.

आशा कार्यकर्ता कोरोना के प्रति लोगों को करेंगी जागरूक

आशा कार्यकर्ता लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक भी करेंगी. ​गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य जैसे बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ के बारे में जानकारी लेंगी और परिवार के किसी भी सदस्य में इस तरह के लक्षण हैं तो उन्हें जरूरी सावधानी बरतने के बारे में बतायेंगी.

कन्नौजः लॉक डाउन के दौरान दूसरे राज्यों से गांव लौट रहे लोगों को चिन्हित करने का काम करेंगी आशा कार्यकर्ता. स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने इस बारे में प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भेजकर सूचना दी साथ ही इसका कड़ाई से पालन भी सुनिश्चित कराने को कहा है. इस काम के लिए आशा कार्यकर्ताओं को अप्रैल और मई में एक-एक हजार रूपये अतिरिक्त प्रतिपूर्ति राशि दी जाएगी. आशा संगिनी को भी इस दौरान क्षेत्र के प्रति अतिरिक्त भ्रमण पर 100 रूपये और अधिकतम 500 रूपये प्रतिमाह दिए जायेंगे.

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स्वास्थ्य विभाग ने दी आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी

आशा कार्यकर्ता बाहर से आए लोगों की करेंगी पहचान

​आशा कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वह अपने क्षेत्र के सभी घरों का भ्रमण करें और ऐसे घरों को चिन्हित करें जहाँ 14 दिनों के भीतर अन्य राज्यों या शहरों से लोग आए हों. ऐसे लोगों की भी लाइन लिस्टिंग करें जो किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आये हों. ऐसे लोगों व परिवारों की सूची आशा कार्यकर्ता आशा संगिनी के माध्यम से ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) को दें, जिसे वह अपलोड करेंगे ताकि उसको ब्लॉक, जिला व मंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक के अधिकारी देख सकें.

संदिग्ध केसों की करेंगी पहचान

इसके अलावा वह कोरोना के संदिग्ध केसों की पहचान कर समय से रेफर करने का भी काम करेंगी. ये कार्यकर्ता होम क्वारंटाइन किये गए लोगों का फालो-अप करेंगी. आशा कार्यकर्त्ता पिछले 15 दिनों के भीतर बाहर की यात्रा करने वालों पर भी नजर रखेंगी. इसके साथ ही 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और पहले से ही डायबिटीज, हाईपरटेंशन, हृदय और स्वसन सम्बन्धी बीमारी से ग्रसित लोगों के घरों का भ्रमण करेंगी.

रोज 25 से 30 घर घूमेंगी कार्यकर्ता

आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन 25 से 30 घरों का भ्रमण करना होगा ताकि आठ कार्य दिवसों में वह अपने कार्यक्षेत्र का गृह भ्रमण पूर्ण कर सकें. शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को 16 कार्यदिवसों में अपने कार्य क्षेत्र में गृह भ्रमण का कार्य पूर्ण करना है. यदि किसी कार्य क्षेत्र में आशा नहीं हैं तो अन्य किसी कर्मी/वालंटियर के द्वारा कार्य कराया जाएगा. इसके अलावा संदिग्ध केसों के घरों का भी फॉलो आशा कार्यकर्ता.

आशा कार्यकर्ता कोरोना के प्रति लोगों को करेंगी जागरूक

आशा कार्यकर्ता लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक भी करेंगी. ​गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य जैसे बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ के बारे में जानकारी लेंगी और परिवार के किसी भी सदस्य में इस तरह के लक्षण हैं तो उन्हें जरूरी सावधानी बरतने के बारे में बतायेंगी.

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